ताजमहल का वास्तुकार कौन है यह दावे के साथ आज भी नहीं कहा जा सकता. इतना जरूर समझ में आता है कि वास्तुकारों और निर्माण विशेषज्ञों के समूह के साथ शाहजहाँ स्वयं भी सक्रिय रूप से इसमें शामिल थे. उस्ताद अहमद लाहौरी को इसका श्रेय देने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त व्यक्ति माना जाता है, एक प्रधान वास्तुकार के रूप में. यह भी माना जाता है कि तुर्की के इस्माइल अफांदी से भी सलाह ली गई थी.
पहली मिस इंडिया कौन थी? अब तक कितनी मिस इंडिया विश्व सुंदरी बनी हैं?
माना जाता है कि पहली मिस इंडिया एस्थर अब्राहम थीं, जो 1947 में चुनी गईं. उन्होंने प्रमिला नाम से फिल्मों में भी काम किया. अलबत्ता पहली बार मिस युनीवर्स में भारत की ओर से भाग लेने 1952 में गईं इन्द्राणी रहमान. मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में पहली बार 1959 में हिस्सा लेने गईं फ्लोर एज़ीकेल. 1966 में पहली बार किसी भारतीय स्त्री को विश्व प्रतियोगिता जीतने का मौका मिला जब रीता फारिया मिस वर्ल्ड बनीं. इसके बाद 1994 में ऐश्वर्या राय, 97 में डायना हेडेन, 99 में युक्ता मुखी और 2000 में प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनीं. इसी तरह 1994 में सुष्मिता सेन और 2000 में लारा दत्ता मिस युनीवर्स बनीं. सन 2010 में निकोल फारिया मिस अर्थ बनीं. मिस एशिया पैसिफिक में भी भारतीय सुन्दरियों को पुरस्कार मिले हैं. सन 1970 में ज़ीनत अमान, 1973 में तारा अन्ना फोनेस्का और 2000 में दिया मिर्ज़ा मिस एशिया पैसिफिक बनीं. यह सूची काफी लम्बी है.
इलेक्शन पांच साल बाद ही क्यों होते हैं?
सभी चुनाव पाँच साल में नहीं होते. हमारे संविधान के अनुच्छेद 63(2) के अनुसार लोकसभा का कार्यकाल पाँच वर्ष है. इसलिए चुनाव पाँच साल में होते हैं. विधानसभाओं के साथ भी ऐसा ही है. लोकसभा पाँच साल के पहले भी भंग की जा सकती है और आपातकाल में उसका कार्यकाल बढ़ाया भी जा सकता है. राज्यसभा में एक सदस्य का कार्यकाल छह साल होता है, पर चुनाव हर दो साल में होते हैं. सामान्यतः विधान सभाओं के चुनाव पाँच साल में होते हैं, पर जम्मू-कश्मीर विधान सभा का चुनाव छह साल में होता है.
फोन या मोबाइल पर या किसी से मिलते वक्त हम सबसे पहले हलो क्यों बोलते हैं?
हेलो या हलो मूलतः अपनी तरफ ध्यान खींचने वाला शब्द है. यह पुरानी जर्मन भाषा के हाला या होला से बना है. संयोग से इसे टेलीफोन ने बहुत लोकप्रियता दी. 10 मार्च 1876 को अलेक्जेंडर ग्राहम बैल के टेलीफोन आविष्कार को पेटेंट मिला. वे शुरू में टेलीफोन पर बात शुरू करने के लिए अहोय शब्द का इस्तेमाल करते थे. यह शब्द समुद्री नाविक एक-दूसरे का ध्यान खींचने के लिए इस्तेमाल करते हैं. सन 1877 में टॉमस एडीसन ने हेलो शब्द का इस्तेमाल करने की सलाह दी जो अंततः सभी ने मान ली. अब तो हम फोन पर ही नहीं सामान्य मुलाकात में या किसी व्यक्ति का ध्यान अपनी और खींचने के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं.
निगेटिव ब्लड ग्रुप किसे कहते हैं? यह इतना रेयर क्यों होता है?
खून के ग्रुप सिस्टम में सबसे कॉमन एबीओ सिस्टम है. रेड ब्लड सेल्स पर प्रोटीन की कोटिंग के आधार पर चार ग्रुप बनते हैं ए बी एबी और ओ. इसके बाद ए1, ए2 ए1बी या ओ2बी सब ग्रुप बनते हैं. इसके अलावा एक प्रोटीन इन ग्रुपों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसे आरएच फैक्टर कहते हैं. यदि यह खून में होता है तो खून के टाइप को पॉज़िटिव और नहीं होता तो निगेटिव कहते हैं. इनमें ओ निगेटिव का सभी रक्त समूहों से मेल हो सकता है. इसलिए इसकी सबसे ज्यादा ज़रूरत होती है.
क्या अब तक हमारे देश के कोई राष्ट्रपति पाकिस्तान गए हैं?
अभी तक हमारे देश के कोई राष्ट्रपति पाकिस्तान नहीं गए हैं. अलबत्ता 13 अप्रेल 1955 में पाकिस्तान के तत्कालीन हाई कमिश्नर ने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के पास जाकर उनसे 14 अगस्त को पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर पाकिस्तान आने का निमंत्रण दिया था. पर यह यात्रा हो नहीं पाई.
डीएनए टेस्ट के बारे में बताएं.
डीएनए टेस्ट तमाम तरह के हैं. तकरीबन 1200 किस्म के टेस्ट उपलब्ध हैं. यों तो यह कई प्रकार के होते हैं पर सामान्य आशय उस डीएनए टेस्ट से है, जिसमें पिता, माता, दादा, खानदान, वंश, परिवार या जातीय समूह का पता लगाया जाता है. इसका अर्थ है जेनेटिक सम्बन्ध का पता लगाना. इसका उद्देश्य उत्तराधिकार और सम्पत्ति के विवादों को या दूसरी तरह की भावनात्मक गुत्थियों को सुलझाना है. अब नवजात शिशुओं की डीएनए जाँच भी होने लगी है ताकि बच्चे के जीन्स के दोषों का पहले ही पता लग जाए और समय रहते उन्हें दुरुस्त कर लिया जाए. इलाज के लिए और आपराधिक मामलों में भी डीएनए जाँच होती है.
डीएनए जाँच के लिए व्यक्ति के खून, बाल, त्वचा और उल्ब तरल(एम्नियॉटिक फ्लुइड) का सैम्पल लिया जाता है. एम्नियॉटिक फ्लुइड गर्भावस्था में भ्रूण के चारों ओर का तरल होता है. इसके अलावा व्यक्ति के गालों के अंदरूनी हिस्से से ब्रश या रुई के मार्फत नमूना भी लिया जाता है. माउथवॉश के मार्फत भी मुँह के अंदर के सेल जमा किए जा सकते हैं. इनकी जाँच करने वाली मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएं हैं जो 10 हजार से 40 हजार तक की फीस लेती हैं और सामान्यतः 15 दिन में जाँच रिपोर्ट देती हैं.
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित