Friday, November 2, 2018

मानव विकास सूचकांक

मानव विकास सूचकांक या ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स मानव विकास के तीन बुनियादी आयामों (दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन, ज्ञान तक पहुँच तथा जीवन के एक सभ्य स्तर) द्वारा प्रगति का आकलन करने का एक वैश्विक मानक है, जिसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) हर साल जारी करता है। इसमें कई तरह की सूचनाओं के आधार पर हरेक देश को अंक दिए जाते हैं। मसलन शिक्षा, स्वास्थ्य, स्त्रियों की स्थिति, आर्थिक स्थिति, जीवन स्तर, संचार के साधन वगैरह। इसके आधार पर अलग-अलग देशों का तुलनात्मक अध्ययन सम्भव होता है। यह सूचकांक अलग-अलग शहरों या अलग-अलग प्रदेशों के तुलनात्मक अध्ययन के लिए भी तैयार किया जा सकता है। इस साल यह रिपोर्ट 14 सितम्बर, 2018 को जारी हुई। सन 1990 से यह रपट जारी हो रही है। इसे बनाने की पहल पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूबुल हक ने की थी। इसमें भारत के अमर्त्य सेन के अलावा पॉल स्ट्रीटेन, फ्रांसिस स्टीवर्ट, गुस्ताव रेनिस और कीथ ग्रिफिथ जैसे अर्थशास्त्री भी जुड़े रहे हैं।

‘घुटने टेको’ आंदोलन
अमेरिका में जातीय अन्याय के खिलाफ संघर्ष इन दिनों ‘टेक द नी’ या घुटने टेको आंदोलन की शक्ल में सामने आ रहा है। बराक ओबामा जब अमेरिका के राष्ट्रपति बने तब कहा जा रहा था कि अमेरिका में नए युग की शुरुआत हो गई है। ओबामा के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौर में अश्वेतों की शिकायतें बढ़ी हैं। उनके चुनाव में अश्वेतों ने उनके खिलाफ वोट दिया था। धीरे-धीरे यह चर्चा ठंडे बस्ते में दब भी गई थी लेकिन हाल में अमेरिकी फुटबॉलर कॉलिन कैपरनिक को प्रतीक बनाकर यह चर्चा फिर से शुरू हुई है। सोशल मीडिया के कारण यह आंदोलन बड़ी तेजी से फैल रहा है। अभी तक हाथ में मोमबत्तियाँ लेकर विरोध विरोध जताया जाता था। अब राष्ट्रीय गीत के दौरान एक घुटना जमीन पर टिकाकर विरोध जताने का नया तरीका सामने आया है। माना जाता है कि देश से बढ़कर कुछ नहीं, पर राष्ट्रगीत के दौरान ऐसा करने का मतलब है व्यक्ति हर उस चीज का विरोध कर रहा है जिसके कारण उसे अपने ही देश से नाराजगी है।

नाइके की पहल
हाल में खेल से जुड़ी चीजें, खासतौर से स्पोर्ट्स शूज़ बनाने वाली अमेरिकी कम्पनी नाइके ने कॉलिन कैपरनिक को एक लम्बे विज्ञापन अभियान के लिए अनुबंधित किया है। कॉलिन 2011 से इस कम्पनी के साथ जुड़े हैं, पर इस नए अनुबंध के राजनीतिक निहितार्थ हैं। कम्पनी के इस अभियान को समर्थन मिला है, इसे देश-विरोधी गतिविधि माना जा रहा है। नाइके के उत्पादों को जलाया जा रहा है। कॉलिन ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ (बीएलएम) नामक अंतरराष्ट्रीय आंदोलन के समर्थक भी हैं, जो अमेरिकी-अफ्रीकी समुदाय के सवालों को उठाता है। सन 2013 से सोशल मीडिया पर ‘हैशटैग ब्लैक लाइव्स मैटर’ नाम से अभियान भी चल रहा है। 
http://epaper.patrika.com/1862427/Me-Next/Me-Next#dual/2/1

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