ब्रेक्ज़िट शब्द
अंग्रेजी वाक्यांश ‘ब्रिटिश एक्ज़िट’ (यानी ब्रिटेन का यूरोपीय संघ से अलग होना)
का संक्षिप्त रूप है. यूरोपीय संघ (ईयू) यूरोप के 28 देशों का राजनीतिक और आर्थिक
संघ है. यूरोपीय संघ के विकास की पृष्ठभूमि को अलग से समझना होगा. मोटे तौर पर
इतना समझ लें कि सन 1993 की मास्ट्रिख्ट संधि के बाद इस संघ ने व्यावहारिक शक्ल
ली. उसके पहले यूरोपीय समुदाय के रूप में एक व्यवस्था थी, जिसमें यूके 1973 में
शामिल हुआ था. सत्तर के दशक में देश के वामपंथी दल यूरोपीय समुदाय से अलग होने की
माँग भी करते रहे थे. इसके बाद नब्बे के दशक में कुछ दक्षिणपंथी दलों ने भी ऐसी
माँग शुरू कर दी. हाल के वर्षों में युनाइटेड किंगडम में माँग की जा रही थी कि इस
संघ से हमें अलग हो जाना चाहिए. यह माँग उठती रही और सन 2015 के चुनाव में
कंजर्वेटिव पार्टी ने वादा किया कि इस सवाल पर जनमत संग्रह कराएंगे. इसके बाद
प्रधानमंत्री डेविड केमरन ने इस माँग पर फैसला करने के लिए देश में 23 जून 2016 को
जनमत संग्रह कराया, जिसमें 52 फीसदी लोगों ने अलग होने की माँग का समर्थन किया.
कैसे होगा यह अलगाव?
केमरन व्यक्तिगत रूप से
संघ में बने रहने के पक्षधर थे. जनमत संग्रह का परिणाम आने के बाद उन्होंने अपने
पद से इस्तीफा दे दिया. उनकी जगह टेरेसा में ने ली, जिन्होंने कुछ समय बाद
मध्यावधि चुनाव करा लिए. चुनाव में उनकी पार्टी अल्पसंख्या में आ गई. अब उनकी
सरकार डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी के समर्थन से चल रही है. जनमत संग्रह के बाद
29 मार्च, 2017 से यूके सरकार ने ईयू संधि के अनुच्छेद 50 के तहत संघ से अलग होने
की प्रक्रिया शुरू कर दी. इसके अंतर्गत युनाइटेड किंगडम 29 मार्च, 2019 को यूके के
समय के अनुसार रात्रि में 11 बजे ईयू से अलग हो जाएगा. यदि दोनों पक्ष समय को और
आगे बढ़ाने पर सहमत नहीं होते हैं, तो यह संघ से अलग होने के संदर्भ में विमर्श की
अंतिम सीमा है.
अब विवाद क्या है?
सवाल है कि यह अलगाव
बगैर किसी समझौते के होना चाहिए या अलगाव के संधिकाल के लिए कोई समझौता होना
चाहिए. प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने जिस समझौते
की रूपरेखा बनाई है, उसे लेकर उनके सहयोगियों के बीच भारी मतभेद हैं. यूरोपीय संघ
के सदस्यों ने रविवार 25 नवम्बर को ब्रेक्जिट समझौते को मंजूरी दे दी. समझौते को
ईयू के 27 नेताओं ने इस संक्षिप्त बैठक में स्वीकार कर लिया. युनाइटेड किंगडम
की संसद में इस प्रस्ताव पर 4 दिसंबर से विचार-विमर्श शुरू होगा और 11 दिसंबर को
मतदान होगा. लेबर, लिबरल-डेमोक्रेटिक, स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी), डेमोक्रेटिक
यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) और टेरेसा में की अपनी कंजर्वेटिव पार्टी के काफी सांसदों ने पहले से घोषणा कर दी है कि हम इसे
स्वीकार नहीं करेंगे.
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