मोटे तौर पर हमारे गणतंत्र दिवस का
मतलब है संविधान लागू होने का दिन. संविधान सभा ने 29 नवम्बर 1949 को संविधान को अंतिम रूप दे दिया
था. इसे उसी रोज लागू किया जा सकता था या 1 दिसम्बर या 1 जनवरी को लागू किया जा सकता था.
पर इसके लिए 26 जनवरी की तारीख मुकर्रर की गई. वह
इसलिए कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दिसम्बर 1929 में हुए लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव पास किया गया और 26 जनवरी, 1930 को कांग्रेस ने भारत की पूर्ण
स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ किया. उस दिन से 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी ‘पूर्ण स्वराज्य दिवस’ के रूप में मनाया जाता रहा. पर स्वतंत्रता मिली 15 अगस्त को. 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए
संविधान को 26 जनवरी 1950 से लागू करने का फैसला किया गया. यह गणतंत्र दिवस है. यों गणतंत्र माने जिस
देश का राष्ट्राध्यक्ष चुना जाता है. युनाइटेड किंगडम लोकतंत्र है, गणतंत्र नहीं.
जल्लीकट्टू विवाद क्या
है?
जल्लीकट्टू तमिलनाडु का एक
परंपरागत खेल है, जिसमें बैल को काबू में किया जाता है. यह खेल काफी सालों से तमिलनाडु में
लोगों द्वारा खेला जाता है. तमिलनाडु में मकर संक्रांति का पर्व पोंगल के नाम से
मनाया जाता है. इस खास मौके पर जल्लीकट्टू के अलावा बैल दौड़ भी कई जगह होती है. जल्लीकट्टू
तमिल शब्द सल्ली और कट्टू से मिलकर बना है. इनका मतलब सोना-चांदी के सिक्के होता
है जो कि सांड के सींग पर टंगे होते हैं. बाद में सल्ली की जगह जल्ली शब्द ने ले
ली
मीडिया के अनुसार 2010 से 2014 के
बीच जल्लीकट्टू खेलते हुए 17 लोगों की जान गई थी और 1,100 से ज्यादा लोग जख्मी हुए
थे. वहीं पिछले 20 सालों में जल्लीकट्टू की वजह से मरने वालों की संख्या 200 से भी
ज्यादा थी. इस वजह से साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने पशुओं के प्रति बर्बरता-निषेध
अधिनियम के तहत इस खेल पर रोक लगा दी थी.
जल्लीकट्टू पर रोक लगाने की एनिमल
वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया और पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल (PETA), कॉम्पैशन अनलिमिटेड प्लस एक्शन (CUPA) ने की थी. उनके साथ पशुओं के
अधिकार के लिए बने काफी सारे संगठन भी इसमें शामिल थे. तमिलनाडु सरकार और ज्यादातर राजनीतिक दल इस रोक के
पक्ष में नहीं हैं. तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए मोदी
सरकार से अध्यादेश जारी करने की अपील की. केंद्र सरकार ने कहा है कि अदालत का
फैसला आने तक वह कुछ नहीं करेगी. अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और अदालत ने
इस साल भी पोंगल यानी 14 जनवरी से पहले फैसला सुनाने से इनकार कर दिया.
ऑस्ट्रेलिया को OZ और द अफ्रीका को PROTEAS क्यों कहते हैं?
आस्ट्रेलिया को संक्षेप में Aussie या ऑज़ी कहते हैं. इसे और छोटा करके OZ भी लिखते हैं. आमतौर पर हम जिसे जेड कहते हैं उसका उच्चारण ज़ी होता है. यानी ओज़ी. प्रोटिएस दक्षिण अफ्रीका में फूलों की एक प्रजाति है. इसे दक्षिण अफ्रीका का राष्ट्रीय फूल माना जाता है. दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम के प्रतीक चिह्न में भी यह फूल शामिल है. पहले दक्षिण अफ्रीका की टीम को स्प्रिंगबोक भी कहा जाता था. स्प्रिंगबोक दक्षिण अफ्रीका के हिरनों की एक प्रजाति है. यह हिरन हवा में बहुत ऊँचा उठ जाता है. इसी तरह आस्ट्रेलिया की टीम को कैंगरू या
कंगारू भी कहा जाता है.
पीबीएल क्या है?
प्रीमियर बैडमिंटन लीग भारत में बैडमिंटन की
व्यावसायिक लीग प्रतियोगिता है. इसका संचालन बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया करती है.
इसकी शुरुआत सन 2013 में हुई थी. उस साल 14 से 31 अगस्त तक उसका आयोजन हुआ. तब
इसका नाम था इंडियन बैडमिंटन लीग. सन 2016 में इसके दूसरे सत्र के पहले इसका नाम
पीबीएल कर दिया गया. पिछले साल यह प्रतियोगिता 2 से 17 जनवरी के बीच हुई थी. इस
साल इस प्रतियोगिता का तीसरा सत्र था, जो 14 जनवरी को पूरा हुआ.
एटमी युद्ध में सेकंड
स्ट्राइक का मतलब
इसका मतलब है यदि किसी देश पर एटमी
हथियार से हमला हो जाए तो उसके पास जवाबी एटमी हमला करने की क्षमता होना. यह मानकर
चलते हैं कि किसी देश पर एटमी हमला होगा तो वह तबाह हो जाएगा. इसलिए पनडुब्बियों
पर एटमी हथियारों से लैस प्रक्षेपास्त्र तैनात किए जाते हैं, जिन्हें सेकंड
स्ट्राइक क्षमता का माध्यम माना जाता है.
धारा और अनुच्छेद में अंतर
भारतीय दंड संहिता में धाराएं
(सेक्शन) और संविधान में अनुच्छेद (आर्टिकल) होते हैं.
प्लास्टिक मनी
प्लास्टिक मनी आमतौर पर क्रेडिट या
डैबिट कार्ड को कहते हैं. इसका साइज होता है 85.60 मिमी X 53.98 मिमी. इसके कोने गोल कटे होते हैं. इसका
अंतरराष्ट्रीय मानक है ISO/IEC
7810 ID-1.
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित
बढ़िया जानकारी
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