हाल में खबर थी कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के ईमेल सिस्टम में बड़ा बदलाव आया है। लगभग 12 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के ईमेल, जिनमें प्रधानमंत्री कार्यालय के कर्मचारी भी शामिल हैं, ज़ोहो में शुरू हो गए हैं। शिक्षा मंत्रालय ने गत 3 अक्तूबर को एक आदेश जारी किया, जिसमें अधिकारियों को ज़ोहो अपनाने का निर्देश दिया गया था। सरकार का उद्देश्य स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देना और सुरक्षित, घरेलू डिजिटल इकोसिस्टम तैयार करना है। ज़ोहो मेल क्लाउड-आधारित ईमेल सेवा है जो व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपयोग के लिए डिज़ाइन की गई है। इसे ज़ोहो कॉरपोरेशन ने विकसित किया है, जो भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी है। यह जीमेल या आउटलुक जैसी अन्य ईमेल सेवाओं का मजबूत विकल्प है। यह विज्ञापन-मुक्त है, डेटा को एनक्रिप्ट करता है और आपका डेटा कभी तीसरे पक्ष को नहीं बेचता। यह पूरी दुनिया में उपलब्ध है। ज़ोहो कॉरपोरेशन के 80 से अधिक देशों में ऑफिस होने के कारण इसका वैश्विक स्तर पर इस्तेमाल होता है। मुख्य यूजर अमेरिका (44%), भारत (15%) और ब्राजील (11%) से हैं। फ्री प्लान कुछ चुनिंदा क्षेत्रों रीजन जैसे अमेरिका, भारत में उपलब्ध है, लेकिन सभी देशों में पेड प्लांस समान हैं।
राजस्थान
पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 25 अक्तूबर 2025 को प्रकाशित

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