Monday, November 2, 2015

फिटकरी भी क्या नमक की तरह समंदर से प्राप्त होती है?

फिटकरी एक प्रकार का खनिज है जो प्राकृतिक रूप में पत्थर की शक्ल में मिलता है। इस पत्थर को एल्युनाइट कहते हैं। इससे परिष्कृत फिटकरी तैयार की जाती है। नमक की तरह है, पर यह सेंधा नमक की तरह चट्टानों से मिलती है। यह एक रंगहीन क्रिस्टलीय पदार्थ है। इसका रासायनिक नाम है पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट। संसार को इसका ज्ञान तकरीबन पाँच सौ से ज्यादा वर्षों से है। इसे एलम भी कहते हैं। पोटाश एलम का इस्तेमाल रक्त में थक्का बनाने के लिए किया जाता है। इसीलिए दाढ़ी बनाने के बाद इसे चेहरे पर रगड़ते हैं ताकि छिले-कटे भाग ठीक हो जाएं। इसके कई तरह के औषधीय उपयोग हैं। 

आए दिन ‘ग्रीन टी’ के बारे में पढ़ने में आता है। ग्रीन टी क्या है?

काली चाय और हरी चाय एक ही पौधे की उपज हैं। दोनों ही कैमेलिया साइनेंसिस प्लांट से हासिल होती हैं। हम जिस चाय को आमतौर पर पीते हैं वह प्रोसेस्ड सीटीसी चाय है, जिसका मतलब है कट, टीर एंड कर्ल। इसमें चाय की पत्तियों को तोड़कर मशीन में डालकर सुखाया जाता है। इसे छलनियों की मदद से छानकर अलग-अलग साइज़ में एकत्र कर लिया जाता है, जिसके पैकेट बनाए जाते हैं। चाय की पत्ती को हलका सा क्रश करने और हवा में सूखने के लिए छोड़ने के कारण उनमें ऑक्सीकरण के कारण काला रंग आ जाता है जैसा सेबों को काटने के बाद हो जाता है। ग्रीन टी को इस ऑक्सीकरण से बचाने के लिए एक तो इसे कुचला नहीं जाता बल्कि साबुत पत्ती को हल्की भाप दी जाती है जिससे इनमें मौज़ूद वे एंजाइम खत्म हो जाते हैं, जिनके कारण पत्ती काली होती है। इसके बाद इन पत्तियों को सुखा लिया जाता है, जिससे वे हरे रंग की रह जाती है। काली चाय में कैफीन होती है, हरी चाय में वह नहीं होती। इन दो किस्मों के अलावा एक ऊलांग और एक सफेद चाय भी होती है। यों तो हर प्रकार की चाय शरीर के लिए लाभकर है, पर ग्रीन टी हृदय, दिमाग और पूरे शरीर के लिए लाभकर है। खासतौर से कैंसर को रोकती है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर के क्षय को रोकते हैं, कोलेस्ट्रॉल कम करती है और शरीर के वज़न को संतुलित रखती है। इसमें फ्लुओराइड हड्डियों को स्वस्थ रखता है। हरी चाय आसानी से उपलब्ध है।

दूध की अपेक्षा दही खाना अधिक स्वास्थ्यवर्धक कहा जाता है। ऐसा क्यों?
दूध और दही दोनों कैल्शियम के प्रमुख स्रोत हैं। कैल्शियम दांतों और हड्डियों के लिए खासतौर से ज़रूरी है। दही में दूध के मुकाबले कई गुना ज्यादा कैल्शियम होता है। दूध में लैक्टोबैसीलियस होते हैं जो दही जमाते हैं और कई गुना ज्यादा हो जाते हैं। इससे दही में पाचन की शक्ति बढ़ जाती है। दही में प्रोटीन, लैक्टोज़, आयरन और फॉस्फोरस पाया जाता है, जो दूध की तुलना में ज्यादा होता है। इसमें विटैमिन बी6 और बी 12 और प्रोटीन ज्यादा होता है। दही बनने पर दूध की शर्करा एसिड का रूप ले लेती है। इससे भोजन को पचाने में मदद मिलती है। त्वचा को कोमल और स्वस्थ बनाने में भी दही का उपयोग बेहतर है। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिहाज से भी दही बेहतर है।

रॉकेट पश्चिम से पूरब की ओर ही क्यों छोड़ा जाता है ? 
राकेश जायसवाल, रायपुर धरती पश्चिम से पूर्व की दिशा में घूमती है। जब अंतरिक्ष में भेजने के लिए रॉकेट को पूर्व की ओर भेजते हैं तब उसके वेग में धरती के घूमने का वेग भी शामिल हो जाता है। इससे ऊर्जा की बचत होती है और वह आसानी से पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति को पार कर लेता है। 
राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित

2 comments:

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन - भारत की 'मानव कंप्यूटर' ~ शकुन्तला देवी में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

    ReplyDelete
  2. बहुत अच्छी जानकारी ...

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...