Saturday, October 1, 2011

रामैया वस्तावैया का क्या अर्थ है?


रामैया वस्तावैया का क्या अर्थ है?
सुनीता



इस गीत का वीडियो देखें


रामैया वस्तावैया का मतलब है राम या रामैया, क्या तुम आ रहे हो? तेलगू के इन शब्दों का इस्तेमाल शैलेन्द्र और शंकर-जयकिशन ने किया और श्री 420 के मार्फत एक यादगार गीत बना दिया। कहते हैं कि कभी शैलेन्द्र ने अपनी हैदराबाद यात्रा के दौरान ये पंक्तियाँ सुनी थीं। उन्हें ये भा गईं और मौका लगने पर इन्हें इस गीत में पिरो दिया।

एक साल में कितने नवरात्र होते हैं?
नीलम दुबे

साल में चार नवरात्र होते हैं। इनमें दो मुख्य नवरात्र- चैत्र शुक्ल और अश्विनी शुक्ल में आते हैं और दो गुप्त नवरात्र आषाढ़ शुक्ल और माघ शुक्ल में होते हैं। इनका क्रम इस तरह होता है- पहला मुख्य नवरात्र चैत्र शुक्ल में, फिर गुप्त नवरात्र। दूसरा मुख्य नवरात्र अश्विन शुक्ल में फिर गुप्त नवरात्र। इन्हें वासंतिक और शारदीय नवरात्रि भी कहते हैं।यह शक्ति की उपासना का पर्व है। नवरात्र प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नौ तिथि, नौ नक्षत्र, नौ शक्तियों की नवधा भक्ति के साथ मनाया जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से देखें, तो चारों नवरात्रों का संबंध ऋतु परिवर्तन से है।



1857 में जो सिक्के बने वे क्या असली सोने के थे?



1835 में जारी डबल मोहर

      
  1835 की एक मोहर

1875 की मोहर

1875 की मोहर का दूसरा हिस्सा



1862 का चाँदी का रुपया


सन 1857 में ढले सिक्कों का विवरण मुझे नहीं मिला। हाँ ईस्ट इंडिया कम्पनी के राज में 1835 से 1840 के बीच ढाली गई सोने की एक मोहर और डबल मोहर का विवरण मिलता है, जिसमें इंग्लैंड के राजा विलियम चतुर्थ का चित्र था। एक मोहर के सिक्के में 11.6 ग्राम सोना था और दो मोहर के सिक्के में 23 ग्राम। यह मुहर 1857 तक चली। । उसके बाद कम्पनी का शासन खत्म हो गया। 1862 में रानी विक्टोरिया के चित्र वाला चाँदी का रुपया जारी हुआ। हाँ 1875 में रानी विक्टोरिया के चित्र वाली मोहर जारी हुई। वह सोने की थी।


भारतीय सिक्कों को खरीदने और बेचने के लिए लाइसेंस कहाँ से मिलेगा?
नवल किशोर

इंडियन कॉइनेज एक्ट 1906 के अनुसार देश की मुद्रा का वितरण रिज़र्व बैंक करता है। आपका आशय ऐतिहासिक सिक्कों से है। इन्हें संग्रहकर्ताओं के मार्फत खरीदा-बेचा जा सकता है। इसके लिए इंडियन एंटिकिटीस एंड आर्ट ट्रैज़र 1972 के तहत नियुक्त लाइसेंसिंग अधिकारी से लाइसेंस लेना होगा। इसका विवरण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से मिलेगा।



अंग दान करने के लिए क्या करना होगा?
सुनील कुमार

पास के किसी सरकारी अस्पताल या शोध संस्थान से सम्पर्क करना होगा।

आसमान ऊपर कैसे रुका हुआ है?
आसिफ


आसमान कोई ठोस चीज़ नहीं है। वह तो पूरी तरह खाली है। हम जिसे देखते हैं वह धरती का वायुमंडल है, जिसमें हवा, धूल, भाप और कई तरह की गैसें हैं। यह आमतौर पर नीला नज़र आता है क्योंकि सूरज की रोशनी वायुमंडल में मौजूद पानी या धूल के कणों से टकराती है। स्पेक्ट्रम में नीले रंग की फ्रीक्वेंसी ज्यादा होती है। आमतौर पर वही दिखाई पड़ता है। आप गौर करें तो दूर धरती के करीब के आसमान का रंग पीला या लाल भी नज़र आता है। रात में जब रोशनी नहीं होती तो आसमान काला लगता है।

कुछ देशों में मेट्रो ट्रेन बिना चालक के चलती हैं। यह कैसे सम्भव हो पाता है?
स्वाति पांडेय

दुबई की ऑटोमेटेड मेट्रो

इन्हें ऑटोमेटेड ट्रेन कहते हैं। दुनिया में कम से कम 32 ड्राइवर रहित मेट्रो चल रहीं हैं। सन 1967 मे लंदन की अंडरग्राउंड विक्टोरिया लाइन ऑटोमेटेड ट्रेन से हुई। कम्प्यूटर नियंत्रण और कैमरा के कारण अब कोई भी काम मुश्किल नहीं रहा। यों इन गाड़ियों में एक-दो लोग ज़रूरी काम के लिए रखे जाते हैं।

सबसे पहला जन्मदिन किस देश में मनाया गया और किसका?
साबिर हुसेन


इस सवाल का जवाब इस तरह नहीं दिया जा सकता। दरअसल जन्मदिन मनाने के पहले कैलेंडर का विकास हुआ। मनुष्य ने दिन-रात, महीने और साल की गणना शुरू की। उसके बाद इस बात का हिसाब रखा कि हमारी उम्र क्या है। हमें गौतम बुद्ध, ईसा मसीह, मुहम्मद साहब और तमाम महान व्यक्तियों के जीवन से जुड़ी तिथियों का पता है। इसका मतलब यह हुआ कि उसके पहले से इंसान ने समय की गणना शुरू कर दी थी। इसके बाद धार्मिक संस्कारों के दिन तय होने लगे। जैसे हिन्दू लड़कों के यज्ञोपवीत की उम्र तय की गई। इस्लाम और ईसाइयत में भी उम्र से जुड़े धार्मिक संस्कार तय हुए। इसी के बीच सालाना जन्मदिन का प्रचलन बढ़ता गया।

पोरस भारत से क्यों लौट गया?
मुन्ना

आपका आशय सिकन्दर से है। कहते हैं राजा पुरु यानी पोरस के साथ लड़ाई के बाद सिकन्दर की सेना थक चुकी थी। सिकन्दर का अपना प्यारा घोड़ा मर गया था। उन्हें जानकारी मिली थी कि पंजाब के आगे उन्हें नन्द वंश और मगध की ताकतवर सेनाओं का सामना करना पड़ेगा। यहाँ आकर उसकी सेना ने बगावत कर दी और उसे वापस लौटना पड़ा।

बेलन का आविष्कार कब हुआ? उससे पहले महिलाएं रोटियाँ कैसे बेलती थीं?
मनोहर लाल गांधी


बेलन का आविष्कार पहिए के आविष्कार के साथ जुड़ा है। कहना मुश्किल है कि किस सभ्यता ने सबसे पहले पहिया बनाया, पर यह करीब-करीब साफ है कि पहिए से पहले बेलन बना। पेड़ के पूरे तने को उठाकर लाने के बजाय उसे लुढ़काकर लाना सरल था। पहले बड़े लट्ठे लुढ़काए गए, बाद में छोटे-छोटे बेलनों ने छोटी चीजों को एक से दूसरी जगह ले जाने में मदद की। फिर उन बेलनों से दबाकर किसी चीज़ को फैलाना आसान लगा। जब रोटी का आविष्कार हुआ तब बेलन की भूमिका और बढ़ गई।

जहाँ तक रोटी बेलने की बात है। रोटी के पहले अनाज का जन्म हुआ था। भोजन के रूप में गेहूँ ईसवी सन शुरू होने से करीब नौ हजार साल पहले प्रचलन में आ गया था। तब तक बेलन का आविष्कार हो चुका था। गेहूँ को पीसकर आटा बनाने की कला भी करीब दस हजार साल पहले प्रचलन में थी। यों स्टार्च से रोटी बनाने की कला उसके पहले जन्म ले चुकी थी। पर वह रोटी बेलकर नहीं, सिर्फ लोंदे या लोई के रूप में थी।

भारत में रोटी, चपाती, पराठा, भाखरा, पोळी, अप्पम वगैरह कुछ स्वदेशी और कुछ विदेशी प्रभाव के कराण विकसित हुए हैं। रोटी किसी न किसी रूप में पूरे एशिया से लेकर इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, चीन और जापान में मिलती है। यह बनी तब होगी जब बेलन का विकास हो गया होगा।


हिमालय पर्वत कैसे बना?
सुचेता



आज जहाँ हिमालय पर्वत है कभी वहाँ समुद्र होता था। आपने कांटिनेंटल ड्रिफ्ट के बारे में सुना होगा। धरती का क्रस्ट एक समूचा भूखंड नहीं है। उसके कई खंड हैं, जिन्हें प्लेट्स कहते हैं। करीब पाँच करोड़ साल पहले धरती के दक्षिण की ओर से ऑस्ट्रेलियन प्लेट उत्तर की यूरेशियन प्लेट से टकराई। इसके बाद हल्की चट्टानें ऊपर उठती गईं और विशाल टीला बन गया। यही हिमालय है। यूरेशियन प्लेट का कुछ हिस्सा इसके नीचे चला गया।

गुरु जी आप हर सवाल का जवाब देते हैं। आपके गुरु कौन थे?
संजीव, हरियाणा

मेरे गुरु अनेक हैं। पेड़-पौधे, पक्षी, नदियां, बादल और तमाम जाने-अनजाने लोग, जिनमें आप जैसे श्रोता भी शामिल हैं। ये सब मेरी जानकारी बढ़ाते हैं। और किताबें हैं। जानकारी के तमाम स्रोत जो अब इंटरनेट के सहारे बढ़ते जा रहे हैं।

संतुष्टि क्या होती है?
हीरामणि

संतुष्टि है जब आप को तेज़ प्यास लगे और जीभर पानी पीने को मिल जाए। आपका नाचने को मन करे और आप जीभर नाच लें। पढ़ लें, गा लें, खिलखिला लें। और चाहें तो किसी को गाली देकर मन भर लें। जब उससे ज्यादा का मन न करे, तभी संतुष्टि है।

अमृतसर और लाहौर के बीच की दूरी कितनी है?

पक्षी की उड़ान के हिसाब से 41.83 किलोमीटर। सड़क और रेल के रास्ते करीब 50 किलोमीटर।

एफएम गोल्ड के कार्यक्रम 'बारिश सवालों की ' के अंश

2 comments:

  1. ऐसी अनोखी अदभुत पोस्ट मैंने आज तक नहीं देखी पढी । बहुत ही अच्छी पोस्ट बन पडी है । बहुत बहुत शुक्रिया

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  2. आप सब को विजयदशमी पर्व शुभ एवं मंगलमय हो।

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