इस मुहावरे का मतलब है बहुत कम होने वाली घटना जैसे ‘ब्लू मून.’ यहाँ ब्लू मून से आशय नीले रंग के चंद्रमा से नहीं है. ब्लू मून का मतलब है साल में एक अतिरिक्त पूर्णमासी का होना. या किसी महीने में एक के बजाय दो पूर्ण चंद्र. इसी तरह एक मौसम में तीन के बजाय चार पूर्ण चंद्र. चूंकि ऐसा बहुत कम होता है इसलिए इसे मुहावरा बना दिया गया जैसे ‘ईद का चाँद.’ सामान्यतः एक कैलेंडर महीने में एक रात ही पूर्ण चंद्रमा दिखाई देता है. चंद्रवर्ष और सौरवर्ष की काल गणना में संगति बैठाने के लिए प्राचीन यूनानी खगोल-विज्ञानी एथेंस के मेटोन ने गणना करके बताया कि 19 साल में 235 चंद्रमास (228 सौरमास) और 6940 दिन होते हैं. इस प्रकार 19 साल का एक मेटोनिक चक्र होता है. आपने देखा कि इन 19 साल में 234 चंद्रमास हैं जबकि कैलेंडर में 228 महीने हैं. इस प्रकार इन 19 साल में (234-228=7) सात अतिरिक्त पूर्णचंद्र होंगे. इस 19 वर्ष की अवधि में यदि किसी साल फरवरी में पूर्णमासी नहीं होती है (जैसाकि सन 2018 में होगा) तब एक ब्लू मून और बढ़ जाता है.
पिछला ब्लू मून 31 जुलाई 2015 को था. आगे की तारीखें इस प्रकार हैं 31 जनवरी, 2018, 31 मार्च, 2018, 31 अक्तूबर, 2020, 31 अगस्त, 2023, 31 मई, 2026, 31 दिसम्बर, 2028, 30 सितम्बर, 2031, 31 जुलाई, 2034. आपने गौर किया कि 31 जुलाई 205 के ठीक 19 साल बाद उसी तारीख यानी 31 जुलाई 2034 को ब्लू मून होगा.
नील आर्मस्ट्रांग ने चन्द्रमा पर अपना कौन सा पैर पहले बाहर रखा?
नील आर्मस्ट्रांग ने पहले बायां पैर बाहर निकाला और चंद्रमा की सतह पर रखा. उनका दायां पैर लैंडिग पैड पर ही था और कहा, "That's one small step for man, one giant leap for mankind." यह बात 21 जुलाई 1969 की है.
विश्व अध्यापक दिवस मनाने का फैसला कब हुआ? भारत में शिक्षक दिवस अलग क्यों है?
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन युनेस्को ने सन 1994 में निर्णय किया कि हर साल 5 अक्टूबर को विश्व अध्यापक दिवस मनाया जाएगा. तबसे यह मनाया जा रहा है. भारत में शिक्षक दिवस मनाने की परम्परा उसके 32 साल पहले ही शुरू हो चुकी थी. सन 1962 में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रपति बने. उस साल उनके कुछ छात्र और मित्र 5 सितम्बर को उनके जन्मदिन का समारोह मनाने के बाबत गए. इस पर डॉ राधाकृष्णन ने कहा, मेरा जन्मदिन यदि शिक्षक दिवस के रूप में मनाओ तो बेहतर होगा. मैं शिक्षकों के योगदान की ओर समाज का ध्यान खींचना चाहता हूँ. और तब से 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.
बच्चों के मंदबुद्धि होने का क्या मतलब है? इसका कारण क्या होता है?
इसके कारणों पर आज भी एक राय नहीं है. चाहे वह जन्मजात कारणों से उत्पन्न हो चाहे रोग अथवा चोट से. स्टेनफर्ड-बिनेट परीक्षण में व्यक्ति की योग्यता देखी जाती है और अनुमान किया जाता है कि उतनी योग्यता कितने वर्ष के बच्चे में होती है. इसको उस व्यक्ति की मानसिक आयु कहते हैं. उदाहरणतः यदि शरीर के अंगों के स्वस्थ रहने पर भी कोई बालक अपने हाथ से सफाई के साथ नहीं खा सकता, तो उसकी मानसिक आयु चार वर्ष मानी जा सकती है. यदि उस व्यक्ति की साधारण आयु 16 वर्ष है तो उसका बुद्धि गुणांक (इंटेलिजेंस कोशेंट, स्टेनफर्ड-बिनेट) 4/16X 100, अर्थात् 25, माना जाएगा. इस गुणांक के आधार पर अल्पबुद्धि को तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है. यदि यह गुणांक 20 से कम है तो व्यक्ति को मूढ़ (अंग्रेजी में ईडियट) कहा जाता है; 20 और 50 के बीच वाले व्यक्ति को न्यूनबुद्धि (इंबेसाइल) कहा जाता है और 50 से 70 के बीच दुर्बलबुद्धि (फ़ीबुल माइंडेड), परंतु यह वर्गीकरण अनियमित है, क्योंकि अल्पबुद्धिता अटूट रीति से उत्तरोत्तर बढ़ती है. मंदबुद्धि के कारणों का पता नहीं है. आनुवंशिकता (हेरेडिटी) तथा गर्भावस्था अथवा जन्म के समय अथवा बचपन में रोग अथवा चोट संभव कारण समझे जाते हैं. गर्भावस्था में माता को बीमारी या माता-पिता के रुधिरों में परस्पर विषमता के कारण भी ऐसा हो सकता है.
गोलमेज वार्ता क्या होती है?
गोलमेज वार्ता जैसा नाम है वह बताता है काफी लोगों की बातचीत जो एक-दूसरे के आमने सामने हों. अंग्रेजी में इसे राउंड टेबल कहते हैं, जिसमें गोल के अलावा यह ध्वनि भी होती है कि मेज पर बैठकर बात करना. यानी किसी प्रश्न को सड़क पर निपटाने के बजाय बैठकर हल करना. अनेक विचारों के व्यक्तियों का एक जगह आना. माना जाता है कि 12 नवम्बर 1930 को जब ब्रिटिश सरकार ने भारत में राजनीतिक सुधारों पर अनेक पक्षों से बातचीत की तो उसे राउंड टेबल कांफ्रेस कहा गया. इस बातचीत के कई दौर हुए थे. मेज का आकार यों तो कैसा भी हो सकता है, पर गोल रखने पर सभी पक्ष आमने-सामने आ जाते हैं.
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित
पिछला ब्लू मून 31 जुलाई 2015 को था. आगे की तारीखें इस प्रकार हैं 31 जनवरी, 2018, 31 मार्च, 2018, 31 अक्तूबर, 2020, 31 अगस्त, 2023, 31 मई, 2026, 31 दिसम्बर, 2028, 30 सितम्बर, 2031, 31 जुलाई, 2034. आपने गौर किया कि 31 जुलाई 205 के ठीक 19 साल बाद उसी तारीख यानी 31 जुलाई 2034 को ब्लू मून होगा.
नील आर्मस्ट्रांग ने चन्द्रमा पर अपना कौन सा पैर पहले बाहर रखा?
नील आर्मस्ट्रांग ने पहले बायां पैर बाहर निकाला और चंद्रमा की सतह पर रखा. उनका दायां पैर लैंडिग पैड पर ही था और कहा, "That's one small step for man, one giant leap for mankind." यह बात 21 जुलाई 1969 की है.
विश्व अध्यापक दिवस मनाने का फैसला कब हुआ? भारत में शिक्षक दिवस अलग क्यों है?
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन युनेस्को ने सन 1994 में निर्णय किया कि हर साल 5 अक्टूबर को विश्व अध्यापक दिवस मनाया जाएगा. तबसे यह मनाया जा रहा है. भारत में शिक्षक दिवस मनाने की परम्परा उसके 32 साल पहले ही शुरू हो चुकी थी. सन 1962 में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रपति बने. उस साल उनके कुछ छात्र और मित्र 5 सितम्बर को उनके जन्मदिन का समारोह मनाने के बाबत गए. इस पर डॉ राधाकृष्णन ने कहा, मेरा जन्मदिन यदि शिक्षक दिवस के रूप में मनाओ तो बेहतर होगा. मैं शिक्षकों के योगदान की ओर समाज का ध्यान खींचना चाहता हूँ. और तब से 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.
बच्चों के मंदबुद्धि होने का क्या मतलब है? इसका कारण क्या होता है?
इसके कारणों पर आज भी एक राय नहीं है. चाहे वह जन्मजात कारणों से उत्पन्न हो चाहे रोग अथवा चोट से. स्टेनफर्ड-बिनेट परीक्षण में व्यक्ति की योग्यता देखी जाती है और अनुमान किया जाता है कि उतनी योग्यता कितने वर्ष के बच्चे में होती है. इसको उस व्यक्ति की मानसिक आयु कहते हैं. उदाहरणतः यदि शरीर के अंगों के स्वस्थ रहने पर भी कोई बालक अपने हाथ से सफाई के साथ नहीं खा सकता, तो उसकी मानसिक आयु चार वर्ष मानी जा सकती है. यदि उस व्यक्ति की साधारण आयु 16 वर्ष है तो उसका बुद्धि गुणांक (इंटेलिजेंस कोशेंट, स्टेनफर्ड-बिनेट) 4/16X 100, अर्थात् 25, माना जाएगा. इस गुणांक के आधार पर अल्पबुद्धि को तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है. यदि यह गुणांक 20 से कम है तो व्यक्ति को मूढ़ (अंग्रेजी में ईडियट) कहा जाता है; 20 और 50 के बीच वाले व्यक्ति को न्यूनबुद्धि (इंबेसाइल) कहा जाता है और 50 से 70 के बीच दुर्बलबुद्धि (फ़ीबुल माइंडेड), परंतु यह वर्गीकरण अनियमित है, क्योंकि अल्पबुद्धिता अटूट रीति से उत्तरोत्तर बढ़ती है. मंदबुद्धि के कारणों का पता नहीं है. आनुवंशिकता (हेरेडिटी) तथा गर्भावस्था अथवा जन्म के समय अथवा बचपन में रोग अथवा चोट संभव कारण समझे जाते हैं. गर्भावस्था में माता को बीमारी या माता-पिता के रुधिरों में परस्पर विषमता के कारण भी ऐसा हो सकता है.
गोलमेज वार्ता क्या होती है?
गोलमेज वार्ता जैसा नाम है वह बताता है काफी लोगों की बातचीत जो एक-दूसरे के आमने सामने हों. अंग्रेजी में इसे राउंड टेबल कहते हैं, जिसमें गोल के अलावा यह ध्वनि भी होती है कि मेज पर बैठकर बात करना. यानी किसी प्रश्न को सड़क पर निपटाने के बजाय बैठकर हल करना. अनेक विचारों के व्यक्तियों का एक जगह आना. माना जाता है कि 12 नवम्बर 1930 को जब ब्रिटिश सरकार ने भारत में राजनीतिक सुधारों पर अनेक पक्षों से बातचीत की तो उसे राउंड टेबल कांफ्रेस कहा गया. इस बातचीत के कई दौर हुए थे. मेज का आकार यों तो कैसा भी हो सकता है, पर गोल रखने पर सभी पक्ष आमने-सामने आ जाते हैं.
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित
achchi jankariyan di gai hai dhanyabad
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