Tuesday, January 31, 2017

क्रिकेट में नेल्सन अंक क्या होता है?

नेल्सन, डबल नेल्सन और ट्रिपल नेल्सन क्रिकेट में 111, 222 और 333 के स्कोर को कहते हैं। यह एक लोक प्रयोग हैं और इसे ब्रिटेन की नौसेना के अठारहवीं सदी के मशहूर एडमिरल लॉर्ड होरेशियो नेल्सन के नाम से जोड़ते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस बहादुर फौजी की एक आँख, एक हाथ और एक पैर लड़ाई में जाता रहा। यह तथ्य पूरी तरह सही नहीं है। उनकी एक आँख और एक हाथ वाली बात तक ठीक है, पर उनके दोनों पैर थे। बहरहाल नेल्सन स्कोर के साथ अंधविश्वास है कि इसपर विकेट गिरता है। हालांकि यह भी सच नहीं है। ‘द क्रिकेटर’ नाम की मशहूर मैगज़ीन ने पुराने स्कोर की पड़ताल की तो इन स्कोरों पर विकेट ज्यादा नहीं गिरे हैं। सबसे ज्यादा विकेट 0 के स्कोर पर गिरते हैं। बहरहाल प्रसिद्ध अम्पायर डेविड शेफर्ड ने नेल्सन स्कोर को प्रसिद्ध बनाया। वे इस स्कोर पर या तो एक पैर उठा देते थे या तब तक दोनों पैरों पर खड़े नहीं होते थे, जब तक स्कोर आगे न बढ़ जाए। वे उछलते रहते थे। नेल्सन स्कोर से मुकाबले ऑस्ट्रेलिया में 87 के स्कोर को लेकर अंधविश्वास है। 100 से 13 कम यानी 87 को खतरनाक माना जाता है। संयोग है कि ऑस्ट्रेलिया के काफी खिलाड़ी इस स्कोर पर आउट होते हैं।
रेटिंग एजेंसियाँ क्या करती हैं?
क्रेडिट रेटिंग एजेंसियाँ किसी भी देश, संस्था या व्यक्ति की ऋण लेने या उसे चुकाने की क्षमता का मूल्यांकन करती हैं। देशों की अर्थ-व्यवस्था की मजबूती और स्थिरता उनकी साख बढ़ाती है। देशों की रेटिंग करने वाली एजेंसियों में तीन बड़ी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां—फिच, मूडीज़ और स्टैंडर्ड एंड पुअर हैं। इनमें सबसे पुरानी एजेंसी है स्टैण्डर्ड एंड पुअर। इसकी स्थापना 1860 में हेनरी पुअर ने की थी। देशों की आर्थिक स्थिति की मूल्यांकन करने के लिए ये एजेंसियां आंकड़ों और तथ्यों का इस्तेमाल करती हैं, जिनमें सरकार द्वारा दी गई रिपोर्टों और सूचनाओं आदि का इस्तेमाल किया जाता है। एजेंसियां उन बातों की जानकारी भी रखती हैं, जिनका पता सामान्य लोगों को नहीं होता। ये रेटिंग एएए, बीबीबी, सीए, सीसीसी, सी, डी वगैरह के रूप में होती हैं। सामान्यतः सबसे अच्छी रेटिंग है एएए। अच्छे मूल्यांकन का अर्थ है कम ब्याज पर आसानी से क़र्ज़ या निवेश। ख़राब मूल्यांकन का मतलब है ऊंची दरों पर मुश्किल से क़र्ज़।

मेहँदी से बालों का रंग सुनहरा क्यों हो जाता है?
मेहँदी का वनस्पति शास्त्रीय नाम है लॉसोनिया इनर्मिस। इसका हिना नाम अरबी से आया है। शरीर की त्वचा, सिर के बाल, रेशमी और ऊनी कपड़ों को रंगने के लिए इसका इस्तेमाल पाँच हजार साल से भी ज्यादा समय से होता आया है। भारत के अलावा मिस्री, अरबी, रोमन और पूर्वी एशिया की सभ्यताओं में इसका कॉस्मेटिक्स की तरह इस्तेमाल होता था। मेहंदी की पत्तियों का यह गुण उसमें उपस्थित पदार्थ लॉसोन के कारण होता है। पत्तियों को तोड़ने या पीसने पर यह प्रोटीन-युक्त पदार्थ त्वचा, बाल और रेशम से क्रिया कर उन्हें गहरा लाल-कत्थई रंग देता है। रासायनिक दृष्टि से लॉसोन अखरोट में पाए जाने वाले जगलोन जैसा ही होता है।
प्रॉक्सी युद्ध क्या होता है?
प्रॉक्सी माने किसी के बदले काम करना। मुख्तारी, किसी का प्रतिनिधित्व। वह चाहे वोट देना हो या युद्ध लड़ना। दूसरे के कंधे पर बंदूक रखकर लड़ना या लड़ाना। यह युद्ध दो गुटों के बीच हो सकता है। या एक किसी का प्रॉक्सी युद्ध दूसरे से लड़ा जाए।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित

1 comment:

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन सुरैया जी और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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