यह बताना मुश्किल है कि नाम रखने का चलन कब और कहाँ से शुरू हुआ। इतना समझ में आता है कि नाम का रिश्ता पहचान से है। नाम व्यक्ति का ही नहीं वस्तु, वर्ग, समूह, समुदाय, स्थान, जाति, विषय वगैरह-वगैरह के होते हैं। यानी पहली बात पहचान की है। इस पहचान को कोई ध्वनि दी गई। वही नाम है। शुरू में नाम किसी जानवर को दिया गया होगा या किसी फल को या किसी तालाब, नदी या पेड़ को। पेड़ और फल को अलग-अलग पहचानने के लिए ऐसा करना पड़ा होगा। जबतक थोड़े से लोग होंगे नाम की जरूरत नहीं रही होगी, पर जब लोगों की संख्या बढ़ी होगी तब नाम भी बने होंगे। भाषा और लेखन का विकास होने पर इसमें सुधार हुए होंगे। बहरहाल दुनिया की सभी सभ्यताओं में व्यक्तियों के नाम मिलते हैं। यानी मनुष्य का नामकरण प्रागैतिहासिक काल में हो गया था।
सुरक्षा और युद्ध के लिए कुत्तों का इस्तेमाल कब से होता रहा है?
कहा जाता है कि जब महाभारत का युद्ध समाप्त हो गया तब पांडव सशरीर स्वर्ग जाने के लिए हिमालय की ओर चल दिए। उस दुर्गम यात्रा में युधिष्ठिर के सभी भाई एक-एक कर गिरते गए, सिर्फ एक कुत्ता उनके साथ रहा। जब इन्द्र स्वयं रध लेकर उनके पास आए तब युधिष्ठिर ने कहा मेरे साथ यह कुत्ता भी जाएगा, इसने मेरा इतना साथ दिया है। इन्द्र ने आनाकानी की तब कुत्ते में स्थित धर्मराज प्रकट हुए। उन्होंने कहा मैं निरंतर इनके साथ था। बहरहाल कुत्ते हजारों साल से इंसान का साथ दे रहे हैं। प्रचान मिस्र, यूनान, रोम, फारस सभी सभ्यताओं में कुत्ते युद्ध में हिस्सा लेते रहे हैं। दूसरे विश्वयुद्ध में कुत्तों के शरीर में बारूद बाँधकर उन्हें दुश्मन के टैंकों के आगे छोड़ दिया जाता था। यह क्रूर था, पर ऐसा हुआ। चूंकि कुत्तों में सूघने, सुनने और शत्रु-मित्र का भेद करने की अद्भुत क्षमता होती है, इसलिए उनका इस्तेमाल होता रहा है।
मुहम्मद रफी ने सबसे पहले किस फिल्म के लिए गीत गाया?
मुहम्मद रफी ने सन 1941 में पंजाबी फिल्म गुल बलोच में पहला युगल गीत गाया गायिका जीनत बेगम के साथ-सोनिए नी, हीरिए नी। संगीतकार थे श्याम सुन्दर। यह फिल्म 1944 में रिलीज़ हुई। 1944 में ही उन्हें श्याम सुन्दर ने हिन्दी फिल्म गाँव की गोरी में जीएम दुर्रानी के साथ युगल गीत गाने का मौका दिया, जिसके बोल थे-आज दिल हो काबू में तो दिलदार की ऐसी-तैसी। रफी ने छोटे मोटे रोल भी किए।
प्लेन और रॉकेट जब हम उड़ते हुए देखते हैं तब उनके दिखाई देने के काफी देर बाद उनकी आवाज आती है। ऐसा क्यों?
इसकी वजह यह है कि प्रकाश की गति आवाज की गति से कहीं ज्यादा होती है। हालांकि दोनों की गति उन माध्यमों पर निर्भर करती है, जिनसे होकर वे गुजरते हैं। प्रकाश शून्य माध्यम से भी गुजर सकता है, पर आवाज को माध्यम चाहे। बहरहाल प्रकाश एक सेकंड में करीब तीन लाख किमी चलता है वहीं सामान्य वायुमंडल में आवाज एक सेकंड में तीन-सवा तीन सौ मीटर ही चल पाती है।
जब हम भावुक होते हैं तब हमारे दिल में दर्द क्यों होता है और आँखों में आँसू क्यों आ जाते हैं?
इसका रिश्ता हमारे मस्तिष्क से है। हाल में अमेरिका के एरीज़ोना विवि में एक अध्ययन से पता लगा है कि जब हम पीड़ित होते हैं तब मस्तिष्क का एक इलाका जिसे एंटेरियर सिंग्युलेट कॉर्टेक्स सक्रिय होता है। इसके साथ ही वेगस नर्व सक्रिय हो जाती है जो गर्दन, सीने और पेट को जोड़ती है। इससे सीने में दर्द और पेट में भी दर्द होता है। इसके साथ ही आँखों की लैक्रिमल ग्लैंड्स को भी मस्तिष्क सक्रिय करता है जिससे आँसू निकलते हैं।
भारत में क्या ऐसे साँप पाए जाते हैं जो अपने लिए घोंसला बनाते हैं?
भारतीय नाग या किंग कोबरा ही अपने लिए घोसला बनाने वाला साँप माना जाता है। यह घोसला नागिन अपने अंडे रखने के लिए बनाती है, जिन्हें 65 से 80 दिन तक सोना पड़ता है। य़ह घोंसला किसी गड्ढे या बिल में पत्तियाँ और छोटी लकड़ियाँ जमा करके बनता है।
सोया मिल्क क्या है और इसके फायदे क्या हैं?
सोया मिल्क सोयाबीन को पानी में भिगाकर और फिर पीसकर पानी का घोल बनाकर तैयार किया जाता है। इसमें स्वाद और खुशबू भी मिलाई जा सकती है। इसके गुण गाय के दूध जैसे ही होते हैं।
आबादी के हिसाब से दुनिया का सबसे छोटा देश कौन सा है?
प्रशांत महासागर में पिटकेयरन सम्भवतः दुनिया की सबसे छोटी आबादी वाला देश है। जहां 50 के आसपास लोग रहते हैं। यह देश ब्रिटिश ओवरसीज़ टैरीटरी है, पर अपनी संसदीय व्यवस्था है। इस लिहाज से यह दुनिया का सबसे छोटा लोकतंत्र है। तोकेलाओ 1100 और नियू 1500। तुवालू और नाउरू 10,000। वैटिकन सिटी की आबादी करीब 500 है।
पंखे का आविष्कार किसने किया?
पंखे से आपका आशय हाथ के पंखे से है तो वे प्राचीन सभ्यताओं में थे। विजली से चलने वाले पंखे उन्नीसवीं सदी की देन हैं। छत पर लगे पंखें 1860 के आसपास अमेरिका में बनने लगे थे, पर वे बिजली से नहीं चलते थे। उन्हें पानी की धारा से चलाया जाता था, जैसे पनचक्की चलती है। सन 1882 में अमेरिका में ही फिलिप डील नाम के इंजीनियर ने बिजली का पंखा चलाया। इसमें वही मोटर लगाई गई जो सिंगर मशीन में लगी थी।
इंसान के दांत कितने साल तक निकलते हैं?
मनुष्य दूसरे मैमल्स की तरह डाईफायोडेंट प्राणी है। अर्थात उसके दो बार दांत निकलते हैं। पहली बार बच्चे के छह महीने के आसपास। ये प्राइमरी दांत करीब 20 होते हैं और छह साल की उम्र तक रहते हैं। इसके बाद स्थायी दांत निकलते हैं, जिनकी संख्या 32 तक होती है। छह से दस-ग्यारह साल तक की उम्र में दूध के दांतों का गिरना और स्थायी दांतों के आने का काम चलता है।
हमारे शरीर में कितनी नसें होतीं हैं?
हमारे शरीर में नसों को आर्टरीज़, वेंस और कैपीलरीज़ के नाम से जानते हैं। इसे कार्डियोवैस्क्यूलर सिस्टम कहते हैं। हृदय के आधार से शुरू होकर ये शिराएं पूरे शरीर में फैल जाती है। अपने सबसे छोटे रूप में ये कैपीलरी कहलाती हैं। आर्टरीज़ हृदय से खून लेकर जाती हैं और वेंस खून वापस लाती हैं। इनकी संख्या लाखों में होती है। एक इंसान के शरीर की नसों को एक साथ जोड़ा जा सके तो इनकी लम्बाई करीब एक लाख किलोमीटर होगी।
ट्यूबलाइट का आविष्कार किसने किया?
जर्मन ग्लासब्लोवर हेनरिच जीस्लर ने 1856 में ट्यूबलाइट का आविष्कार किया।
सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण साल में कितनी बार होते हैं?
ग्रहणों को सम्बन्ध चन्द्रमा, सूर्य और पृथ्वी स्थिति पर निर्भर करता है। सामान्यतः साल में चार से सात तक ग्रहण होते हैं। सात के अवसर ज्यादा नहीं आते। मसलन 1908 में चार चन्द्र और तीन सूर्य ग्रहण हुए। अब 2038 में ऐसा होगा। इसी तरह 1917 और 1973 में चार सूर्य और तीन चन्द्र ग्रहण हुए। अब 2094 में ऐसा होगा। 1934 में पाँच सूर्य और दो चन्द्र ग्रहण हुए।
भारतीय रेलवे में कुल कितनी पटरियाँ हैं?
भारतीय रेलवे की पटरियों की कुल लम्बाई करीब एक लाख तेरह हजार किलोमीटर है।
6 और 9 अगस्त 1945 को हिरोशिमा और नागासाकी में एटम बम गिरने से कितने लोगों की मौत हुई?
बम गिरने के बाद दो महीने के भीतर हिरोशिमा में 90 हजार से एक लाख छियासठ हजार और नागासाकी में साठ से अस्सी हजार लोग मरे थे। इसके बाद भी मौतें होती रहीं।
एफएम गोल्ड के कार्यक्रम बारिश सवालों की में प्रसारित
bhtrin jaankariyaan ke liyen dhnyvaad ...akhtar khan akela kota rajsthan
ReplyDeleteThank you
ReplyDeleteImportant chize batane ke liyeliye.