रिम
ऑफ द पैसिफिक एक्सरसाइज़ (RIMPAC) को संक्षेप में रिम्पैक कहते
हैं. दो साल में एकबार होने वाला यह युद्धाभ्यास अमेरिका के पश्चिमी तट पर प्रशांत
महासागर में होनोलुलु, हवाई के पास जून-जुलाई में होता है. इसका संचालन अमेरिकी
नौसेना का प्रशांत बेड़ा करता है, जिसका मुख्यालय पर्ल हार्बर में है. इसका साथ
देते हैं मैरीन कोर, कोस्ट गार्ड और हवाई नेशनल गार्ड फोर्स. हवाई के गवर्नर इसके
प्रभारी होते हैं.
हालांकि
यह युद्धाभ्यास अमेरिकी नौसेना का है, पर वह दूसरे देशों की नौसेनाओं को भी इसमें
शामिल होने का निमंत्रण देते हैं. इसमें प्रशांत महासागर से जुड़े इलाके के देशों
के अलावा दूर के देशों को भी बुलाया जाता है. पहला रिम्पैक अभ्यास सन 1971 में हुआ
था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, युनाइटेड किंगडम, और अमेरिका की नौसेनाओं ने
भाग लिया. ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका ने तबसे अबतक हरेक अभ्यास में हिस्सा लिया
है.
इसमें
शामिल होने वाले अन्य नियमित भागीदार देश हैं, चिली, कोलम्बिया, फ्रांस,
इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, नीदरलैंड्स, पेरू, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और
थाईलैंड. न्यूजीलैंड की नौसेना 1985 तक नियमित रूप से इसमें शामिल होती रही. एक
विवाद के कारण कुछ साल तक वह अलग रही, फिर 2012 के बाद से उसकी वापसी हो गई. पिछले
कई वर्षों से भारतीय नौसेना भी इसमें शामिल होती है. इस साल 27 जून से यह अभ्यास
होगा. इसमें भारत सहित 26 देश शामिल होंगे. इस बार इसमें चीन को नहीं बुलाया गया
है.
अगले
एशियाई खेल कहाँ होंगे?
अगले
एशियाई खेल इंडोनेशिया के दो शहरों में होंगे. ये शहर हैं देश की राजधानी जकार्ता
और दक्षिणी सुमात्रा प्रांत की राजधानी पलेमबैंग. इनका आयोजन इस साल 18 अगस्त से 2
सितम्बर तक होगा. इसके उद्घाटन और समापन समारोह जकार्ता में होंगे. यह पहला मौका
है, जब एशियाई खेल दो शहरों में आयोजित किए जा रहे हैं. दूसरी खास बात यह है कि इन
खेलों का आयोजन मूल रूप से वियतनाम के हनोई शहर में होना था, पर आर्थिक दिक्कतों
के कारण वियतनाम ने इनके आयोजन में असमर्थता व्यक्त की, जिसके कारण इंडोनेशिया को
ये खेल मिल गए.
17
अप्रैल 2014 को वियतनाम के प्रधानमंत्री एनगुएन तान दुंग ने इन खेलों के आयोजन में
असमर्थता व्यक्त की. इंडोनेशिया को 18वें एशियाई खेल मिल जाने के बाद यह सोचा गया
कि इनका आयोजन 2019 में किया जाए, पर चूंकि 2019 में इंडोनेशिया में चुनाव हैं,
इसलिए इन्हें 2018 में ही कराने का फैसला किया गया. 2022 में 19वें एशियाई खेल चीन
के हैंगजाऊ और 2026 के बीसवें खेल जापान के नगोया शहर में होंगे.
हरी मिर्च से मुँह क्यों
जलता है?
मुँह तो लाल मिर्च से भी
जलता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके तीखेपन के पीछे ‘कैपसाईपिनोइड’ पदार्थ है जो मिर्च को
फफूंद से बचाता है. इंडियाना यूनिवर्सिटी के
डेविड हाक के नेतृत्व में शोध करने वाले दल ने बोलीविया जाकर मिर्च के पौधे में
कैपसाइसिन या ‘कैपसाईपिनोइड’ तत्व की जांच की. उन्होंने पाया कि उत्तरी क्षेत्र
में मात्र 15 से 20 प्रतिशत मिर्च में ही यह
तीखा पदार्थ मौजूद था. वहीं दूसरी ओर दक्षिणी हिस्से में स्थिति अलग थी. इस इलाके
में करीब 100 प्रतिशत मिर्च के पौधों में इस तीखे पदार्थ के
होने से मिर्च बहुत तीखी थी. यह तीखापन अलग-अलग मिर्चों में अलग-अलग होता है. मिर्च में अमीनो एसिड, एस्कॉर्बिक एसिड, फॉलिक एसिड, साइट्रिक एसिड, ग्लीसरिक एसिड, मैलिक एसिड जैसे कई तत्व
होते है जो हमारे स्वास्थ्य के साथ–साथ शरीर की त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद
होते हैं.
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन बिहार विभूति डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह जी और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDelete