भारत में जल्द ही ऐसी व्यवस्था शुरू होने वाली है, जिससे आपके फोन पर आने वाली कॉलर का केवल नंबर ही नहीं उसका नाम भी आएगा, जिसपर सिम रजिस्टर हुआ है। यह वर्तमान कॉलिंग पहचान से आगे का कदम है, जिसमें केवल कॉल करने वाले का नंबर प्रदर्शित होता है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इस कॉलर आईडी प्रणाली को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसका नाम है कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (सीएनएपी)। इस सुविधा का इन दिनों परीक्षण किया जा रहा है और आशा है कि 31 मार्च, 2026 तक देशभर में इसका रोल आउट हो जाएगा। कोई भी मोबाइल फोन धारक इस सुविधा का लाभ ले सकेगा और चाहे तो इसे हटा भी सकेगा। इसके लॉन्च होते ही यह दुनिया का सबसे बड़ा वैरीफाइड कॉलर आईडी सिस्टम होगा। इससे स्पैम और फर्जी कॉल रोकने में आसानी होगी। इसके बाद ट्रू कॉलर जैसे थर्ड पार्टी ऐप की जरूरत नहीं होगी। ट्रूकॉलर जैसी थर्ड पार्टी सेवाएँ क्राउड-सोर्स जानकारी पर निर्भर करती हैं और कई बार गलत भी होती हैं। सीएनएपी कॉलर के केवाईसी रिकॉर्ड के आधार पर उसका नाम कॉल रिसीव करने वाले को दिखाएगा।

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