ब्लड प्रेशर, शुगर आदि की तरह क्या शरीर में होने वाले दर्द (जैसे दांत दर्द, पेट दर्द, प्रसव पीड़ा, एक्सीडेंट में होने वाले अंग-भंग आदि के कारण होने वाले दर्द) को मापा जा सकता है?
दर्द एक प्रकार की अनुभूति है जो दो अलग-अलग व्यक्तियों की अलग-अलग हो सकती है। आपने जो अन्य अनुभूतियाँ गिनाईं उनके पैमाने विकसित नहीं हुए हैं। अलबत्ता मस्तिष्क की दशा का अध्ययन करने वाले इन अनुभूतियों का अध्ययन ज़रूर करते हैं। दर्द का पैमाना व्यक्ति स्वयं होता है। उसकी अनुभूति और प्रतिक्रिया से अनुमान लगाया जाता है कि दर्द कितना तीखा है। बहरहाल चिकित्सकों ने अपने पर्यवेक्षण के आधार पर हल्के दर्द, तीखे दर्द, बेतहाशा दर्द और असहनीय दर्द के मानक तैयार किए हैं। इनमें पीड़ित व्यक्ति के चेहरे, हाव-भाव और हाथ-पैर के संचालन तथा अन्य शारीरिक दशाओं से अनुमान लगाया जाता है। इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ पेन ने फेसेज़ पेन स्केल-रिवाइज़्ड (एफपीएस-आर) नाम से एक पैमाना बनाया है, जिसमें शून्य से 10 के बीच दशाओं को प्रकट किया जाता है। शून्य माने दर्द नहीं और 10 माने असहनीय दर्द। ऐसे ही श्मिड्ट स्टिंग पेन इंडेक्स और एडलर हे ट्रायग पेन स्कोर है। इन सबसे ज्यादा प्रचलित डोलोरीमीटर है, जिसमें एक उपकरण के मार्फत मनुष्य की नब्ज़ वगैरह के माध्यम से दर्द के तीखेपन को दर्ज करने की कोशिश की जाती है। इसकी यूनिट डेल है। माना जाता है कि व्यक्ति 45 डेल के आगे दर्द सहन नहीं कर सकता। पर प्रसव के समय एक स्त्री 57 डेल तक के दर्द को सहन कर जाती है। पिछले साल अमेरिका के स्टैनफर्ड विवि और नॉर्थ वेस्टर्न विवि के कुछ विशेषज्ञों ने मिलकर दर्द को मापने के तरीके को विकसित करने के लिए कुछ प्रयोग किए, जिनकी रपट प्लॉस वन नामक जर्नल में प्रकाशित की गई। इसमें 24 व्यक्तियों के हाथों में जलन पैदा की गई और इन सबके एमआरआई किए गए। इनसे प्राप्त तथ्यों की कुछ अन्य व्यक्तियों की पीड़ा अनुभूति से तुलना की गई। सम्भव है वे दर्द का कोई पैमाना बनाने में कामयाब हो जाएं। इस परीक्षण की रपट इस यूआरएल पर जाकर देखी जा सकती है:- http://www.plosone.org/article/info:doi/10.1371/journal.pone.0024124
उल्लू रात में देखता कैसे है? उल्लू बहुत कम रोशनी में भी देख लेता है। उल्लुओं की अधिकतर प्रजातियाँ रात में देखने वाली हैं। उनकी आखों में कई प्रकार की अनुकूलन क्षमता होती है। खासतौर से आँखों का आकार दूसरे पक्षियों के मुकाबले काफी बड़ा होता है। उनके रेटिना में प्रकाश संवेदनशील कोशिकाएं होती हैं। कॉर्निया भी बड़ा होता हैं। पर वे दूरदर्शी होते हैं। पास की कई चीजें अच्छी तरह देख नहीं पाते।
दुनिया का सबसे छोटा हवाई अड्डा कहाँ है?
कैरीबियन सागर के द्वीप सबा का हवाई अड्डा दुनिया का सबसे छोटा हवाई अड्डा माना जाता है। इसका रनवे 400 मीटर लम्बा है। इस हवाई अड्डे पर जेट विमान नहीं उतरते क्योंकि उनके लिए कुछ लम्बा रनवे चाहिए। राजस्थान पत्रिका के मी नेक्स्ट में प्रकाशित
दर्द एक प्रकार की अनुभूति है जो दो अलग-अलग व्यक्तियों की अलग-अलग हो सकती है। आपने जो अन्य अनुभूतियाँ गिनाईं उनके पैमाने विकसित नहीं हुए हैं। अलबत्ता मस्तिष्क की दशा का अध्ययन करने वाले इन अनुभूतियों का अध्ययन ज़रूर करते हैं। दर्द का पैमाना व्यक्ति स्वयं होता है। उसकी अनुभूति और प्रतिक्रिया से अनुमान लगाया जाता है कि दर्द कितना तीखा है। बहरहाल चिकित्सकों ने अपने पर्यवेक्षण के आधार पर हल्के दर्द, तीखे दर्द, बेतहाशा दर्द और असहनीय दर्द के मानक तैयार किए हैं। इनमें पीड़ित व्यक्ति के चेहरे, हाव-भाव और हाथ-पैर के संचालन तथा अन्य शारीरिक दशाओं से अनुमान लगाया जाता है। इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ पेन ने फेसेज़ पेन स्केल-रिवाइज़्ड (एफपीएस-आर) नाम से एक पैमाना बनाया है, जिसमें शून्य से 10 के बीच दशाओं को प्रकट किया जाता है। शून्य माने दर्द नहीं और 10 माने असहनीय दर्द। ऐसे ही श्मिड्ट स्टिंग पेन इंडेक्स और एडलर हे ट्रायग पेन स्कोर है। इन सबसे ज्यादा प्रचलित डोलोरीमीटर है, जिसमें एक उपकरण के मार्फत मनुष्य की नब्ज़ वगैरह के माध्यम से दर्द के तीखेपन को दर्ज करने की कोशिश की जाती है। इसकी यूनिट डेल है। माना जाता है कि व्यक्ति 45 डेल के आगे दर्द सहन नहीं कर सकता। पर प्रसव के समय एक स्त्री 57 डेल तक के दर्द को सहन कर जाती है। पिछले साल अमेरिका के स्टैनफर्ड विवि और नॉर्थ वेस्टर्न विवि के कुछ विशेषज्ञों ने मिलकर दर्द को मापने के तरीके को विकसित करने के लिए कुछ प्रयोग किए, जिनकी रपट प्लॉस वन नामक जर्नल में प्रकाशित की गई। इसमें 24 व्यक्तियों के हाथों में जलन पैदा की गई और इन सबके एमआरआई किए गए। इनसे प्राप्त तथ्यों की कुछ अन्य व्यक्तियों की पीड़ा अनुभूति से तुलना की गई। सम्भव है वे दर्द का कोई पैमाना बनाने में कामयाब हो जाएं। इस परीक्षण की रपट इस यूआरएल पर जाकर देखी जा सकती है:- http://www.plosone.org/article/info:doi/10.1371/journal.pone.0024124
उल्लू रात में देखता कैसे है? उल्लू बहुत कम रोशनी में भी देख लेता है। उल्लुओं की अधिकतर प्रजातियाँ रात में देखने वाली हैं। उनकी आखों में कई प्रकार की अनुकूलन क्षमता होती है। खासतौर से आँखों का आकार दूसरे पक्षियों के मुकाबले काफी बड़ा होता है। उनके रेटिना में प्रकाश संवेदनशील कोशिकाएं होती हैं। कॉर्निया भी बड़ा होता हैं। पर वे दूरदर्शी होते हैं। पास की कई चीजें अच्छी तरह देख नहीं पाते।
दुनिया का सबसे छोटा हवाई अड्डा कहाँ है?
कैरीबियन सागर के द्वीप सबा का हवाई अड्डा दुनिया का सबसे छोटा हवाई अड्डा माना जाता है। इसका रनवे 400 मीटर लम्बा है। इस हवाई अड्डे पर जेट विमान नहीं उतरते क्योंकि उनके लिए कुछ लम्बा रनवे चाहिए। राजस्थान पत्रिका के मी नेक्स्ट में प्रकाशित
सुंदर और जानकारी से पूर्ण रचना।
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