Saturday, May 24, 2025

स्त्रियों-पुरुषों की आवाज में फर्क क्यों?

 हमारी आवाज़ के तीन मुख्य कारक होते हैं। फेफड़े जो हवा तैयार करते हैं, लैरिंक्स में स्थित वोकल कॉर्ड जहाँ आवाज़ बनती है और तीसरे ज़ुबान, गाल, होंठ और मुँह का वह हिस्सा जो स्वर को दिशा देता है। जहाँ से गला शुरु होता है वह दो भागों में बँटता है। एक से भोजन पेट में जाता है और दूसरे से हवा फेफड़ों में। हवा जाने वाले रास्ते के ऊपरी सिरे को कंठ कहते हैं, दो वाकतंतु होते हैं। जब हम बोलते हैं तो हमारी माँसपेशियाँ इन वाकतंतुओं को खींचती हैं और इनमें से गुज़रने वाली हवा कंपन पैदा करती है जो ध्वनि के रूप में सुनाई देती है। बच्चा जब बोलना शुरू करता है तब लड़का हो या लड़की उसकी आवाज एक जैसी होती है। किशोरावस्था में लड़कों का कंठ बड़ा हो जाता है जिसकी वजह से उनकी आवाज़ भारी हो जाती है जबकि लड़कियों के कंठ में उतना विकास नहीं होता। लड़कों में टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन कंठ नली पर भी प्रभाव डालता है। यह हार्मोन लड़कियों में नहीं बनता, फिर भी हार्मोन या अनुवांशिकी के कारण बहुत सी लड़कियों की आवाज़ भारी और लड़कों की पतली होती है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 24 मई, 2025 को प्रकाशित


 

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