भारतीय संसद में अविलंबनीय लोक महत्व के मामले अध्यक्ष या सभापति की अनुमति से पेश किए जा सकते हैं। इसका आशय होता है कि मामले के महत्व को देखते हुए सामान्य काम रोक कर पहले उल्लिखित विषय पर चर्चा की जाए। स्थगन प्रस्ताव का उद्देश्य अचानक हुई किसी घटना, सरकार की किसी चूक अथवा विफलता या फौरी तौर पर गंभीर परिणाम देने वाले मामले पर ध्यान खींचना हो सकता है। कार्य स्थगन के अलावा ध्यानाकर्षण का इस्तेमाल भी इसी प्रकार के उद्देश्य के लिए किया जा सकता है। ध्यानाकर्षण प्रक्रिया भारतीय संसदीय व्यवस्था की देन है। इसमें अनुपूरक प्रश्न पूछना और संक्षिप्त टिप्पणियां करना शामिल है। इस प्रक्रिया में सरकार को अपना पक्ष रखने का पर्याप्त अवसर मिलता है। ध्यानाकर्षण मामलों पर सभा में मतदान नहीं किया जाता।
दुनिया की सबसे निचली जगह
दक्षिण अफ्रीका एम्पोनेंग सोने की खान को आप सबसे नीची जगह कह सकते हैं जो समुद्र तल से 4000 मीटर नीचे है। चूंकि इसे इंसान ने खोदा है, इसलिए इसे प्राकृतिक रूप से सबसे गहरी जगह नहीं कहा जा सकता। प्राकृतिक रूप से जॉर्जिया की वेरोन्या गुफा सबसे गहरी जगह है, जो 2193 मीटर गहरी है।
ऑस्ट्रेलिया को OZ और द अफ्रीका को PROTEAS क्यों कहते हैं?
आस्ट्रेलिया को संक्षेप में Aussie या ऑज़ी कहते हैं। इसे और छोटा करके OZ भी लिखते हैं। आमतौर पर हम जिसे जेड कहते हैं उसका उच्चारण ज़ी होता है। यानी ओज़ी। प्रोटिएस दक्षिण अफ्रीका में फूलों की एक प्रजाति है। इसे दक्षिण अफ्रीका का राष्ट्रीय फूल माना जाता है। दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम के प्रतीक चिह्न में भी यह फूल शामिल है। पहले दक्षिण अफ्रीका की टीम को स्प्रिंगबोक भी कहा जाता था। स्प्रिंगबोक दक्षिण अफ्रीका के हिरनों की एक प्रजाति है। यह हिरन हवा में बहुत ऊँचा उठ जाता है। इसी तरह आस्ट्रेलिया की टीम को कैंगरू या कंगारू भी कहा जाता है।
सिमी क्या है?
स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया का संक्षिप्त नाम SIMI या हिन्दी में सिमी है। यह संगठन देश के गैर-कानूनी
गतिविधि (निषेध) अधिनियम 1967 के अंतर्गत
अवैध घोषित है। यह संगठन इस्लामी देश के रूप में परिवर्तित कर ‘भारत को आजाद’ कराना
है। इसके अंतर्गत या तो ताकत के बल पर या स्वेच्छया धर्मांतरण के जरिए यहाँ दारुल-इस्लाम
(इस्लाम की भूमि) की स्थापना है। इसका गठन 25 अप्रैल 1977 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में किया गया
था। इसके पहले अध्यक्ष थे वेस्टर्न इलिनॉय विवि के पत्रकारिता और जन-सम्पर्क विभाग
के प्रोफेसर मुहम्मद अहमदुल्ला सिद्दीकी। इसमें 30 वर्ष तक की उम्र के व्यक्ति सदस्य बन सकते थे।
शुरू में यह संगठन जमात-ए-इस्लामी हिन्द की छात्र शाखा के रूप में बना
था। यह गठबंधन सन 1981 तक चला। उस साल फलस्तीनी मुक्ति संगठन के
अध्यक्ष यासर अरफात की भारत यात्रा के दौरान सिमी के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया
और काले झंडे दिखाए। सिमी का कहना था कि अरफात पश्चिमी देशों की कठपुतली हैं, जबकि जमात के नेताओं ने उन्हें फलस्तीनी मुक्ति
का नायक बताया। उसके बाद से जमात ने सिमी से पल्ला झाड़ लिया। भारत सरकार ने अमेरिका
में हुए 9/11 हमले के बाद सन 2001 में इसे आतंकी संगठन बताते हुए अवैध घोषित कर दिया था। यह रोक 27 सितम्बर 2001 से 27 सितम्बर 2003 तक रही।
पर इसके फौरन बाद इसपर रोक लगी जो 27 सितम्बर 2005 तक रही। इसके बाद 8 फरवरी 2006 को इसपर तीसरी बार रोक लगी। पर 5 अगस्त 2008 को दिल्ली हाईकोर्ट ने यह रोक हटा दी। इस
निर्णय को अगले ही दिन सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित कर दिया। एक विशेष न्यायाधिकरण ने अगस्त
2008 में इसपर लगी रोक हटा ली। इसके बाद एक विशेष न्यायाधिकरण
ने इसपर लगी रोक को कानूनन सही घोषित किया।
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