Sunday, March 29, 2015

क्या चंद्रमा पर ध्वनि सुनाई देती है?

आकाश में ध्रुवतारा सदा एक ही स्थान पर दिखता है, जबकि अन्य तारे नहीं, क्यों?
ध्रुव तारे की स्थिति हमेशा उत्तरी ध्रुव पर रहती है। इसलिए उसका या उनका स्थान नहीं बदलता। यह एक तारा नहीं है, बल्कि तारामंडल है। धरती के अपनी धुरी पर घूमते वक्त यह उत्तरी ध्रुव की सीध में होने के कारण हमेशा उत्तर में दिखाई पड़ता है। इस वक्त जो ध्रुव तारा है उसका अंग्रेजी में नाम उर्सा माइनर तारामंडल है। जिस स्थान पर ध्रुव तारा है उसके आसपास के तारों की चमक कम है इसलिए यह अपेक्षाकृत ज्यादा चमकता प्रतीत होता है। धरती अपनी धुरी पर पश्चिम से पूर्व की ओर परिक्रमा करती है, इसलिए ज्यादातर तारे पूर्व से पश्चिम की ओर जाते हुए नज़र आते हैं। चूंकि ध्रुव तारा सीध में केवल मामूली झुकाव के साथ उत्तरी ध्रुव के ऊपर है इसलिए उसकी स्थिति हमेशा एक जैसी लगती है। स्थिति बदलती भी है तो वह इतनी कम होती है कि फर्क दिखाई नहीं पड़ता। पर यह स्थिति हमेशा नहीं रहेगी। हजारों साल बाद यह स्थिति बदल जाएगी, क्योंकि मंदाकिनियों के विस्तार और गतिशीलता के कारण और पृथ्वी तथा सौरमंडल की अपनी गति के कारण स्थिति बदलती रहती है। यह बदलाव सौ-दो सौ साल में भी स्पष्ट नहीं होता। आज से तीन हजार साल पहले उत्तरी ध्रुव तारा वही नहीं था जो आज है। उत्तर की तरह दक्षिणी ध्रुव पर भी तारामंडल हैं, पर वे इतने फीके हैं कि सामान्य आँख से नज़र नहीं आते। उत्तरी ध्रुव तारा भूमध्य रेखा के तनिक दक्षिण तक नज़र आता है। उसके बाद नाविकों को दिशा ज्ञान के लिए दूसरे तारों की मदद लेनी होती है।

हमारे राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह पर उत्कीर्ण ‘सत्यमेव जयते’ कहां से लिया गया है? पूरा मंत्र क्या है और उसका अर्थ क्या है?
‘सत्यमेव जयते’ मुण्डक उपनिषद का मंत्र 3.1.6 है। पूरा मंत्र इस प्रकार है:- सत्यमेव जयते नानृतम सत्येन पंथा विततो देवयान:। येनाक्रमंत्यृषयो ह्याप्तकामो यत्र तत् सत्यस्य परमम् निधानम्।। अर्थात आखिरकार सत्य की जीत होती है न कि असत्य की। यही वह राह है जहाँ से होकर आप्तकाम (जिनकी कामनाएं पूर्ण हो चुकी हों) मानव जीवन के परम लक्ष्य को प्राप्त करते हैं। सत्यमेव जयते को स्थापित करने में पं मदनमोहन मालवीय की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

क्या चंद्रमा पर ध्वनि सुनाई देती है?
ध्वनि की तरंगों को चलने के लिए किसी माध्यम की ज़रूरत होती है। चन्द्रमा पर न तो हवा है और न किसी प्रकार का कोई और माध्यम है। इसलिए आवाज़ सुनाई नहीं पड़ती।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश क्या होता है?
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से आशय है किसी देश के कारोबार या उद्योग में किसी दूसरे की कम्पनियों द्वारा किया गया पूँजी निवेश। यह काम किसी कम्पनी को खरीद कर या नई कम्पनी खड़ी करके या किसी कम्पनी की हिस्सेदारी खरीद कर किया जाता है। विदेशी पूँजी निवेश के दो रूपों का जिक्र हम अक्सर सुनते हैं। एक है प्रत्यक्ष विदेशी पूँजी निवेश(एफडीआई)और दूसरा है विदेशी संस्थागत पूँजी निवेश(एफआईआई)। एफआईआई प्राय: अस्थायी निवेश है, जो शेयर बाज़ार में होता है। इसमें निवेशक काफी कम अवधि में फायदा या नुकसान देखते हुए अपनी रकम निकाल कर ले जाता है। एफडीआई में निवेश लम्बी अवधि के लिए होता है।

मिट्टी के बर्तन में पानी ठंडा क्यों रहता है?
जब किसी तरल पदार्थ का तापमान बढ़ता है तो भाप बनती है। भाप के साथ तरल पदार्थ की ऊष्मा भी बाहर जाती है। इससे तरल पदार्थ का तापमान कम रहता है। मिट्टी के बर्तन में रखा पानी उस बर्तन में बने असंख्य छिद्रों के सहारे बाहर निकल कर बाहरी गर्मी में भाप बनकर उड़ जाता है और अंदर के पानी को ठंडा रखता है। बरसात में वातावरण में आर्द्रता ज्यादा होने के कारण भाप बनने की यह क्रिया धीमी पड़ जाती है, इसलिए बरसात में यह असर दिखाई नहीं पड़ता।
राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 8 मार्च 2015 को प्रकाशित 

1 comment:

  1. तारे क्या हैं। Click here ⬇️

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