Thursday, September 12, 2013

आपको याहू का पूरा नाम मालूम है?

याहू बड़ा विचित्र नाम है। इसे किसने स्थापित किया?



याहू डॉट कॉम की स्थापना अमरीका के स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालय में इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रहे दो छात्रों, डेविड फ़िलो और जैरी यांग ने 1994 में की थी। यह वेबसाइट जैरी ऐन्ड डेविड्स गाइड टू द वर्ल्ड-वाइड-वैब के नाम से शुरु हुई थी लेकिन फिर उसे एक नया नाम मिला, यट अनदर हाइरार्किकल ऑफ़िशियस ओरैकिल ("Yet Another Hierarchical Officious Oracle")। जिसका संक्षिप्त रूप बनता है याहू। इसमें हायरार्किकल से आशय है कि परत दर परत काम। जैरी और डेविड ने इसकी शुरुआत इंटरनेट पर अपनी व्यक्तिगत रुचियों के लिंकों की एक गाइड के रूप में की थी लेकिन फिर वह बढ़ती चली गई। फिर उन्होंने उसे श्रेणीबद्ध करना शुरु किया। जब वह भी बहुत लम्बी हो गई तो उसकी उप-श्रेणियां बनाईं। कुछ ही समय में उनके विश्वविद्यालय के बाहर भी लोग इस वेबसाइट का प्रयोग करने लगे। अप्रैल 1995 में सैकोया कैपिटल कम्पनी की माली मदद से याहू को एक कम्पनी के रूप में शुरू किया गया। इसका मुख्यालय कैलिफ़ोर्निया में है और यूरोप, एशिया, लैटिन अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका में इसके कार्यालय हैं। comScore, Inc. के अनुसार जुलाई 2013 में याहू की वैबसाइट पर अमेरिका के विजिटरों की संख्या गूगल से ज्यादा थी।

तेरह की संख्या को खराब क्यों माना जाता है?

एक कारण यह है कि साल में बारह महीने, बारह चंद्रमा होते हैं। इसलिए 13 वाँ अनिश्चित और रहस्यमय मान लिया गया। तेरह को मूलतः ईसाई परम्परा में मनहूस माना जाता है। ईसाई इसे इसलिए अशुभ मानते हैं क्योंकि ईसा मसीह ने अपने अनुयायियों के साथ जो अंतिम भोज किया था उसमें जूडस समेत तेरह लोग थे। कहते हैं कि जूडस ने ईसा के साथ विश्वासघात किया जिसके फलस्वरूप ईसा को सूली चढ़ाया गया। चूंकि ईसा मसीह को शुक्रवार के दिन सूली पर चढ़ाया गया था इसलिए शुक्रवार को भी शुभ दिन नहीं माना जाता। शुक्रवार के दिन 13 तारीख़ पड़े तो उसे और भी अशुभ मानते हैं। संयोग से 13 सितम्बर 2013 को शुक्रवार है।  कई होटलों में 13 नम्बर के कमरे नहीं होते। बिल्डिंगों में तेरहवीं मंजिल नहीं होती। 12 के बाद 12-ए या सीधे 14 नम्बर आ जाता है। बहरहाल ऐसे लोग भी हैं, जिनके लिए 13 लकी नम्बर है।

दिल्ली राज्य कब बना और उसके पहले मुख्यमंत्री कौन थे?

दिल्ली की स्थिति देश में सबसे अलग है। केन्द्र शासित क्षेत्र होते हुए भी इसकी विधानसभा है और इसके शासन प्रमुख मुख्यमंत्री होते हैं। दिल्ली में सबसे पहले विधानसभा 17 मार्च 1952 को बनी थी। उस समय यहाँ के पहले मुख्यमंत्री थे चौधरी ब्रह्म प्रकाश। राज्यों के पुनर्गठन के बाद 1956 में इसे केन्द्र शासित क्षेत्र बना दिया और विधानसभा खत्म हो गई। इसके बाद 1991 में संविधान के 69 वें संशोधन के बाद 1993 में यहाँ विधानसभा की पुनर्स्थापना हुई। दिल्ली को नेशनल कैपिटल टैरिटरी बनाया गया। सन 1991 में भारतीय संसद में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अधिनियम पास हुआ जिसके अधीन दिल्ली को राज्य का दर्जा मिला। केवल क़ानून और व्यवस्था केंद्र सरकार के हाथों में रही। ये अधिनियम 1993 में लागू हुआ और विधानसभा के चुनाव हुए जिसमें भारतीय जनता पार्टी विजयी रही और पहले मुख्यमंत्री बने मदन लाल खुराना।

लिपस्टिक का इतिहास क्या है? यह कैसे बनाई जाती है? इसमें लगी चीजें पेट में चले जाने से कोई नुक़सान तो नहीं होता?

लिपस्टिक या होठों को रंगने का काम सभ्यता के पहले से हो रहा है। प्राचीन मेसोपोटामिया में स्त्रियाँ कीमती रत्नों को पीसकर उनका लेप होठों पर लगाती थीं। सिंधु घाटी की सभ्यता और प्राचीन मिस्र की सभ्यता में भी होठों को सजाने की वस्तुएं मिलीं हैं। इस्लाम के स्वर्णयुग में अरबी हकीम और जर्राह अबू अल कासिम अल बहराबी ने खुशबूदार बत्तियाँ बनाईं जिनसे होंठ सजाए जाते। यूरोप में ईसाई चर्च होठों को सजाने के विरोधी थे। पर इंग्लैंड में 16 वीं सदी में एलिजाबेथ प्रथम अपने होंठ लाल रंग से रंगतीं थीं। धीरे-धीरे यूरोप ने भी इसे स्वीकार कर लिया।
लिपस्टिक में कई तरह के मोम, तेल, रंग और त्वचा को मुलायम बनाने वाले पदार्थ होते हैं। इन्हें बारीक पीसा जाता है, उसमें कई तरह के मोम और तेल, जिसमें पैट्रोलेटम भी शामिल है मिलाए जाते हैं और फिर उस घोल को गर्म किया जाता है। उसके बाद इसे धातु के खांचों में ढालकर ठंडा किया जाता है। जब लिप्स्टिक जम जाती है तो उसे आधा सेकेंड के लिए आग की लपट दिखाई जाती है जिससे वह चिकनी हो जाए। लिप्स्टिक शरीर के तापमान से पिधल न जाए इसके लिए सैट्ल ऐलकोहल मिलाया जाता है। लेकिन इसमें प्रयोग होने वाले रसायनों से कोई नुक़सान नहीं होता क्योंकि ये बहुत कम मात्रा में होते हैं।

मल्टी मीडिया क्या है?

मल्टी का मतलब है विविध और मीडिया का अर्थ है प्रसार माध्यम। यानी कई तरह के प्रसार माध्यमों को मल्टी मीडिया कहा जाता है। लेकिन मल्टी मीडिया शब्द का प्रयोग कम्प्यूटर के संदर्भ में अधिक होता है। मल्टी मीडिया उसे कहते हैं जिसमें लिखित शब्द, चित्र, ध्वनि, बोली, विडियो और कम्प्यूटर प्रोग्रामों में से दो या दो से ज़्यादा तत्व हों। रेडियो में ध्वनि और बोली का प्रयोग होता है, अख़बारों और पत्रिकाओं में लिखित शब्द और चित्र का और टेलिविज़न में लिखित शब्द, ध्वनि, बोली और चित्र का समावेश होता है। टेलिविज़न एकतरफ़ा माध्यम है, जबकि कम्प्यूटर का प्रयोग करने वाला इटर-एक्टिटी क्रिया प्रतिक्रिया कर सकता है, जब चाहे जैसे चाहे उसका उपयोग कर सकता है।

हरित क्रांति क्या है? इसका इतिहास क्या है? भारत से इसका सम्बन्ध क्या है?

दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद जब विजयी अमरीकी सेना जापान पहुंची तो उसके साथ कृषि अनुसंधान सेवा के ऐस सिसिल सैल्मन भी थे। तब सबका ध्यान इस बात लगा कि जापान का पुनर्निर्माण कैसे हो। सैल्मन का ध्यान खेती पर था। उन्हें नोरिन-10 नामकी गेंहू की एक क़िस्म मिली जिसका पौधा कम ऊँचाई का होता था और दाना काफ़ी बड़ा होता था। सैल्मन ने इसे और शोध के लिए अमेरिका भेजा। तेरह साल के प्रयोगों के बाद 1959 में गेन्स नाम की क़िस्म तैयार हुई। अमेरिकी कृषि विज्ञानी नॉरमन बोरलॉग ने गेहूँ कि इस किस्म का मैक्सिको की सबसे अच्छी क़िस्म के साथ संकरण किया और एक नई क़िस्म निकाली।
उधर भारत में अनाज की उपज बढ़ाने की सख़्त ज़रूरत थी। भारत को बोरलॉग और गेहूं की नोरिन क़िस्म का पता चला। भारत में आईआर-8 नाम का बीज लाया गया जिसे इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने विकसित किया था। पूसा के एक छोटे से खेत में इसे बोया गया और उसके अभूतपूर्व परिणाम निकले। 1965 में भारत ने गेंहू की नई क़िस्म के 18 हज़ार टन बीज आयात किए। कृषि क्षेत्र में ज़रूरी सुधार लागू किए, कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों को जानकारी उपलब्ध कराई, सिंचाई के लिए नहरें बनवाईं और कुंए खुदवाए, किसानों को दामों की गारंटी दी और अनाज को सुरक्षित रखने के लिए गोदाम बनवाए। देखते ही देखते भारत अपनी ज़रूरत से ज़्यादा अनाज पैदा करने लगा। नॉरमन बोरलॉग हरित क्रांति के प्रवर्तक माने जाते हैं लेकिन भारत में हरित क्रांति लाने का श्रेय कृषिमंत्री सी सुब्रमण्यम को भी जाता है। हरित क्रांति शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल युनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएड) के पूर्व डायरेक्टर विलियम गॉड ने सन 1968 में किया।

सैटेलाइट फ़ोन क्या होता है और कैसे काम करता है?

सैटलाइट फ़ोन पृथ्वी की कक्षा में स्थित सैटेलाइटों के ज़रिए काम करता है इसलिए आप चाहे हिमालय पर हों, अंटार्कटिका में या दुनिया के किसी भी कोने में वह हर जगह काम करता है। ऐसे कोई 24 उपग्रह हैं जो पृथ्वी के हर क्षेत्र से जुड़े हैं। अभी तकनोलॉजी इतनी विकसित नहीं हो पाई है कि घर के भीतर से आप सैटलाइट फ़ोन पर बात कर सकें। इसके लिए आपको खुले स्थान में आना पड़ता है और एक डिश की सहायता से उपग्रह का सिग्नल लेना पड़ता है। जैसे ही सिग्नल मिल जाए आप दुनिया के किसी कोने से कहीं भी बात कर सकते हैं।

हाइड्रोग्राफ़िक सर्वे क्या है?

हाइड्रोग्राफ़िक सर्वे, समुद्र का वैज्ञानिक मानचित्र होता है। इसमें यह पता लगाया जाता है कि समुद्र की गहराई कितनी है, उसकी क्या आकृति है, उसका तल कैसा है, उसमें किस दिशा से और कितनी गति की धाराएं बहती हैं और उसमें कब और कितना ऊँचा ज्वार आता है। इसका उद्देश्य है नौसंचालन को सुरक्षित बनाना। समुद्र के अलावा झीलों और नदियों का भी हाइड्रोग्राफ़िक सर्वे किया जाता है लेकिन केवल उस स्थिति में जब इनमें जहाज़ चलते हों। भारत में 1 जनवरी 1954 को नेवल हाइड्रोग्राफिक ऑफिस देहरादून में खोला गया। भारत के पास इस समय देश में ही बने आठ सर्वे पोत हैं, चार सर्वे मोटर बोट और दो हैलिकॉप्टर हैं।
 
अमिताभ बच्चन की पहली फ़िल्म कौन सी थी? 

अमिताभ बच्चन ने सबसे पहले जिस फिल्म में काम किया उसमें उनका अभिनय नहीं सिर्फ आवाज थी। वह फिल्म थी मृणाल सेन की भुवन शोम, जिसमें उन्होंने दृश्य वर्णन या नैरेशन का काम किया। यह 1969 की बात है और उसी साल अभिनय के लिहाज से उनकी पहली फ़िल्म आई सात हिंदुस्तानी। इसे ख़्वाजा अहमद अब्बास ने लिखा और उन्होंने ही इसका निर्देशन किया। इसमें अलग अलग धर्मों के सात हिन्दुस्तानी गोआ को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराने का प्रयास करते हैं। अमिताभ बच्चन ने अनवर अली अनवर नाम के एक शायर की भूमिका निभाई थी।

एफएमगोल्ड के कार्यक्रम बारिश सवालों की में शामिल

2 comments:

  1. आज की विशेष बुलेटिन 625वीं बुलेटिन और एकता की मिसाल में आपकी इस पोस्ट को भी शामिल किया गया है। सादर .... आभार।।

    ReplyDelete
  2. वाह सर जी बहुत ही काम की जानकारियां दी हैं आपने

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...