वेलेंटाइन दिवस या संत वेलेंटाइन दिवस 14 फ़रवरी को हर साल काफी लोगों द्वारा दुनिया भर में मनाया जाता है। इसमें प्रेमी एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम का इजहार वेलेंटाइन कार्ड भेजकर, फूल देकर, या मिठाई आदि देकर करते हैं। यह दिन संत वेलेंटाइन नाम के ईसाई शहीद धर्मगुरु के नाम पर मनाया जाता है। संत वेलेंटाइन अनेक हुए हैं। इनमें से कम से कम दो का सम्बन्ध 14 फरवरी से है। इनके बारे में कई प्रकार की कहानियाँ प्रचलित हैं। बहरहाल यूरोप में रूमानियत को बढ़ावा देने वाला यह दिन अब यूरोप से बाहर निकल चुका है। आधुनिक वेलेंटाइन के प्रतीकों में दिल के आकार का प्रारूप, कबूतर, और पंख वाले क्यूपिड का चित्र शामिल हैं। ग्रेट ब्रिटेन में उन्नीसवीं शताब्दी में वेलेंटाइन का फैशन था। अमेरिकी ग्रीटिंग कार्ड एसोसिएशन का अनुमान है कि लगभग एक अरब वेलेंटाइन हर साल पूरी दुनिया में भेजे जाते हैं। क्रिसमस के बाद इस दिन सबसे ज्यादा कार्ड भेजे जाते हैं। बाजार का आकार इतना बड़ा इसलिए है, क्योंकि वेलेंटाइन डे एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि सप्ताह भर चलने वाला उत्सव है। यह उत्सव 7 फरवरी को रोज़ डे से शुरू होता है। इसके बाद प्रपोज़ल डे, चॉकलेट डे, टेडी डे, प्रॉमिस डे, किस डे, हग डे और आखिर में 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे आता है।
आईजीएमडीपी क्या है?इसे इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम कहते हैं। भारत के रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन (डीआरडीओ) के इस कार्यक्रम की शुरूआत अस्सी के दशक में हुई थी। इसके अंतर्गत पृथ्वी, त्रिशूल, आकाश और अग्नि जैसे प्रक्षेपास्त्र आते हैं।
बंदूक चलाने पर पीछे की तरफ झटका क्यों लगता है?
आईजीएमडीपी क्या है?इसे इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम कहते हैं। भारत के रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन (डीआरडीओ) के इस कार्यक्रम की शुरूआत अस्सी के दशक में हुई थी। इसके अंतर्गत पृथ्वी, त्रिशूल, आकाश और अग्नि जैसे प्रक्षेपास्त्र आते हैं।
दाढ़ी के बाल सिर्फ पुरुषों के ही क्यों होते हैं, महिलाओं के क्यों नहीं?जन्म के समय बच्चे के शरीर में लेता है तो उसके शरीर पर केवल रोएं जैसे बाल होते हैं। ग्यारह से तेरह की उम्र से लड़के और लड़कियों के शरीर में केश वृद्धि शुरू होती है. यही वह उम्र होती है जब सेक्स ग्रन्थियों का तेजी से विकास होता है। स्त्रियों और पुरुषों के शरीर में ग्रंथियाँ विशेष प्रकार के हारमोंस पैदा करती हैं जिन्हें एंड्रोजेंस कहते हैं। पुरुषों में एंड्रोजेंस की मौजूदगी के कारण ही दाढ़ी-मूँछें विकसित होती हैं। स्त्री में दूसरी सेक्स ग्रंथियां होती हैं जो दूसरे प्रकार के हारमोंस के पैदा करती हैं जिन्हें एस्ट्रोजेंस कहते हैं। पुरुष में बनने वाले हारमोंस आवाज़ में भारीपन और केश वृद्धि आदि को नियमित करते हैं। स्त्री में बनने वाले एस्ट्रोजेंस उसके सेक्स लक्षणों को पैदा करते हैं। इन्हीं हारमोंस के कारण स्त्री व पुरुष में शारीरिक भिन्नताएं होती हैं। औरतों का जिस्म कोमल, नरम व नाज़ुक रहता है वहीं पुरुषों दा जिस्म सख्त व मजबूत होता है।
बंदूक चलाने पर पीछे की तरफ झटका क्यों लगता है?
न्यूटन का गति का तीसरा नियम है कि प्रत्येक क्रिया की सदैव बराबर एवं विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है। जब बंदूक की गोली आगे बढ़ती है तब वह पीछे की ओर भी धक्का देती है। गोली तभी आगे बढ़ती है जब बंदूक का बोल्ट उसके पीछे से प्रहार करता है। इससे जो शक्ति जन्म लेती है वह आगे की और ही नहीं जाती पीछे भी जाती है। तोप से गोला दगने पर भी यही होता है। आप किसी हथौड़े से किसी चीज पर वार करें तो हथौड़े में भी पीछे की और झटका लगता है।
ब्रैड में छोटे-छोटे छेद क्यों होते हैं?
दरअसल ब्रैड को बनाने के पहले मैदा और पानी या दूध से बने उसके डो को या तो कुछ देर के लिए अलग रख देते हैं या उसमें खमीर मिलाते हैं। इससे उस मैदा या आटे के भीतर गैस के बुलबुले बन जाते हैं। इन बुलबुलों के कारण डबलरोटी स्पंज जैसी बनती है। जिस भट्टी में इसे पकाया जाता है वह इस गैस को आसानी से बाहर नहीं जाने देती। इसके कारण यह गैस वहीं पर गर्म होकर जगह बना देती है। साथ ही रोटी को सेंकने में मदद भी करती है।
राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित
ब्रैड में छोटे-छोटे छेद क्यों होते हैं?
दरअसल ब्रैड को बनाने के पहले मैदा और पानी या दूध से बने उसके डो को या तो कुछ देर के लिए अलग रख देते हैं या उसमें खमीर मिलाते हैं। इससे उस मैदा या आटे के भीतर गैस के बुलबुले बन जाते हैं। इन बुलबुलों के कारण डबलरोटी स्पंज जैसी बनती है। जिस भट्टी में इसे पकाया जाता है वह इस गैस को आसानी से बाहर नहीं जाने देती। इसके कारण यह गैस वहीं पर गर्म होकर जगह बना देती है। साथ ही रोटी को सेंकने में मदद भी करती है।
राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित
बहुत अच्छी जानकारी प्रस्तुति हेतु आभार ..
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