Thursday, July 14, 2016

डूरंड रेखा कहाँ है?

अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर 2,640 किलोमीटर लम्बी सीमा रेखा को डूरंड रेखा कहते हैं. सन 1893 में ब्रिटिश इंडिया और अफ़ग़ान प्रतिनिधियों के बीच एक सहमति हुई, जिसके अधीन अफ़ग़ानिस्तान को ब्रिटिश भारत से अलग करने के लिए एक रेखा तय की गई. इसका नाम ब्रिटिश इंडिया के तत्कालीन विदेश मंत्री सर मॉर्टिमर डूरंड के नाम पर रखा गया. 

अफगानिस्तान में इसका विरोध हुआ, क्योंकि इससे अफ़ग़ान कबीले बँट गए. अफगानिस्तान ने इस रेखा को कभी स्वीकार नहीं किया. यह इलाका अब पाकिस्तान के उत्तरी इलाक़ों, सरहदी सूबे और बलूचिस्तान में शामिल है. 1949 में अफ़ग़ानिस्तान की लोया जिरगा ने इस रेखा को अवैध घोषित कर दिया था. डूरंड रेखा अब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच अन्तर्राष्ट्रीय सीमारेखा के रूप में नक्शों पर दर्ज है हालांकि अफगानिस्तान का विरोध अब भी है.

प्लास्टिक  की खोज कब और कैसे हुई ?

प्लास्टिक शब्द ग्रीक शब्द प्लास्टिकोज़ और प्लास्टोज़ से बना है. इसका अर्थ है जो लचीला है या जिसे ढाला, मोड़ा या मनमर्जी आकार दिया जा सके. सबसे पहले मनुष्य निर्मित प्लास्टिक पार्केसाइन का पेटेंट सन 1856 में बर्मिंघम इंग्लैंड के अलेक्जेंडर पार्क्स ने कराया था. इसे पहली बार 1862 में लंदन की अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में रखा गया. प्लास्टिक के पहले प्राकृतिक रबर, जिलेटीन, कोलेजीन और नाइट्रोसेल्युलोज़ जैसे पदार्थ उपलब्ध थे. 1866 में पार्क्स ने पार्केसाइन कम्पनी बनाकर इसका बड़े स्तर पर उत्पादन शुरू किया.

सन 1907 में अमेरिका के न्यूयॉर्क स्टेट के लियो हेंड्रिक बेकलैंड ने पहली बाकर सिंथेटिक पद्धति से प्लास्टिक बनाया. उसने फेनॉल और फॉर्मेल्डिहाइड को मिलाकर गर्म किया, जिसे ठंडा करने पर कठोर पदार्थ मिला. बाद में उसने इसमें लकड़ी का बुरादा, एस्बेस्टस और स्लेट पाउडर मिलाकर कई और चीजें बनाईं. इन्हीं प्रयोगों को करते हुए 1912 में उसने अपने पदार्थ को बेकलाइट नाम दिया. पहले और दूसरे विश्व युद्ध के बाद इस तकनीक में जबर्दस्त विकास हुआ है. पॉलेस्टरीन, पॉलीविनायल क्लोराइड(पीवीसी), नायलन और सिंथेटिक रबर वगैरह नए ज़माने की देन हैं.  

मेरी स्टोप्स कौन थीं?

मेरी स्टोप्स अंग्रेज लेखिका, पुरा वनस्पति विज्ञानी और परिवार नियोजन के सिलसिले में स्त्रियों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली महिला थीं. उनका जन्म 15 अक्तूबर 1880 को और निधन 2 अक्तूबर 1958 को हुआ था.  उन्होंने बर्थ कंट्रोल न्यूज़ नाम से न्यूज़ लेटर निकाला था, जिसके मार्फत उन्होंने स्त्रियों को जो सलाह दी उसे लेकर चर्च से उनकी ठन गई. उनके नाम से चलने वाली संस्था मेरी स्टोप्स इंटरनेशनल आज चालीस से ज्यादा देशों में काम कर रही है और इसकी 560 से ज्यादा शाखाएं हैं. 

पहिया सबसे पहले कब और कहां बना ?

पहिए का विवरण मेसोपोटामिया, उत्तरी कॉकेशस, मध्य यूरोप, मिस्र से लेकर सिंध घाटी तक हर जगह मिलता है. इसलिए यह कहना मुश्किल है कि सबसे पहले यह कहाँ बना. ऐसा लगता है कि मनुष्य ने सबसे पहले लकड़ी के लट्ठों को लुढ़का कर उनके सहारे भारी चीजें खिसकाना सीखा. बाद में यही लट्ठा छोटा होकर पहिया बना.

जीडीपी क्या है?

जीडीपी है ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट अर्थात सकल घरेलू उत्पाद. पूरे देश की आर्थिक गतिविधियों को एक साथ जोड़कर एक जगह रखें तो जो हिसाब बनेगा वह है जीडीपी. आर्थिक गतिविधियों में उत्पादन और सेवाएं दोनों शामिल हैं. उत्पादन में उद्योगों, खेती और तमाम छोटे धंधों का काम शामिल है. सेवाएं मुख्यत: चिकित्सा, शिक्षा, हॉस्पिटैलिटी यानी होटल और टेलीफोन आदि की हैं. देश के निजी और सरकारी उपभोग, पूँजी निवेश और सभी गतिविधियों का वास्तविक मूल्य जोड़कर प्राप्त राशि को देश की जनसंख्या से भाग देने पर जो राशि प्राप्त होती है वह औसत प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद है. इसमें होने वाली वृद्धि के प्रतिशत के आधार पर हम अपनी प्रगति को आँकते हैं. 

मोबाइल पोर्टेबिलिटी क्या है?

मोबाइल नम्बर पोर्टेबिलिटी उस सुविधा का नाम है, जिसके तहत आप अपने मोबाइल टेलीफोन सेवा प्रदाता को बदलने के बावजूद पुराने टेलीफोन नम्बर को अपने पास रख सकते हैं. यह सुविधा अब दुनिया भर में दी जा रही है. भारत में यह सुविधा जनवरी 2011 से दी जा रही है. उसके पहले यह अमेरिका, कनाडा, यूरोप के देशों, ऑस्ट्रेलिया, जापान, पाकिस्तान, ताइवान, थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर जैसे तमाम देशों में मिल रही थी.

प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

1 comment:

  1. आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति नेल्सन मंडेला और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।

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