Saturday, May 30, 2015

ताजमहल का चीफ आर्किटेक्ट कौन था?

ताजमहल का वास्तुकार कौन है यह दावे के साथ आज भी नहीं कहा जा सकता. इतना जरूर समझ में आता है कि वास्तुकारों और निर्माण विशेषज्ञों के समूह के साथ शाहजहाँ स्वयं भी सक्रिय रूप से इसमें शामिल थे. उस्ताद अहमद लाहौरी को इसका श्रेय देने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त व्यक्ति माना जाता है, एक प्रधान वास्तुकार के रूप में. यह भी माना जाता है कि तुर्की के इस्माइल अफांदी से भी सलाह ली गई थी. 

पहली मिस इंडिया कौन थी? अब तक कितनी मिस इंडिया विश्व सुंदरी बनी हैं?
माना जाता है कि पहली मिस इंडिया एस्थर अब्राहम थीं, जो 1947 में चुनी गईं. उन्होंने प्रमिला नाम से फिल्मों में भी काम किया. अलबत्ता पहली बार मिस युनीवर्स में भारत की ओर से भाग लेने 1952 में गईं इन्द्राणी रहमान. मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में पहली बार 1959 में हिस्सा लेने गईं फ्लोर एज़ीकेल. 1966 में पहली बार किसी भारतीय स्त्री को विश्व प्रतियोगिता जीतने का मौका मिला जब रीता फारिया मिस वर्ल्ड बनीं. इसके बाद 1994 में ऐश्वर्या राय, 97 में डायना हेडेन, 99 में युक्ता मुखी और 2000 में प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनीं. इसी तरह 1994 में सुष्मिता सेन और 2000 में लारा दत्ता मिस युनीवर्स बनीं. सन 2010 में निकोल फारिया मिस अर्थ बनीं. मिस एशिया पैसिफिक में भी भारतीय सुन्दरियों को पुरस्कार मिले हैं. सन 1970 में ज़ीनत अमान, 1973 में तारा अन्ना फोनेस्का और 2000 में दिया मिर्ज़ा मिस एशिया पैसिफिक बनीं. यह सूची काफी लम्बी है.

इलेक्शन पांच साल बाद ही क्यों होते हैं?
सभी चुनाव पाँच साल में नहीं होते. हमारे संविधान के अनुच्छेद 63(2) के अनुसार लोकसभा का कार्यकाल पाँच वर्ष है. इसलिए चुनाव पाँच साल में होते हैं. विधानसभाओं के साथ भी ऐसा ही है. लोकसभा पाँच साल के पहले भी भंग की जा सकती है और आपातकाल में उसका कार्यकाल बढ़ाया भी जा सकता है. राज्यसभा में एक सदस्य का कार्यकाल छह साल होता है, पर चुनाव हर दो साल में होते हैं. सामान्यतः विधान सभाओं के चुनाव पाँच साल में होते हैं, पर जम्मू-कश्मीर विधान सभा का चुनाव छह साल में होता है.

फोन या मोबाइल पर या किसी से मिलते वक्त हम सबसे पहले हलो क्यों बोलते हैं?
हेलो या हलो मूलतः अपनी तरफ ध्यान खींचने वाला शब्द है. यह पुरानी जर्मन भाषा के हाला या होला से बना है. संयोग से इसे टेलीफोन ने बहुत लोकप्रियता दी. 10 मार्च 1876 को अलेक्जेंडर ग्राहम बैल के टेलीफोन आविष्कार को पेटेंट मिला. वे शुरू में टेलीफोन पर बात शुरू करने के लिए अहोय शब्द का इस्तेमाल करते थे. यह शब्द समुद्री नाविक एक-दूसरे का ध्यान खींचने के लिए इस्तेमाल करते हैं. सन 1877 में टॉमस एडीसन ने हेलो शब्द का इस्तेमाल करने की सलाह दी जो अंततः सभी ने मान ली. अब तो हम फोन पर ही नहीं सामान्य मुलाकात में या किसी व्यक्ति का ध्यान अपनी और खींचने के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं.

निगेटिव ब्लड ग्रुप किसे कहते हैं? यह इतना रेयर क्यों होता है?
खून के ग्रुप सिस्टम में सबसे कॉमन एबीओ सिस्टम है. रेड ब्लड सेल्स पर प्रोटीन की कोटिंग के आधार पर चार ग्रुप बनते हैं ए बी एबी और ओ. इसके बाद ए1, ए2 ए1बी या ओ2बी सब ग्रुप बनते हैं. इसके अलावा एक प्रोटीन इन ग्रुपों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसे आरएच फैक्टर कहते हैं. यदि यह खून में होता है तो खून के टाइप को पॉज़िटिव और नहीं होता तो निगेटिव कहते हैं. इनमें ओ निगेटिव का सभी रक्त समूहों से मेल हो सकता है. इसलिए इसकी सबसे ज्यादा ज़रूरत होती है.

 क्या अब तक हमारे देश के कोई राष्ट्रपति पाकिस्तान गए हैं? 
अभी तक हमारे देश के कोई राष्ट्रपति पाकिस्तान नहीं गए हैं. अलबत्ता 13 अप्रेल 1955 में पाकिस्तान के तत्कालीन हाई कमिश्नर ने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के पास जाकर उनसे 14 अगस्त को पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर पाकिस्तान आने का निमंत्रण दिया था. पर यह यात्रा हो नहीं पाई.

डीएनए टेस्ट के बारे में बताएं. 
डीएनए टेस्ट तमाम तरह के हैं. तकरीबन 1200 किस्म के टेस्ट उपलब्ध हैं. यों तो यह कई प्रकार के होते हैं पर सामान्य आशय उस डीएनए टेस्ट से है, जिसमें पिता, माता, दादा, खानदान, वंश, परिवार या जातीय समूह का पता लगाया जाता है. इसका अर्थ है जेनेटिक सम्बन्ध का पता लगाना. इसका उद्देश्य उत्तराधिकार और सम्पत्ति के विवादों को या दूसरी तरह की भावनात्मक गुत्थियों को सुलझाना है. अब नवजात शिशुओं की डीएनए जाँच भी होने लगी है ताकि बच्चे के जीन्स के दोषों का पहले ही पता लग जाए और समय रहते उन्हें दुरुस्त कर लिया जाए. इलाज के लिए और आपराधिक मामलों में भी डीएनए जाँच होती है.
डीएनए जाँच के लिए व्यक्ति के खून, बाल, त्वचा और उल्ब तरल(एम्नियॉटिक फ्लुइड) का सैम्पल लिया जाता है. एम्नियॉटिक फ्लुइड गर्भावस्था में भ्रूण के चारों ओर का तरल होता है. इसके अलावा व्यक्ति के गालों के अंदरूनी हिस्से से ब्रश या रुई के मार्फत नमूना भी लिया जाता है. माउथवॉश के मार्फत भी मुँह के अंदर के सेल जमा किए जा सकते हैं. इनकी जाँच करने वाली मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएं हैं जो 10 हजार से 40 हजार तक की फीस लेती हैं और सामान्यतः 15 दिन में जाँच रिपोर्ट देती हैं.
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

Sunday, May 24, 2015

सेलोटेप का आविष्कार किसने किया?


इसके आविष्कारक का नाम है रिचर्ड जी ड्र्यू। वे अमेरिका के निवासी थे और व्यवसाय से केमिकल इंजीनियर थे। ड्र्यू मिनेसोटा माइनिंग एंड मैन्युफैक्चरिंग कम्पनी में काम करते थे। इस कम्पनी को आज हम 3एम के नाम से जानते हैं। यह कम्पनी सन 1926 से रेगमाल या सैंडपेपर बनाती रही है, जिसमें सिलिका और एल्युमिनियम ऑक्साइड का इस्तेमाल होता था। इस पेपर के आविष्कार में भी रिचर्ड ड्र्यू का योगदान था। इस सिलसिले में उन्हें गोंद और रबर की तरह चिपकने वाले रसायनों को समझने का मौका मिला।

उन दिनों अमेरिका में दो रंगों वाली कारों का फैशन चला। दो रंग का पेंट करने के लिए कार कम्पनियाँ पहले एक रेंग का पेंट करके जिस हिस्से पर दूसरा रंग चढ़ाना होता था उसपर गोंद से टेप लगाकर उस हिस्से की मास्किंग कर देती थीं। ताकि उस हिस्से पर वह पेंट न पड़े। बाकी हिस्से पर दूसरा पेंट कर देती थीं। बाद में टेप हटा लिया जाता था, जिससे कार पर दोनों रंग नजर आने लगते थे। अलबत्ता टेप को हटाने के प्रयास में अकसर पेंट की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ता था।

रिचर्ड ड्र्यू ने बादामी रंग के कागज का नया मास्किंग टेप बनाया, जिसे हटाने पर चिपकने वाली पदार्थ सतह पर निशान नहीं छोड़ता था। सन 1928 में उन्होंने ट्रांसपेरेंट सेलोफेन टेप बनाया। यह पारदर्शी और महीने होने के अलावा नमी और गर्मी को सहन करने वाला भी था। सामान्य कागज के टेप से यह मजबूत भी ज्यादा था। यह सेल्युलोज़ से बनाया गया था इसलिए इसे सेलोफेन कहा गया। उसके पहले तक गोंद वाला ब्राउन टेप काम में आता था, जो बरसात में नम होकर यों ही चिपकने लगता था। इसे चिपकाने के पहले गीला भी करना पड़ता था। रिचर्ड ड्र्यू ने 1928 में अपने नए टेप का पेटेंट कराया और 1930 में उनकी कम्पनी ने सेलोटेप नाम से इस टेप को बाजार में उतारा।

दुनिया में कितनी भाषाएं?
एथनोलॉग कैटलॉग के अनुसार 7102 जीवंत भाषाएं हैं। इनमें से तकरीबन दो हजार भाषाएं ऐसी हैं जिन्हें बोलने वालों की संख्या एक हजार से कम है।

शरीर पर काले तिल क्यों होते हैं?
त्वचा पर काले तिल मेलानोसाइट्स नाम के सेल या कोशिका का समूह है। यह भी त्वचा है, पर उसका रंग फर्क है। प्रायः ये तिल आजीवन रहते हैं। अलग-अलग देशों और भौगोलिक इलाकों में इनका रंग अलग-अलग होता है। अफ्रीकी मूल के निवासियों के शरीर में इनका रंग गुलाबी हो सकता है, यूरोप में भूरा, भारत में काला और कहीं नीला भी।

इंजेक्शन द्वारा दवाई देना कब से शुरू हुआ?
शरीर में चोट लगने पर दवाई सीधे लगाने की परम्परा तो काफी पुरानी है। शरीर में अफीम रगड़कर या किसी कटे हुए हिस्से में अफीम लगाकर शरीर को राहत मिल सकती है ऐसा विचार भी पन्द्रहवीं सोलहवीं सदी में बन गया था। अफीम से कई रोगों का इलाज किया जाने लगा, पर डॉक्टरों को लगता था कि इसे खिलाने से लत पड़ सकती है। इसलिए शरीर में प्रवेश का कोई तरीका खोजा जाए। स्थानीय एनिस्थीसिया के रूप में भी मॉर्फीन वगैरह का इस्तेमाल होने लगा था। ऐसी सुई जिसके भीतर खोखला बना हो सोलहवीं-सत्रहवीं सदी से इस्तेमाल होने लगी थी। पर सबसे पहले सन 1851 में फ्रांसीसी वैज्ञानिक चार्ल्स गैब्रियल प्रावाज़ ने हाइपोडर्मिक नीडल और सीरिंज का आविष्कार किया। इसमें महीन सुई और सिरिंज होती थी। तबसे इसमें तमाम तरह के सुधार हो चुके हैं।

राजस्थान पत्रिका के मी नेक्स्ट में प्रकाशित

Thursday, May 21, 2015

पहला ईमेल किसने भेजा और कब?

ईमेल इलेक्ट्रॉनिक मेल का संक्षिप्त रुप है। दुनिया का पहला ई-मेल सन 1971 में अमेरिका के कैम्ब्रिज नामक स्थान पर रे टॉमलिंसन  नामक इंजीनियर ने उसी एक ही कमरे में रखे दो कम्पयूटरों के बीच भेजा। वे कम्प्यूटर नेटवर्क अर्पानेट से जुड़े थे। अर्पानेट एक माने में इंटरनेट का पूर्वज है। यह संदेश को एक जगह से दूसरी जगह भेजने का प्रयोग था। ईमेल को औपचारिक रूप लेने में कई साल लगे। अलबत्ता भारतीय मूल के अमेरिकी वीए शिवा अय्यदुरई ने 1978 में एक कंप्यूटर प्रोग्राम तैयार किया जिसे 'ईमेल' कहा गया। इसमें इनबॉक्स, आउटबॉक्स, फोल्डर्स, मेमो, अटैचमेंट्स ऑप्शन थे। सन 1982 में अमेरिका के कॉपीराइट कार्यालय ने उन्हें इस आशय का प्रमाणपत्र भी दिया। इस कॉपीराइट के बावजूद उन्हें ईमेल का आविष्कारक नहीं कहा जा सकता।

@ की क्या महत्ता है? इसके बिना ई-मेल अधूरा क्यों है?
अंग्रेज़ी के ऍट या स्थान यानी लोकेशन का यह प्रतीक चिह्न है। शुरू में इसका इस्तेमाल गणित में ‘ऍट द रेट ऑफ’ यानी दर के लिए होता था। ई-मेल में इसके इस्तेमाल ने इसके अर्थ का विस्तार कर दिया। ई-मेल में पते के दो हिस्से होते हैं। एक होता है लोकल पार्ट जो @ के पहले होता है। इसमें अमेरिकन स्टैंडर्ड कोड फॉर इनफॉरमेशन इंटरचेंज (एएससीआईआई) के तहत परिभाषित अक्षर, संख्या या चिह्न शामिल हैं। चिह्न @ के बाद डोमेन का नाम लिखा जाता है। यानी इस चिह्न के पहले व्यक्ति या संस्था का नाम बताने वाले संकेत और उसके बाद डोमेन नाम। कुछ लोगों को लगता है कि इस पते को केवल लोअर केस में लिखा जा सकता है। इसे अपर और लोअर दोनों केस में लिख सकते हैं।

दुनिया में ऐसे कितने देश हैं जहां लोकतंत्र या डेमोक्रेसी नहीं है ?
घना, म्यांमार और वैटिकन सिटी किसी न किसी रूप में लोकतंत्र की परिधि से बाहर के देश हैं। इसके अलावा सउदी अरब, जॉर्डन, मोरक्को, भूटान, ब्रूनेई, कुवैत, यूएई, बहरीन, ओमान, कतर,स्वाज़ीलैंड वगैरह में राजतंत्र है। इन देशों में लोकतांत्रिक संस्थाएं भी काम करती हैं। नेपाल में कुछ साल पहले तक राजतंत्र था, पर अब वहाँ लोकतंत्र है। दुनिया के 200 के आसपास देश हैं, जिनमें से तीस से चालीस के बीच ऐसे देश हैं, जो लोकतंत्र के दायरे से बाहर हैं या उनमें आंशिक लोकतंत्र है। जिन देशों में लोकतंत्र है भी उनमें भी पूरी तरह लोकतंत्र है या नहीं यह बहस का विषय है।

लोकतंत्र  व  गणतंत्र में  क्या  अंतर है ?
लोकतंत्र एक व्यवस्था का नाम है। यानी हम जब भी फैसले करें तब यथेष्ट लोगों की सहमति हो। हालांकि यह अनिवार्य नहीं, पर व्यवहारिक बात है कि उसकी संवैधानिक व्यवस्था भी होनी चाहिए। जब शासन पद्धति पर यह लागू हो तो शासन व्यवस्था लोकतांत्रिक होती है। इसमें हिस्सा लेने वाले या तो आमराय से फैसले करते हैं और यदि ऐसा न हो तो मत-विभाजन से करते हैं। ये निर्णय सामान्य बहुमत से और कई बार ज़रूरी होने पर विशेष बहुमत से भी होते हैं। मसलन कुछ परिस्थितियों में दो तिहाई मत से भी निर्णय किए जाते हैं।

गणतंत्र का अर्थ वह शासन पद्धति जहाँ राज्य प्रमुख का निर्वाचन सीधे जनता करे या जनता के प्रतिनिधि करें। यानी राष्ट्रप्रमुख वंशानुगत या तानाशाही तरीके से सत्ता पर कब्जा करके न आया हो। कुछ ऐसे देश भी हैं, जहाँ शासन पद्धति लोकतांत्रिक है, पर राष्ट्राध्यक्ष लोकतांत्रिक तरीके से नहीं चुना जाता। जैसे युनाइटेड किंगडम, जहाँ राष्ट्राध्यक्ष सम्राट होता है, जिसके परिवार के सदस्य ही राष्ट्राध्यक्ष बनते हैं। वह लोकतंत्र है, गणतंत्र नहीं। भारत में लोकतांत्रिक सरकार है और राष्ट्रपति का चुनाव होता है इसलिए यह गणतंत्रात्मक व्यवस्था भी है।


दुनिया का सबसे बड़ा हाइवे कहाँ है? उसकी लम्बाई कितनी है?
ऑस्ट्रेलिया का हाइवे नम्बर वन दुनिया का सबसे लम्बा हाइवे माना जाता है। इसकी लम्बाई 14,500 किलोमीटर है। और यह इस महाद्वीप सागर तट से लगकर चलता है। यानी पूरे महाद्वीप का चक्कर लगाता है। भारत सरकार ने इसी प्रकार के एक राजमार्ग के निर्माण की योजना बनाई है जो देश की सीमाओं से होता हुआ पूरे देश का चक्कर लगाएगा। इसकी लम्बाई तकरीबन 5000 किलोमीटर होगी। इसे भारत माला नाम दिया गया है।

प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

Thursday, May 14, 2015

घोटाले के साथ ‘गेट’ शब्द क्यों जोड़ दिया जाता है?

किसी भी घोटाले के साथ गेट शब्द क्यों जोड़ दिया जाता है?
ऐसा पहले होता नहीं था. पर वॉटरगेट मामले के बाद से ऐसा होने लगा है. वॉशिंगटन डीसी में वॉटरगेट होटल कॉम्प्लेक्स में अमेरिका की डैमोक्रेट नेशनल कमेटी का मुख्यालय था. यहां पर सरकारी मशीनरी का उपयोग करते हुए ऐसे टेप लगा दिए गए थे जिससे सारी बातें सुनी जा सकें. उस वक्त देश के राष्ट्रपति रिपब्लिकन पार्टी के रिचर्ड निक्सन थे. 1972 से 1974 तक चले इस मामले में निक्सन के दुबारा चुनाव लड़ने के लिए जमा की जा रही गैर-कानूनी रकम और दूसरे अवैध कार्यों का खुलासा इस मामले से हुआ. सीनेट और अदालतों के बढ़ते दबाव से रिचर्ड निक्सन को अंततः इस्तीफा देना पड़ा. बहरहाल इसके बाद से दुनिया में घोटालों के साथ गेट शब्द लगाने का चलन शुरू हो गया.

4-जी क्या है और यह 3-जी से कितना बेहतर है?
जी का मतलब जेनरेशन या पीढ़ी है. इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशंस यूनियन के मानकों के अनुसार वाइड एरिया वायरलेस वॉइस टेलीफोन, मोबाइल इंटरनेट एक्सेस, वीडियो कॉल्स और मोबाइल टीवी वगैरह तीसरी पीढ़ी में शामिल किए जाते हैं. इसे इंटरनेशनल मोबाइल टेलीकम्युनिकेशंस-2000 या आईएमटी-2000 भी कहते हैं. चौथी पीढ़ी यानी 4-जी में सुविधाएं और बढ़ गईं। यानी मोबाइल अल्ट्रा ब्रॉडबैंड की स्पीड, हाई डेफिनीशन और थ्री डी टीवी, गेमिंग डिवाइस बेहतर हो गईं. मोबाइल वायमैक्स 100 मेगाबिट्स प्रति सेकंड और फिक्स्ड लाइन में एक गीगाबाइट प्रति सेकंड डेटा ट्रांसफर हो सकेगा. इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशंस यूनियन ने 4-जी के जो मानक तैयार किए हैं उन्हें आईएमटी एडवांस्ड कहते हैं. इसके बाद 5-जी सेवा संभवतः 2020 के आसपास आएंगी, जिसमें इंटरनेट की स्पीड के अलावा मैश नेटवर्किंग जैसी कुछ नई तकनीकों का समावेश होगा.

फूलों में अलग-अलग खुशबू कहां से आती हैं?
रासायनिक यौगिकों का एक गुण गंध भी है. फूलों में ही नहीं आप जीवन के प्रायः तमाम तत्वों में गंध पाते हैं. आपको भोजन, शराब, फलों, मसालों, सब्जियों वगैरह में गंध मिलती है. सभी फूलों में खुशबू नहीं होती. कुछ फूल गंधहीन होते हैं और कुछ दुर्गंध भी देते हैं. गुलाब की खुशबू जेरनायल एसीटेट नामक रासायनिक यौगिक के कारण होती है. चमेली की खुशबू नेरोलायडॉल के कारण होती है. पुराने ज़माने में फूलों से ही इत्र बनता था. फूलों की मुख्य भूमिका प्रजनन में है. एक फूल से पराग कण दूसरे में जाते हैं. इसमें हवा के अलावा मधुमक्खियों, तितलियों तथा इसी प्रकार के दूसरे प्राणियों की भूमिका होती है. उन्हें आकर्षित करने में भी इनके रंग और सुगंध की भूमिका होती है.  

दुनिया के सबसे छोटे और सबसे लंबे कद के इंसान कौन हैं? उनकी हाइट कितनी है?
गिनीज़ बुक के अनुसार नेपाल के चन्द्रबहादुर डांगी इस वक्त दुनिया के सबसे छोटे कद के व्यक्ति हैं. उनका कद है 54.6 सेमी यानी 21.5 इंच. तुर्की के सुलतान कोसेन संसार के सबसे लम्बे व्यक्ति हैं. 10 दिस 1982 को जन्मे सुलतान की लम्बाई 251 सेमी यानी 8 फुट 3 इंच है. यह माप 8 फरवरी 2011 को ली गई थी. पिछले साल 13 नवम्बर 2014 को इन दोनों की लंदन में मुलाकात भी हुई थी. यह मौका था गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स डे का.

पुलिस सरेंडर के लिए हैंड्स अप क्यों कहती है?
चूंकि व्यक्ति की गतिविधियों में हाथ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है इसलिए हाथों को सिर के ऊपर या पीठ के पीछे करने का निर्देश दिया जाता है. पुलिस को पहला डर होता है कि व्यक्ति के पास हथियार न हो. व्यक्ति की गतिविधियों को निष्क्रिय करने के उद्देश्य से ऐसा कहा जाता है.

बॉक्स ऑफिस शब्द फिल्मों के लिए क्यों इस्तेमाल किया जाता है?
फिल्मों के पहले से बॉक्स ऑफिस शब्द का प्रयोग थिएटर में टिकट खिड़की के लिए होता रहा है. नाटक और संगीत के कार्यक्रमों को देखने के लिए पहले बॉक्स ऑफिस से टिकट लेना पड़ता था. सिनेमा थिएटर भी उसी शैली में बने. फिल्मों की सफलता को बॉक्स ऑफिस से जोड़ने का मतलब है टिकटों का बिकना या दर्शकों का आना.

प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

Sunday, May 10, 2015

पोलर लाइट्स क्या है और इनका रहस्य क्या है?

ध्रुवीय ज्योति (अंग्रेजी: Aurora), या मेरुज्योति, वह चमक है जो ध्रुव क्षेत्रों के वायुमंडल के ऊपरी भाग में दिखाई पड़ती है। उत्तरी अक्षांशों की ध्रुवीय ज्योति को सुमेरु ज्योति (अंग्रेजी: aurora borealis), या उत्तर ध्रुवीय ज्योति, तथा दक्षिणी अक्षांशों की ध्रुवीय ज्योति को कुमेरु ज्योति (अंग्रेजी: aurora australis), या दक्षिण ध्रुवीय ज्योति, कहते हैं। यह रोशनी वायुमंडल के ऊपरी हिस्से थर्मोस्फीयर ऊर्जा से चार्ज्ड कणों के टकराव के कारण पैदा होती है। ये कण मैग्नेटोस्फीयर, सौर पवन से तैयार होते हैं। धरती का चुम्बकीय घेरा इन्हें वायुमंडल में भेजता है। ज्यादातर ज्योति धरती के चुम्बकीय ध्रुव के 10 से 20 डिग्री के बैंड पर होती हैं। इसे ऑरल ज़ोन कहते हैं। इन ज्योतियों का भी वर्गीकरण कई तरह से किया जाता है।
  
ह्वाइट कॉलर जॉब क्या है?
ह्वाइट कॉलर शब्द एक अमेरिकी लेखक अपटॉन सिंक्लेयर ने 1930 के दशक में गढ़ा। औद्योगीकरण के साथ शारीरिक श्रम करने वाले फैक्ट्री मजदूरों की यूनीफॉर्म डेनिम के मोटे कपड़े की ड्रेस हो गई। शारीरिक श्रम न करने वाले कर्मचारी सफेद कमीज़ पहनते। इसी तरह खदानों में काम करने वाले ब्लैक कॉलर कहलाते। सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े कर्मियों के लिए अब ग्रे कॉलर शब्द चलने लगा है।
विदा लेते समय अंग्रेजी में बाई के साथ टाटा कहते हैं। यह टाटा क्या है?
अंग्रेजी में विदाई के वक्त टाटा कहने का चलन है। यह शब्द बोली का है। इसका प्रचलन उन्नीसवीं सदी से हुआ है। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार यह गुडबाई का नर्सरी संस्करण है। इसका इस्तेमाल पहली बार 1837 में दर्ज है। सन 1941 में बीबीसी के एक रेडियो प्रोग्राम में इस्तेमाल किया गया संक्षिप्त प्रयोग टीटीएफएन काफी लोकप्रिय हुआ था जिसका मतलब था टाटा फॉर नाउ।

किसी डरावनी चीज को देखने पर दिल की धड़कन तेज क्यों हो जाती है?
हमारा मस्तिष्क एक केन्द्रीय कम्प्यूटर की तरह शरीर के सारे कार्यों को संचालित करता है। यह काम नर्वस सिस्टम के मार्फत होता है। पूरे शरीर में नाड़ियों यानी नर्व्स का एक जाल है। मस्तिष्क से हमारी रीढ़ की हड्डी जुड़ी हैजिससे होकर धागे जैसी नाड़ियाँ शरीर के एक-एक हिस्से तक जाती हैं। मस्तिष्क से निकलने वाला संदेश शरीर के हर अंग तक जाता है। मसलन कभी आपका हाथ दुर्घटनावश जल जाय तो हाथ की त्वचा से जुड़ी नर्व्स दर्द का संदेश मस्तिष्क तक भेजती है। जवाब में मस्तिष्क मसल्स को संदेश देता है कि हाथ को खींचो। यह सब बेहद तेजी से होता है। नर्वस सिस्टम का एक हिस्सा शरीर की साँस लेनेभोजन को पचानेपसीना निकालनेकाँपने जैसी तमाम क्रियाओं का संचालन करता रहता है। आपको उसमें कुछ भी करने की ज़रूरत नहीं होती है। इसे ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम कहते हैं। इस सिस्टम के दो हिस्से होते हैं। सिम्पैथेटिक और पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम। जब आप कोई डरावनी चीज़ देखते हैं तब सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम हृदय की गति को बढ़ा देता है। उसका उद्देश्य शरीर के सभी अंगों तक ज्यादा रक्त पहुँचाना होता है। साथ ही यह किडनी के ऊपर एड्रेनल ग्लैंड्स से एड्रेनालाइन हार्मोन को रिलीज़ करता हैजिससे मसल्स को अतिरिक्त शक्ति मिलती है। यह इसलिए कि या तो आपको लड़ना है या भागना है। दोनों काम के लिए फौरी ऊर्जा मिल सके। इसके अलावा शरीर की मसल्स शरीर के रोम (रोयों) को उत्तेजित करती है ताकि शरीर में गर्मी आए। यह काम सर्दी लगने पर भी होता है।

किस फिल्म को पहला राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था?
1954 में कथा-चित्र के लिए पहला राष्ट्रीय पुरस्कार मराठी फिल्म श्यामची आई को दिया गया।

Thursday, May 7, 2015

पेन ड्राइव का आविष्कार किसने किया?


यूएसबी फ्लैश पेन ड्राइव मूलतः डेटा स्टोरेज डिवाइस है. इसमें तमाम पुरानी तकनीकों का समावेश है. मूलतः यूनिवर्सल बस इंटरफेस (यूएसबी) इसका माध्यम है. अलबत्ता अप्रेल 1999 में इसरायली कम्पनी एम-सिस्टम्स ने इसके पेटेंट के लिए अमेरिका में अर्जी दी थी. इस कम्पनी के अमीर बैनडोव मोरान और ओरोन ओग्दान ने इसका आविष्कार किया था.
इस पेटेंट में मेमरी यूनिट और यूएसबी कनेक्टर के बीच एक केबल का ज़िक्र किया गया था. उसी साल सितम्बर में शिमॉन श्मुएली की ओर से प्रस्तुत आईबीएम के एक पेटेंट में इस यूएसबी फ्लैश ड्राइव का पूरा विवरण दिया गया था. अलबत्ता आईबीएम और एम-सिस्टम्स ने मिलकर इस बाजार में उतारा. इस पेटेंट के बाद कई कम्पनियों ने अपने प्रोडक्ट्स के लिए अर्जियाँ दी हैं और इसमें कई तरह के विवाद है.

गाडियों के टायर काले क्यों होते हैं?
टायर बनाने की प्रक्रिया को वल्कनाइजेशन कहते हैं. आमतौर पर रबर का रंग स्लेटी होता है. प्राकृतिक रबर यानी लेटेक्स में कार्बन ब्लैक मिलाते हैं ताकि वह मजबूत रहे, रबर जल्दी न घिसे. अगर सादा रबर का टायर 8 हज़ार किलोमीटर चल सकता है तो कार्बन युक्त टायर एक लाख किलोमीटर चल सकता है. काले कार्बन की भी कई श्रेणियां होती हैं. इसमें सल्फर भी मिलाते हैं.
कार्बन ब्लैक के कारण यह काला हो जाता है. इससे यह अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से बच जाता है. यों आपने बच्चों की साइकिलों में सफेद, पीले और दूसरे रंगों के टायर देखे होंगे. बीसवीं सदी के पहले-दूसरे दशक में कारों के सफेद टायर भी होते थे. यों हाल के वर्षों तक ह्वाइटवॉल टायरों का प्रचलन रहा है जिनमें टायर का साइड वाला हिस्सा सफेद होता था.

दुनिया के पहले कार्टूनिस्ट कौन थे?
सन 1841 में लंदन से प्रकाशित पत्रिका पंच में सबसे पहले कार्टून छपने शुरू हुए थे. इनमें जॉन लीच के बनाए स्केच प्रमुख थे. पत्रिका के पहले अंक का मुखपृष्ठ आर्किबाल्ड हैनिंग ने डिजाइन किया था. जॉन लीच के अलावा रिचर्ड डॉयल, जॉन टेनियल और चार्ल्स कीन के कार्टून भी पत्रिका में छपते थे. उन्हें भी पहले कार्टूनिस्ट मान सकते हैं.

भारत माता का प्रसिद्ध चित्र किसने बनाया था?
भारत माता की अवधारणा उन्नीसवीं सदी में बंगाल से शुरू हुई थी. सन 1873 में किरण चन्द्र बंदोपाध्याय का लिखा नाटक भारत माता खेला गया था. उन्हीं दिनों प्रसिद्ध चित्रकार अवनीन्द्र नाथ ठाकुर ने भारत माता का चित्र बनाया. इसके बाद अनेक चित्रकारों ने भारत माता के चित्र बनाए हैं. वाराणसी में एक भारत माता मंदिर भी है.

अक्षरों की छपाई का आविष्कार कहाँ और किस तरह हुआ?
प्रारंभिक युग में मुद्रण एक कला था, लेकिन आधुनिक युग में पूर्णतया तकनीकी आधारित हो गया है. सामान्यतः मुद्रण का अर्थ छपाई से है, जो कागज, कपड़ा, प्लास्टिक, टाट इत्यादि पर हो सकता है. पहले बोली और फिर भाषा का आविष्कार हुआ. इसके बाद लिपि का आविष्कार हुआ. पत्थरों व वृक्षों की छालों पर खोदकर इनसान लिखने लगा. इसके बाद लकड़ी को नुकीला छीलकर ताड़पत्रों और भोजपत्रों पर लिखने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई.
प्राचीन काल के अनेक ग्रंथ भोजपत्रों पर लिखे मिले हैं. सन् 105 में चीन में कागज का आविष्कार हुआ. चीन में ही सन् 712 में ब्लॉक प्रिंटिंग की शुरूआत हुई. इसके लिए लकड़ी का ब्लॉक बनाया गया. सन 1041 में चीन के पाई शेंग नामक व्यक्ति ने चीनी मिट्टी की मदद से अक्षरों को तैयार किया. इन अक्षरों को आधुनिक टाइपों का आदि रूप माना जा सकता है. चीन में ही दुनिया का पहली छपाई हुई. लकड़ी के टाइपों के ऊपर स्याही जैसे पदार्थ को पोतकर कागज के ऊपर दबाकर छपाई का काम किया जाता था. यह कला यूरोप में चीन से गई अथवा वहां स्वतंत्र रूप से विकसित हुई.
जर्मनी के मिंज़ शहर में रहने वाले जोहानन गुटेनबर्ग ने सन् 1440 में ऐसे टाइपों का आविष्कार किया, जो बदल-बदलकर विभिन्न सामग्री को बहुसंख्या में मुद्रित कर सकता था. गुटेनबर्ग ने ही सन् 1454 में दुनिया का पहला छापाखाना (प्रिंटिंग-प्रेस) लगाया तथा सन् 1456 में बाइबिल की 300 प्रतियों को प्रकाशित कर पेरिस और फ्रांस भेजा. इस पुस्तक की मुद्रण तिथि 14 अगस्त, 1456 है.

धरती पर सबसे लंबी उम्र और सबसे छोटी उम्र वाले जीव कौन हैं?
कोई नाम की जापानी मछली 250 साल तक, विशाल कछुआ (जाइंट टर्टल) पौने दो सौ से दो सौ साल तक, ह्वेल मछली दो सौ साल तक जीती है. मे फ्लाई नाम की मक्खी की उम्र एक से लेकर 24 घंटे तक होती है. इसी तरह जल में रहने वाले एक नन्हें प्राणी गैस्ट्रोटिच की उम्र होती है तीन दिन.

प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित
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