Tuesday, October 8, 2024

क्रिकेट की गेंदों के रंग

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तीन रंगों की गेंदों का इस्तेमाल होता है। टेस्ट मैचों में लाल, सीमित ओवरों के मैच में सफेद और डे-नाइट टेस्ट मैचों में गुलाबी। शुरू में गेंद लाल होती थी। 1977 में, कैरी पैकर ने विश्व सीरीज क्रिकेट की शुरुआत की, जिसमें रात में खेल फ्लड लाइट्स में खेले गए। रात में लाल गेंद को देखना तकलीफदेह था, इसलिए सफ़ेद गेंदें आईं। गुलाबी गेंद का इस्तेमाल डे-नाइट टेस्ट के लिए हुआ। टेस्ट मैचों की गेंदों के तीन मुख्य निर्माता हैं: कूकाबुरा, ड्यूक्स और एसजी। भारत में एसजी, इंग्लैंड, आयरलैंड और वेस्टइंडीज में ड्यूक अन्य देशों में कूकाबुरा। सीमित ओवरों के सभी अंतर्राष्ट्रीय मैच, सफेद कूकाबुरा से खेले जाते हैं। 1999 के विश्व कप में सफेद ड्यूक गेंदों का इस्तेमाल हुआ, पर उस गेंद के अनियमित व्यवहार के कारण उसके बाद से सफेद कूकाबुरा का ही इस्तेमाल होता है। एक दिवसीय क्रिकेट में, दो गेंदों से खेला जाता है। हरेक छोर से एक। टेस्ट क्रिकेट में, जब गेंद 80 ओवर पुरानी हो जाती है, तो गेंदबाजी करने वाली टीम के कप्तान के पास नई गेंद लेने का विकल्प होता है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 5 अक्तूबर, 2024 को प्रकाशित

Wednesday, September 25, 2024

राष्ट्रीय ध्वज पर देश का नक्शा


दुनिया में दो देश ऐसे हैं, जिनके ध्वजों पर देश के मानचित्रों को प्रदर्शित किया गया है। ये देश हैं सायप्रस और कोसोवो। 

Saturday, September 21, 2024

गरीबी की रेखा क्या है?

विश्व बैंक के अनुसार 2022 में जिस व्यक्ति की आय 2.15 डॉलर (लगभग 180 रुपये) प्रतिदिन से कम थी, वह गरीबी-रेखा के नीचे था। यह दुनिया का औसत है। यह परिभाषा समय और स्थान के साथ बदलती है। इसमें अब स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन-स्तर को भी शामिल किया जाता है। भारत की औसत गरीबी-रेखा गाँवों में प्रतिव्यक्ति 1,059.42 रुपये प्रतिमाह और शहरों में 1,286 रुपये है। यह राष्ट्रीय औसत है, जो राज्यों में अलग-अलग है। 2011-2012 में पुदुच्चेरी के गाँवों में यह 1,301 रुपये और शहरों में 1,309 रुपये थी, जबकि ओडिशा में क्रमशः 695 और 861 रुपये थी। स्वतंत्रता के बाद से अबतक छह समितियों ने इसपर विचार किया है। योजना आयोग कार्य समूह (1962), वी एम दांडेकर और एन रथ (1971), अलघ समिति (1979), लकड़ावाला समिति (1993), तेंदुलकर समिति (2009) और  रंगराजन समिति (2014)। इस वर्ष फरवरी में नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने 2022-23 के घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण (एचसीईएस) के आधार पर कहा कि अब पाँच प्रतिशत से भी कम भारतीय गरीबी रेखा से नीचे हैं।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 21 सितंबर, 2024 को प्रकाशित

 

 

Sunday, September 15, 2024

लेफ्टिनेंट गवर्नर व्यवस्था क्या है?

केंद्रशासित प्रदेशों में लेफ्टिनेंट गवर्नर होते हैं। लेफ्टिनेंट शब्द का अर्थ है उप या सहायक। अमेरिका के 50 में से 45 राज्यों में लेफ्टिनेंट गवर्नर होते हैं। इनमें तीन राज्यों के लेफ्टिनेंट गवर्नर राज्य की सीनेट के स्पीकर होते हैं। वहाँ लेफ्टिनेंट गवर्नर वास्तव में उप-गवर्नर हैं। गवर्नर की अनुपस्थिति में काम करने वाले, पर भारत में लेफ्टिनेंट गवर्नर की भूमिका फर्क है। उन्हें केंद्रशासित प्रदेश में राष्ट्रपति का सहायक माना जा सकता है। हमारी व्यवस्था ब्रिटिश संसदीय प्रणाली पर आधारित है। राष्ट्रमंडल के ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों में लेफ्टिनेंट गवर्नर का मतलब राज्यों में सम्राट का प्रतिनिधि है। वर्तमान समय में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अंडमान-निकोबार, दिल्ली और पुदुच्चेरी में यह व्यवस्था है। शेष केंद्रशासित क्षेत्रों में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रशासक होते हैं। पुदुच्चेरी 1962 के पहले फ्रांस के अधीन था। उसके विलय के बाद लेफ्टिनेंट गवर्नर का पद बनाया गया। अंडमान-निकोबार में 1982 के पहले चीफ कमिश्नर का पद होता था। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अधिनियम 1991 बनने के बाद दिल्ली में 1992 में लेफ्टिनेंट गवर्नर की नियुक्ति हुई। 2019 में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पुनर्गठन के बाद यह पद बना।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 14 सितंबर, 2024 को प्रकाशित

 

Saturday, September 7, 2024

संयुक्त राष्ट्र महासभा को जानिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने अमेरिका जा रहे हैं। 22 सितंबर को वे न्यूयॉर्क के नसाऊ स्टेडियम में ‘मोदी एंड यूएस प्रोग्रेस टुगैदर’ कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। पहले खबर थी कि इस यात्रा के दौरान, संयुक्त राष्ट्र महासभा में उनका संबोधन 26 सितंबर को होगा, पर अब तय हुआ है कि उनके स्थान पर 28 सितंबर को विदेशमंत्री एस जयशंकर का संबोधन होगा। जनरल असेंबली का यह 79वाँ सत्र है। संरा के मुख्य निकाय छह हैं। 1,महासभा, 2.सुरक्षा परिषद, 3.आर्थिक और सामाजिक परिषद, 4.ट्रस्टीशिप परिषद, 5.अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय और 6.संरा सचिवालय। इनके अलावा भी संरा के दूसरे अंग हैं। कई मायनों महासभा इनमें सबसे महत्वपूर्ण अंग है। आमतौर पर संरा के नीति संबंधी विषयों पर यहीं विचार होता है और संरा का बजट भी यहाँ से पास होता है। सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों और संगठन के महासचिव की नियुक्ति भी महासभा करती है। संरा के विविध अंगों से प्राप्त रिपोर्टों पर भी महासभा विचार करती है और महासभा के प्रस्तावों के रूप में उन्हें पास भी करती है। संरा महासचिव या महासभा के सभापति की अध्यक्षता में नियमित अधिवेशन हर साल सितंबर में होते हैं। इस साल यह 10 सितंबर को शुरू होगा और इसमें 24 सितंबर से देशों के बीच चर्चा चलेगी।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 7 सितंबर, 2024 को प्रकाशित

 

Saturday, August 31, 2024

कितने प्रकार के ओलिंपिक?

ओलिंपिक खेलों के बाद इन दिनों पेरिस में पैरालंपिक खेल चल रहे हैं। दुनिया में अब चार तरीके के ओलंपिक खेल होते हैं। एक गर्मियों के ओलंपिक, दूसरे सर्दियों के ओलंपिक। तीसरे पैरालंपिक, यानी शारीरिक रूप से विकल खिलाड़ियों के खेल और चौथे युवा यानी यूथ ओलंपिक। 1896 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के बाद सर्दियों के ओलंपिक 1924 से शुरू हुए थे। यूथ ओलंपिक भी गर्मियों और सर्दियों के अलग-अलग होते हैं। पहले ग्रीष्मकालीन यूथ ओलंपिक 2010 में सिंगापुर में हुए और विंटर ओलंपिक 2012 में जनवरी में इंसब्रुक, ऑस्ट्रिया में। 2018 में ब्यूनस आयर्स में तीसरे ग्रीष्मकालीन यूथ ओलंपिक के बाद 2022 में नहीं हो पाए। अब 2026 में डकार, सेनेगल में होंगे। विंटर यूथ ओलंपिक में व्यवधान नहीं पड़ा। जनवरी 2024 में दक्षिण कोरिया के गैंगवा में चौथे शीतकालीन यूथ ओलंपिक हुए। पैरालंपिक खेल भी ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन ओलंपिक के साथ होते हैं। इनकी शुरूआत 1948 में हुई। दक्षिण कोरिया के सोल में 1988 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के तुरंत बाद पैरालंपिक भी हुए और तबसे ये ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के फौरन बाद होने लगे हैं। पैरालंपिक खेलों के लिए आईपीसी नाम की संस्था अलग है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 31 अगस्त, 2024 को प्रकाशित

 

 

Saturday, August 24, 2024

स्पेस स्टेशन में भारतीय गगनयात्री

गत 2 अगस्त को, इसरो ने घोषणा की कि 'गगनयान मिशन' के लिए चुने गए दो अंतरिक्ष यात्री, अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से जुड़ा प्रशिक्षण लेने के लिए अमेरिका जा रहे हैं। विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला को उड़ान के लिए चुना गया है। ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर उनके बैक-अप होंगे। मिशन एक्स-4 ह्यूस्टन स्थित एक निजी कंपनी एक्सिओम स्पेस द्वारा आयोजित आईएसएस के लिए चौथा मानवयुक्त मिशन है। इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र ने इस कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। आईएसएस के कार्यक्रम प्रबंधक के अनुसार, एक्स-4 नवंबर 2024 से पहले उड़ान नहीं भरेगा। एक्सिओम की योजना दुनिया का पहला कॉमर्शियल स्पेस स्टेशन संचालित करने की है। 22 जून, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका-यात्रा के दौरान संयुक्त बयान में 2024 में आईएसएस के लिए एक संयुक्त प्रयास का उल्लेख किया गया था। गत 27 फरवरी को, तिरुवनंतपुरम में प्रधानमंत्री मोदी ने गगनयान मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्री-उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी। शुभांशु शुक्ला और प्रशांत नायर के अलावा ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और अंगद प्रताप। चारों वायुसेना में टेस्ट पायलट हैं।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 24 अगस्त, 2024 को प्रकाशित

 

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