इंटरपोल नोटिस या इंटरनेशनल नोटिस इंटरपोल द्वारा
सूचना के आदान-प्रदान की पद्धति है. इंटरपोल आठ प्रकार के नोटिस जारी करता है
इनमें सात अपने रंगों से पहचाने जाते हैं. ये रंग हैं लाल, नीला, हरा, पीला, काला, नारंगी और बैंगनी. लाल नोटिस आमतौर पर अपराधी
की गिरफ्तारी के लिए होता है. नीला नोटिस किसी व्यक्ति के बारे में अतिरिक्त सूचना
देने या पाने के वास्ते. हरा ऐसे व्यक्तियों के बारे में चेतावनी देने के लिए जो
अपराध कर चुके हैं. पीला गुमशुदा(आमतौर पर नाबालिगों) के बारे में सूचनाएं देने के
लिए. काला किसी लाश की शिनाख्त न होने पर जारी होता है. नारंगी बमों, पार्सल बमों वगैरह की सूचनाएं देने के लिए. बैंगनी नोटिस अपराध के तरीकों,
वस्तुओं और तौर-तरीकों की जानकारी देने के लिए जारी होता है. इनके
अलावा इंटरपोल-संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद नोटिस उन व्यक्तियों और संस्थाओं को
लेकर जारी होता है जिनपर सुरक्षा परिषद पाबंदियाँ लगाती है.
घड़ी का इस्तेमाल कब शुरू हुआ? जब घड़ी नहीं थी तब लोग समय कैसे पता करते थे..?
समय को नापने की ज़रूरत इंसान को हजारों साल पहले
समझ में आ गई थी. पहले इंसान ने धूप की मदद से घड़ी बनाई, एक पात्र में रेत भरकर उसकी मदद से समय को दर्ज किया. पर कल पुर्जों के
साथ घड़ियाँ सत्रहवीं-अठारहवीं सदी में ही बनीं. 20वीं सदी
में घड़ियों का निर्माण पूर्णतया यांत्रिक विधियों से व्यापारिक पैमाने पर होने
लगा और यूरोप तथा अमरीका में घड़ी निर्माण उद्योग की गणना प्रमुख उद्योगों में
होने लगी. इस अवधि में विद्युत घड़ियाँ, दाब-विद्युत घड़ियाँ
(piezzo-electric clocks) इत्यादि अनेक नए प्रकार की घड़ियों
का आविष्कार हुआ और अब घड़ी का सर्वाधिक उन्नत रूप, परमाण्वीय
घड़ी, भी बनाई जा चुकी है. घड़ी के पुर्जों के निर्माण में
स्विट्ज़रलैंड का स्थान विश्व में सर्वप्रथम है और यहाँ की बनी घड़ियाँ
सर्वश्रेष्ठ मानी जाती हैं. यहाँ से संसार के प्राय: सभी घड़ी उद्योग केंद्रों में
पुर्जों का निर्यात होता है.
घड़ी उद्योग का तीसरा महत्वपूर्ण युग इंगरसोल की
क्रांति (सन्1892) से प्रारंभ हुआ अब सर्वसाधारण के उपयोग के
लिए तथा उसकी क्रय शक्ति के अनुकूल घड़ियों का बहुत बड़े पैमाने पर निर्माण होने
लगा. उसके बाद तो विद्युत एवं दाब विद्युत्घड़ियों का आविष्कार हो जाने से घड़ी
उद्योग में क्रांति का आविर्भाव हुआ. इधर संयुक्त राज्य, अमरीका,
के नेशनल ब्यूरो ऑव स्टैंडर्ड्स ने परमाण्वीय घड़ियों के निर्माण की
भी सूचना दी है, जिसके शीघ्र ही प्रारंभ होने की आशा है.
दुनिया में सबसे ज्यादा नदियां किस देश में है?
जल सम्पदा के लिहाज से दुनिया में कनाडा सबसे धनी
देश है. यहाँ झीलों और नदियों की इतनी बड़ी संख्या है कि किसी और देश में नहीं है.
बताते हैं कि देश में छोटी-बड़ी नदियों की संख्या 20 लाख से ज्यादा है. अभी तमाम
नदियाँ गुमनाम हैं.
दुनिया
की सबसे पुरानी भाषा कौन सी है? पूरी दुनिया में
कुल कितनी भाषाएं बोली जाती हैं..?
पुरानी भाषा से दो आशय
होते हैं. एक ऐसी भाषा जो थी, पर आज नहीं है और एक आज की जीवित भाषाओं में सबसे
पुरानी. पुरानी भाषाओं में सुमेरियन, मिस्री, सिंधु घाटी की भाषा, अक्कादी और तमाम
प्राचीन सभ्यताओं से जुड़ी भाषाएं. संस्कृत और तमिल सम्भवतः दुनिया की प्राचीनतम
जीवित भाषाएं हैं. इसमें चीनी को भी शामिल कर सकते हैं. इनमें ज्यादा पुरानी भाषा
कौन सी है इस पर मतभेद हैं. अमेरिकी संस्था समर इंस्टीट्यूट ऑफ लिंग्विस्टिक्स के
अनुसार दुनिया में तकरीबन 7106 भाषाएं बोली जाती हैं.
ज्यादातर फल गर्मियों में ही आते हैं. ऐसा क्यों?
गर्मी में आने वाले लगभग सभी फल रसीले होते हैं
जैसे तरबूज लीची, लुकाट, आड़ू,
आलूबुखारा, शहतूत, संतरा,
खरबूजा, सेब, खुबानी,
आड़ू आदि. इनके मीठे रस में
शरीर को लू से बचाने की अद्भुत क्षमता के कारण ही शायद प्रकृति ने गर्मी में पैदा
किया. इसका सबसे बड़ा कारण है सूर्य की रोशनी और गरमाहट. वनस्पति का मूलाधार गर्मी
है. आपने देखा होगा सर्दियों में पौधों का बाहरी विकास रुक जाता है. उन दिनों
पौधों की जड़ें बढ़ती हैं.
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन - ऋषिकेश मुखर्जी और मुकेश में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteबेहतरीन ,
ReplyDeleteकभी इधर भी पधारें