अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का संचालन इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) करती है, जिसकी स्थापना सन 1909 में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधियों ने मिलकर की थी। उस समय इसका नाम था इम्पीरियल क्रिकेट कांफ्रेंस। सन 1965 में इसका नाम इंटरनेशनल क्रिकेट कांफ्रेंस और 1989 में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल हो गया। क्रिकेट के लगभग दो सौ साल से ज्यादा लम्बे इतिहास में इस खेल का स्वरूप लगातार बदलता गया। किसी ज़माने में टेस्ट मैच के दिन तय नहीं थे। सारे देशों को टेस्ट मैच खेलने लायक समझा भी नहीं जाता था। हालांकि भारत में सन 1792 में पहला क्रिकेट क्लब बन गया था, पर उसे टेस्ट क्रिकेट का दर्ज सन 1932 में मिला जब उसने इंग्लैंड के साथ लॉर्ड्स में अपना पहला टेस्ट मैच खेला। टेस्ट क्रिकेट का दर्जा पाने वाली भारतीय टीम दुनिया में छठी टीम थी। उसके पहले इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज और न्यूज़ीलैंड की टीमों को यह दर्जा प्राप्त था। आज दुनिया में 12 टीमों को टेस्ट खेलने का दर्जा प्राप्त है, जिनते नाम इस प्रकार हैं: 1.ऑस्ट्रेलिया, 2.इंग्लैंड, 3.दक्षिण अफ्रीका, 4.वेस्ट इंडीज, 5.न्यूज़ीलैंड, 6,भारत, 7.पाकिस्तान, 8.श्रीलंका, 9.बांग्लादेश, 10,जिम्बाब्वे, 11.आयरलैंड, अफगानिस्तान।
क्रिकेट के नियम कौन बनाता है?
हालांकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का संचालन
आईसीसी करती है, पर क्रिकेट के नियमों का कॉपीराइट
मैरिलेबोर्न क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के पास है। एमसीसी एक निजी क्लब है, पर हाल तक इंग्लैंड से बाहर जाने वाली टीम एमसीसी के नाम से जाती थी।
सन 1996-97 के न्यूज़ीलैंड दौरे में इंग्लैंड की टीम ने
आखिरी बार एमसीसी का कलर पहना था। बहरहाल क्रिकेट की अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में
नियम एमसीसी के नाम हैं। सन 1788 में एमसीसी ने क्रिकेट का पहला कोड
बनाया था। इसके बाद 1835, 1884, 1947, 1980, 1992 और
2000 में कोड में संशोधन किया गया। इन नियमों का सातवाँ और अंतिम संस्करण 2017 में
जारी किया गया था। इसमें भी नवीनतम परिवर्तन 1 अप्रेल 2019 को किया गया।
दुनिया का सबसे पुराना शहर?
दुनिया के कई शहर और देश सबसे पुराना होने का
दावा करते हैं। इनमें सीरिया का दमिश्क, लेबनॉन का
बाइब्लोस, अफगानिस्तान का बल्ख और फलस्तीन के जेरिको का
नाम भी है। पर मैं अपने वाराणसी का नाम लेना चाहूँगा, जो
सम्भवतः दुनिया के उन सबसे पुराने शहरों में एक है जो आज भी आबाद हैं। जनश्रुति है
कि इसे भगवान शिव ने बसाया, पर इसमें दो राय नहीं कि यह शहर तीन से
चार हजार साल पुराना है। मार्क ट्वेन ने इस शहर के बारे में लिखा है, ‘ बनारस, इतिहास से पुराना, परम्पराओं से पुराना, किंवदंतियों से पुराना है और इन सबको
मिलाकर भी उनसे दुगना पुराना है।’
राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 19
नवंबर, 2022 को प्रकाशित
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