नवविवाहिता द्वारा गृहप्रवेश पर अनाज से भरे कलश को
पाद-प्रहार से गिराने का क्या औचित्य है?
राजस्थान पत्रिका के मी नेक्स्ट में प्रकाशित 07 दिसम्बर 2014
धर्म ग्रंथों के अनुसार वधू को लक्ष्मी का रूप माना गया है।
उसके गृह-प्रवेश को लक्ष्मी का प्रवेश माना जाता है। यह प्रवेश शुभ मुहूर्त में होना
चाहिए। नव-वधू पहले अपना दाहिना पैर घर की देहरी पर रखती है और प्रायः अलग-अलग
प्रांतों की परम्परा के अनुसार चावल या अनाज से भरे पात्र को पैर से लुढ़काती है।
इससे चावल चारों और बिखर जाते हैं। धान समृद्धि के प्रतीक हैं। नव-वधू का प्रवेश
घर में सुख और समृद्धि के प्रवेश से जोड़ा जाता है।
भोजन करने के तुरंत बाद नींद या झपकी क्यों आती
है? इसका वैज्ञानिक कारण
क्या है?
कार्बोहाइड्रेट, चिकनाई और शक्कर के सेवन के बाद जैसे ही ये
पदार्थ हमारे पेट के भीतर छोटी आंत तक पहुँचते हैं दिमाग पूरे शरीर को संदेश भेजता
है कि आराम करो। इसे पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम कहते हैं। इसका मतलब है कि अब
भोजन पचाने का समय है शरीर को दूसरे कामों के रोको। शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क के
हाइपोथैल्मस क्षेत्र में ओरेक्सिन न्यूरॉन्स का पता लगाया है जो ग्लूकोज का स्तर
बढ़ते ही सक्रिय हो जाते हैं। ये न्यूरॉन प्रोटीन ओरेक्सिन तैयार करते हैं जो
दिमाग की जागृत अवस्था को कम करता है ताकि शरीर आराम करे।
हमारा दिमाग और आंतें दो ऐसे अंग हैं, जिन्हें अच्छे तरीके से काम करने के लिए ऊर्जा की बड़ी
मात्रा की चाहिए। जब हम अधिक कैलोरी वाला भोजन करते हैं तो मस्तिष्क ऊर्जा को पाचन
की ओर स्थानांतरित करता है। इसके लिए वह लाल रक्त कोशिकाओं को भोजन तोड़ने शरीर
में पोषक तत्वों ले जाने के लिए भेजता है। जिस कारण शरीर सुस्त पड़ जाता है और
नींद आती है। इसका
मतलब यह भी है कि यदि आप जल्द पचने वाला भोजन करें तो सुस्ती कम हो। होमियोस्टेटिक
नींद ड्राइव और बॉडी साइकिल (सरकाजियन) भी नींद का कारण हैं। दरअसल स्लीप ड्राइव मस्तिष्क के भीतर
एक रसायन एडेनोसाइन के क्रमिक निर्माण के कारण होती है। जितनी देर इंसान जागा हुआ
रहता है, एडेनोसाइन उसके भीतर सोने की उतनी इच्छा प्रेरित
करता है। एडेनोसाइन रात को सोने के पहले व दोपहर को ज्यादा होता है। दोनों समय
हमारे भोजन के भी हैं।
अपने देश की सर्वप्रथम प्रकाशित हुई मासिक पत्रिका कौन-सी है तथा उसके संपादक कौन रहे?
देश का पहला मासिक पत्र ‘ओरिएण्टल मैगजीन ऑर कैलकटा एम्यूज़मेंट’ कोलकाता से 6 अप्रैल 1785 को शुरू हुआ। अंग्रेजी की इस पत्रिका का प्रकाशन मैसर्स गॉर्डन एंड हे ने किया था। सन 1799-1805 के बीच लॉर्ड वेलेज़ली ने जब प्रेस नियम लागू किए उसके पहले इसका प्रकाशन बंद हो चुका था।
मॉनसून केरल से ही क्यों शुरू होता है?
मॉनसून तो केरल के पहले भी होता है, पर चूंकि दक्षिण से उत्तर की ओर उठते बादलों से भारत की पहली मुलाकात केरल में होती है, इसलिए माना जाता है कि मॉनसून केरल से शुरू होता है। यों तो भारत का सबसे दक्षिणी किनारा ग्रेट निकोबार द्वीप का इंदिरा पॉइंट है, जिसे पहले पिग्मेलियन पॉइंट कहते थे। अकसर यहाँ मॉनसून की बारिश केरल के पहले हो जाती है। इस साल 20 मई को हो गई थी, जबकि केरल में मॉनसून 6 जून को पहुँचा। पिछले साल यहाँ 18 मई को बारिश हो गई थी। पर मोटे तौर पर देश की मुख्य ज़मीन पर मॉनसून केरल के मार्फत ही प्रवेश पाता है।
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