Saturday, August 3, 2013

क्या कोई ऐसा देश भी है जहाँ जेल नहीं हैं?


क्या कोई ऐसा देश भी है जहाँ जेल नहीं हैं?

वैटिकन सिटी में जेल नहीं है। अलबत्ता वहाँ पुलिस व्यवस्था है और न्याय व्यवस्था भी। यहाँ किसी व्यक्ति को सजा होती भी है तो उसे इटली की जेलों में रखा जाता है। वैटिकन सिटी को सम्प्रभुता सम्पन्न राज्य की मान्य परिभाषाओं में रखा जा सकता है, पर वह संयुक्त राष्ट्र का सदस्य नहीं केवल स्थायी पर्यवेक्षक है। इस देश की अपनी सेना नहीं है।

धरती से कितने ऊपर अंतरिक्ष शुरू होता है?
हालांकि ऐसी कोई सीमा नहीं है जहाँ से अंतरिक्ष की शुरुआत मानी जाए, पर सामान्यतः समुद्र की सतह से 100 किमी की ऊँचाई के बाद हम अंतरिक्ष की शुरूआत मानने लगे हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1967 में पारित वाह्य अंतरिक्ष संधि में भी यही सीमा मानी गई है। इसे कामान रेखा कहा जाता है।

वो दो दिन कौन से होते हैं, जब दिन और रात बराबर होते हैं?
विषुव अंग्रेज़ी में इसे इक्विनॉक्स कहते हैं। यानी ऐसा समय-बिंदु, जिसमें दिन और रात बराबर। किसी इलाके में दिन और रात की लंबाई पर असर डालने वाली कई बातें होतीं हैं। धरती अपनी धुरी पर 23½° झुककर सूर्य के चक्कर लगाती है, इस प्रकार वर्ष में एक बार पृथ्वी इस स्थिति में होती है, जब वह सूर्य की ओर झुकी रहती है, व एक बार सूर्य से दूसरी ओर झुकी रहती है। इसी प्रकार वर्ष में दो बार ऐसी स्थिति भी आती है, जब पृथ्वी का झुकाव न सूर्य की ओर ही होता है, और न ही सूर्य से दूसरी ओर, बल्कि बीच में होता है। इसे इक्विनॉक्स कहा जाता है। इन दोनों तिथियों पर दिन और रात की बराबर लंबाई लगभग बराबर होती है। ऐसा भूमध्य रेखा पर होगा। आजकल ऐसा 20/21 मार्च और 22/23 सितम्बर को होता है। पर यह भी अलग-अलग अक्षांश यानी लैटीट्यूड पर अलग-अलग दिन होता है।

मैकमहोन लाइन क्या होती है?
मैकमहोन रेखा भारत और तिब्बत के बीच सीमा रेखा है। सन् 1914 में भारत की तत्कालीन ब्रिटिश सरकार और तिब्बत के बीच शिमला समझौते के तहत यह रेखा तय की गई थी। 1914 के बाद कई साल तक इस रेखा को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ, पर 1937 में ओलफ केरो नामक एक अंग्रेज प्रशासनिक अधिकारी ने तत्कालीन अंग्रेज सरकार को इसे आधिकारिक तौर पर लागू करने का अनुरोध किया। 1937 में सर्वे ऑफ इंडिया के एक मानचित्र में मैकमहोन रेखा को आधिकारिक भारतीय सीमारेखा के रूप में पर दिखाया गया था। इस सीमारेखा का नाम सर हैनरी मैकमहोन के नाम पर रखा गया था, जिनकी इस समझौते में महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। वे भारत की तत्कालीन अंग्रेज सरकार के विदेश सचिव थे।



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