Saturday, August 3, 2013

ब्लैक बॉक्स क्या होता है? यह किस काम आता है ?

ब्लैक बॉक्स क्या होता है? यह किस काम आता है ?
हवाई जहाज की उड़ान के दौरान उसके बारे में तमाम जानकारियाँ एक जगह दर्ज होती जाती हैं। विमान की गति, ऊँचाई, इंजन तथा अन्य यंत्रों की ध्वनि, यात्रियों और पायलटों की बातचित आदि, दर्ज होती रहती है। इन सूचनाओं के विश्लेषण द्वारा विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की स्थिति में दुर्घटना के कारणों की पहचान की जाती है।इसे फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर या फ़्लाइट रिकॉर्डर कहते हैं। इसके अलावा क़ॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर भी होता है। इसे कहते हैं ब्लैक बॉक्स। 1953-1954 में हवाई हादसों की श्रंखला के बाद हवाई जहाज में एक ऐसा उपकरण लगाने की जरूरत महसूस की गई थी जो कि दुर्घटना के समय या उससे तुरंत पहले वायुयान में होने वाले हलचलों और आँकड़ों को संग्रहीत कर रख सके तथा जो दुर्घटनाओं में सुरक्षित रहे। इसका रंग काला नहीं लाल या नारंगी होता है। इसीलिए शुरू में इसे रेड एगकहा जाता था। इसके शुरुआती प्रारूपों में उसकी भीतरी दीवार को काला रखा जाता था, क्योंकि उसमें फोटो फिल्म आधारित जानकारी भी दर्ज होती थी। वहीं से इसका नाम ब्लैक बॉक्स पड़ा। इसे इस तरह बनाया जाता है कि तेज आग, भीषण विस्फोट और कई टन मलबे के दबाव के बावजूद नष्ट नहीं होता

भारतीय रुपए की तुलना हमेशा अमेरिकी डॉलर से क्यों की जाती है?
त्रिलोक नायक, triloknayak07@gmail.com
 आप चाहें तो इसकी तुलना किसी दूसरी करेंसी से भी कर सकते है, पर चूंकि दुनिया में सबसे मजबूत करेंसी इस वक्त डॉलर है, इसलिए आमतौर पर तुलना डॉलर से की जाती है। दुनिया की मजबूत मुद्राओं को हार्ड करेंसी कहते हैं। डॉलर के अलावा विश्व में यूरो, पौंड स्टर्लिंग, जापानी येन और स्विस फ्रैंक को हार्ड करेंसी की श्रेणी में रख सकते हैं। इन करेंसियों के मार्फत दुनिया के तमाम देश एक-दूसरे से व्यापार करते हैं। इस वक्त दुनिया के ज्यादातर देशों के पास मुद्रा कोष के नाम पर सबसे बड़ा भंडार डॉलर का है। हमारे देश में भी जब विदेशी मुद्रा कोष की बात होती है तो डॉलर का नाम ही लिया जाता है।

मोबाइल जेमर कैसे काम करता है?
 पहले यह समझ लें कि फोन जैमर की ज़रूरत क्यों होती है। इसकी ज़रूरत या तो सुरक्षा कारणों से होती है या अस्पताल जैसी जगह पर जहाँ शांति की ज़रूरत हो। आपने देखा होगा पिछले दिनों चुनाव के दिन भी मोबाइल सेवाएं ब्लॉक की गईं। कई बार पुलों और रक्षा संस्थानों के आसपास फोन जैम हो जाते हैं। उस इलाके से बाहर आने पर फोन फिर से काम करने लगते हैं। युद्ध के समय सीमा पर रेडियो जैमिंग की जाती है ताकि शत्रु के रेडियो संदेश न जा सकें। फोन जैमिंग एक प्रकार से रेडियो जैमिंग है। इसमें जैमिंग डिवाइस उसी फ्रीक्वेंसी पर रेडियो तरंगे प्रवाहित करते हैं, जिसपर आमतौर से फोन डिवाइस काम कर रही हैं। इससे फोन सेवाओं में व्यवधान पैदा हो जाता है और कुछ देर के लिए टावर से सम्पर्क टूट जाता है। इस इलाके से बाहर आने पर सेवा फिर से शुरू हो जाती है। 

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