इसबार चिकित्सा के क्षेत्र में तीन वैज्ञानिकों, अमेरिका की मैरी ब्रन्को, फ्रेड रैम्सडेल और जापान के शिमोन सकागुची को नोबेल सम्मान दिया गया है, जो पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस पर काम कर रहे हैं। इम्यून सिस्टम शरीर का जटिल नेटवर्क है जो कोशिकाओं, ऊतकों, अंगों और प्रोटीनों से मिलकर बनता है। यह शरीर को संक्रमण, बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी, कैंसर कोशिकाओं और अन्य हानिकारक पदार्थों से बचाता है। इसके मुख्य घटक हैं, कोशिकाएं: श्वेत रक्त कोशिकाएं (लिम्फोसाइट्स जैसे बी-सेल्स और टी-सेल्स), फागोसाइट्स (जैसे मैक्रोफेज और न्यूट्रोफिल्स), नेचुरल किलर सैल्स आदि। बी-सैल्स एंटीबॉडी बनाते हैं, जबकि टी-सेल्स संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट करते हैं। अंग: थाइमस (टी-सेल्स को परिपक्व बनाता है), स्प्लीन (रक्त को छानता है और पुरानी कोशिकाओं को नष्ट करता है), लिम्फ नोड्स, बोन मैरो आदि। प्रोटीन और अन्य: एंटीबॉडी, साइटोकाइन्स, कॉम्प्लिमेंट सिस्टम जो रोगाणुओं को चिह्नित और नष्ट करते हैं। यह दो मुख्य भागों में काम करता है: जन्मजात (इनेट) और अनुकूली (एडैप्टिव) प्रतिरक्षा। दोनों एकसाथ मिलकर रक्षा करते हैं। कुल मिलाकर, इम्यून सिस्टम एंटीजन को पहचानता है, खत्म करता है। यह कमजोर हो या ज्यादा सक्रिय हो, तो संक्रमण या ऑटोइम्यून रोग हो सकते हैं। स्वस्थ आहार, व्यायाम और नींद इसे ठीक रखते हैं।
राजस्थान
पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 18 अक्तूबर, 2025 को प्रकाशित
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