‘ओके’ शब्द का प्रारंभ किसने, कब और कहां किया?टाइम पत्रिका की वैबसाइट में यह आलेख भी पढ़ें
ओके बोलचाल की अंग्रेज़ी का शब्द है। इसका अर्थ है स्वीकृत, पर्याप्त, ठीक, सही, उचित वगैरह। इसे संज्ञा और क्रिया दोनों रूपों में इस्तेमाल किया जाता है। इंजीनियर ने कार को ओके कर दिया। सेल्स मैनेजर ने इस कीमत को ओके किया है। अमेरिकन स्लैंग में ऑल करेक्ट माने ओके। इस शब्द की शुरूआत को लेकर कई तरह की कहानियाँ हैं। एक कहानी यह है कि उन्नीसवीं सदी में अमेरिका के एक राष्ट्रपति पद के एक उम्मीदवार के गाँव का नाम था ओल्ड किंडरहुक। उनके समर्थकों ने उसी नाम के प्रारंभ के अक्षरों को लेकर एक ओके ग्रुप बनाया और इसी शब्द का प्रचार किया। इसी तरह अमेरिकन रेलवे के शुरू के समय में एक पोस्टल क्लर्क की कहानी सुनाई पड़ी है जिसका नाम ओबेडिया कैली था। कैली साहब हर पार्सल पर निशानी के लिए अपने नाम के दो अक्षर ओके लिख देते थे। इससे यह शब्द प्रसिद्ध हो गया। यह भी कहा जाता है कि ओके किसी रेड इंडियन भाषा से आया है। अमेरिका में रेड इंडियन भाषा के बहुत से शब्द प्रयोग किए जाते हैं। अमेरिकी राज्यों में से आधे नाम रेड इंडियन हैं। मसलन ओकलाहामा, डकोटा, उडाहो, विस्किनसन, उहायो, टेनेसी। कहा जाता है कि एक रेड इंडियन कबीले का सरदार एक दिन अपने साथियों से बात कर रहा था। हर बात पर वह ‘ओके, ओके’ कहता जाता था जिस का अर्थ था ‘हां ठीक है।’ किसी अमेरिकी पर्यटक ने इसे सुना और फिर अपने साथियों में इस शब्द को प्रचलित किया। इतना जरूर लगता है कि यह शब्द अमेरिका से आया है इंग्लैंड से नहीं।
‘ऑटोग्राफ’ शब्द का प्रचलन कब और कैसे हुआ?
अंग्रेजी में ऑटो शब्द ग्रीक ऑटोस से आया है जिसका अर्थ है आत्म या स्वयं। इसमें दूसरे ग्रीक शब्द ग्राफोस को जोड़कर ऑटोग्राफ बना। ग्राफोस माने लिखना। यानी स्वयं को लिखना या स्वयं लिखना, हस्तलेख। जीवन में हस्ताक्षरों या दस्तखतों का अर्थ जैसे-जैसे स्पष्ट होता गया वैसे-वैसे ऑटोग्राफ ने उसका स्थान ले लिया। चूंकि सिग्नेचर शब्द भी इसके समांतर विकसित हो गया, इसलिए ऑटोग्राफ ने परिचय और यादगार के लिए किए गए दस्तखत का स्थान ले लिया। ऑटोग्राफ एकत्र करना एक हॉबी भी बन गई, जिसे फिलोग्राफी कहते हैं।
सेल्फी शब्द का इस्तेमाल कैसे शुरू हुआ?
सेल्फी शब्द सेल्फ यानी स्वयं या आत्म से बना है। मोटे तौर पर इसका मतलब इन दिनों है अपने हाथ से खींची अपनी तस्वीर। हज़ारों साल से हाथ की लिखावट किसी की याद रखने के लिए एक महत्वपूर्ण स्मृति चिह्न थी। यानी किसी के ऑटोग्राफ स्मृति चिह्न होते थे। अब उनकी जगह सेल्फी ने ले ली है। सेल्फ पोर्ट्रेट शब्द उन्नीसवीं सदी से प्रचलन में है, पर सेल्फी शब्द में नयापन है। फेसबुक और ट्विटर ने इसे नया आयाम दिया है। सन 2012 के अंत में साल के ‘टॉप 10 बज़वर्ड्स’ में टाइम मैगजीन ने सेल्फी को भी रखा था। इसके अगले साल नवम्बर 2013 में ऑक्सफर्ड इंग्लिश डिक्शनरी ने इसे ‘वर्ड ऑफ द इयर’ घोषित किया। पिछले साल 28 मई 2014 में प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी शेन वॉर्न ने ‘ऑटोग्राफ’ की मौत की घोषणा की तब लगा कि समय बदल गया है. शेन वॉर्न ने ट्वीट किया, अब फैन मेरे साथ सेल्फी खिंचाते हैं। गाँव-गाँव में सेल्फी खींचे जा रहे हैं।
राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 01 फरवरी 2015 को प्रकाशित
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