संयुक्त राष्ट्र के छह मुख्य अंग
हैं. महासभा इनमें एक है और कई मायनों में सबसे महत्वपूर्ण अंग है. संयुक्त
राष्ट्र की यह एकमात्र संस्था है, जिसमें सभी सदस्य देशों की भूमिका है और सबका
स्तर समान है. संयुक्त राष्ट्र के विचार-विमर्श का यह सबसे महत्वपूर्ण मंच भी है.
आमतौर पर संयुक्त राष्ट्र के नीति संबंधी विषयों पर यहीं विचार होता है और संयुक्त
राष्ट्र का बजट भी यहाँ से पास होता है. सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों और
संगठन के महासचिव की की नियुक्ति भी महासभा करती है. संरा के विविध अंगों से
प्राप्त रिपोर्टों पर भी महासभा विचार करती है और महासभा के प्रस्तावों के रूप में
उन्हें पास भी करती है. संरा के न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में महासभा के
नियमित,
विशेष और आपात अधिवेशनों की व्यवस्था है. संरा महासचिव या महासभा के सभापति की
अध्यक्षता में नियमित अधिवेशन हर साल सितंबर के तीसरे मंगलवार को शुरू होते हैं.
इसके अगले हफ्ते के मंगलवार से नियमित बहस नौ कार्य दिवसों में लगातार चलती है.
अधिवेशन कब तक?
इस साल संरा महासभा का 74वां वार्षिक अधिवेशन है, जो मंगलवार 17 सितंबर से शुरू हुआ. सालाना नियमित
बहस मंगलवार 24 सितंबर को शुरू हुई. 73 वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा ने नाइजीरिया के राजनीति
शास्त्री तिज्जानी मुहम्मद बंदे को 74वीं महासभा के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित
किया था. वे महासभा के 71वें अधिवेशन में उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. सदस्यों की
सालाना आम बहस 30 सितंबर को पूरी हो गई. सामान्यतः यह काम सात दिन में पूरा हो जाता है, पर जरूरत होने पर दिसंबर और जनवरी तक भी चल सकता है. महासभा के दूसरे सम्मेलन चलते रहते हैं और
प्रायः अगले वर्ष के सितंबर में नया सत्र शुरू होने के कुछ समय पहले सत्र समाप्त
होता है.
महासभा की परंपराएं
एक परंपरा है कि संरा महासचिव पर्ची उठाकर तय करते हैं कि इस वर्ष महासभा कक्ष
की पहली सीट किस देश को मिलेगी. इस साल घाना को पहली सीट दी गई है. इसके बाद की
सीटें वक्ता के अंग्रेजी नाम के अकारादिक्रम से तय होती हैं. दूसरी परंपरा बोलने
वालों के क्रम की है. सन 1955 से परंपरा है कि पहले नंबर पर ब्राजील और दूसरे नंबर
पर अमेरिका के शासनाध्यक्ष या प्रतिनिधि बोलते हैं. प्रत्येक वक्ता को 15 मिनट का
समय दिया जाता है. संरा की छह आधिकारिक भाषाएं हैं. अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी और स्पेनिश.
संयुक्त राष्ट्र के सभी दस्तावेज इन भाषाओं में तैयार किए जाते हैं. वक्ताओं के
लिए आवश्यक होता है कि वे आधिकारिक भाषाओं में से किसी एक में बोलें. यदि वे इन छह
के अलावा किसी अन्य भाषा में बोलना चाहते हैं, तब उन्हें किसी एक आधिकारिक भाषा
में अपने वक्तव्यों के अनुवाद की व्यवस्था करनी होती है.
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