भारत
में एडवोकेट काले कोट क्यों पहनते हैं?
रघुवीर
सिंह, राजसमंद
अदालतों
की वेशभूषा हमारे यहाँ अंग्रेजी राज की निशानी है। यूरोप में न्यायाधीश और वकील लबादे
पहनते हैं। ये लबादे पुराने राज दरबारों और गिरजाघरों के पादरी भी पहनते हैं। दरबारों
में इनके रंग लाल, काले और सफेद भी होते हैं। विश्वविद्यालयों के दीक्षा समारोहों में
भी से लबादे पहने जाते हैं। ये लबादे उत्तम कर्म यानी नोबेल प्रोफेशन से जुड़े हैं।
न्यायाधीश लबादों के अलावा सिर पर खास प्रकार की टोपी भी पहनते थे। बहरहाल इन परिधानों
में दुनिया भर में बदलाव हो रहे हैं। हमारे यहाँ भी ऐसी माँग उठती है कि वकीलों के
परिधान में बदलाव किया जाए। हमारे वकील सफेद कपड़ों पर काले कोट और सफेद रंग की नेकटाई
लगाते हैं, जिसमें दो पट्टियाँ सामने की ओर होती हैं। इसे अब वकील अब अपने चिह्न की तरह इस्तेमाल में लाते हैं।
इस काले और सफेद के पीछे कुछ कारण बताए जाते हैं। सबसे बड़ा कारण हैं इस व्यवसाय की
अंतर्विरोधी प्रवृत्ति का। न्याय से जुड़ो लोगों को दो विपरीत धारणाओं के बीच में से
न्यायपूर्ण निर्णय को निकालना होता है। सफेद और काले रंग विपरीत धारणाओं के प्रतीक
है। एक बात यह भी कही जाती है कि काला रंग सुरक्षा का रंग है। वकील अपने मुवक्किल की
रक्षा का प्रयास करता है।
दुनिया
में सबसे ज्यादा बिजली कहां गिरती है?
संदीप
शर्मा, ब्यावर
अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान
संस्था नासा के अनुसार मध्य अफ्रीका के कांगो गणराज्य में सबसे ज्यादा बिजली गिरती
है। इस इलाके में लगभग पूरे साल मेघ छाए रहते हैं। अटलांटिक महासागर से लगातार आर्द्र
हवाएं ती रहतीं हैं, जो पहाड़ों से टकराती हैं, जिसके कारण आकाशीय बिजली गिरती है।
इसके विपरीत उत्रकी ध्रुव के आर्कटिक और दक्षिणी ध्रुव के अंटार्कटिक सागर क्षेत्र
से जुड़े क्षेत्रों में बिजली नहीं गिरती। इसका कारण है कि ये इलाके बेहद ठंडे हैं,
जिनमें बिजली कड़काने वाले तूफान तैयार हो ही नहीं पाते।
- गिनीज़
बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की पुस्तक कब से शुरू हुई?
प्रदीप
मेघवाल, जाखड़ावाली
गिनीज़
वर्ल्ड रिकार्ड्स प्रतिवर्ष प्रकाशित होने वाली सन्दर्भ पुस्तक है जिसमें विश्व कीर्तिमानों
(रिकॉर्ड्स) का संकलन होता है। सन् 2000 तक इसे 'गिनीज़ बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' (अमेरिका में गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स)
के नाम से जाना जाता था। यह पुस्तक 'सर्वाधिक बिकने वाली कॉपीराइट पुस्तक' के रूप में स्वयं एक रिकार्डधारी पुस्तक
है। यह पुस्तक अमेरिका के 'सार्वजनिक पुस्तकालयों से सर्वाधिक चोरी जाने वाली
पुस्तक' भी है।
दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाली पुस्तक के रूप में यह अपने आप में रिकॉर्ड है।
4 मई
1051 की बात है। गिनीज़ ब्रूवरीज़ के मैनेजिंग डायरेक्टर ह्यूज़ बीवर आयरलैंड के वेक्सफर्ड
काउंटी की स्लेनी नदी के किनारे नॉर्थ स्लॉब नाम की जगह में शूटिंग पार्टी में गए थे।
वहाँ उनकी किसी से इस बात पर बहस हो गई कि यूरोप में सबसे तेज उड़ान भरने वाली गेमिंग
बर्ड कौन सी है। उस दिन उन्हें पता लगा कि संदर्भ पुस्तकें पलटने के बाद भी यह बताना
मुश्किल है कि सबसे तेज चिड़िया कौन सी है। बीवर को यह बात भी समझ में आई कि ऐसी तमाम
बातों पर हम लोग माथापच्ची करते रहते हैं, पर पुष्टि करने वाली कोई किताब है ही नहीं।
उन्हें यह भी समझ में आया कि ऐसी किताब शुरू की जाए तो वह लोकप्रिय हो जाएगी।
बहरहाल
इस काम में नॉरिस और रॉस मैकह्वर्टर नाम के दो नौजवानों को लगाया गया कि वे तथ्य संकलन
करें और अगस्त 1954 में गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के नाम से किताब शुरू हो गई।
इसकी एक हजार कॉपियाँ छापी गईं। इसके बाद यह किताब ब्रिटिश बेस्टसेलर्स में शामिल हो
गई। इसके बाद इसे 1955 में छापा गया। 1956 में इसे अमेरिका में 70,000 कॉपियों के साथ
लांच किया गया और सब बिक गईं। आज तो यह किताब ही नहीं टीवी प्रोग्राम, इंटरनेट हर जगह
छाई है।
राजस्थान पत्रिका के मी नेक्स्ट सप्लीमेंट के नॉलेज कॉर्नर कॉलम में 28 अक्टूबर 2012 को प्रकाशित
आपकी इस प्रस्तुति को शुभारंभ : हिंदी ब्लॉगजगत की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियाँ ( 1 अगस्त से 5 अगस्त, 2013 तक) में शामिल किया गया है। सादर …. आभार।।
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