जहर वह है जो किसी जैविक
गतिविधि में रुकावट डाले या उसे पूरी तरह रोके। जिन परिस्थितियों में जीवन पनपता
है उन्हें मिटाता है। जिसके ग्रहण करने से शरीर क्रिया पर दुष्प्रभाव पड़ता है वह
जहर है। हम इन्हें कई रूपों में देखते हैं, पर कम से कम इन्हें दो रूपों में इन्हें आसानी सा समझ सकते
हैं। एक आविष यानी जिसे ग्रहण करने से नुकसान होता है और दूसरे जीव विष जो दंश डंक
के रूप में होता है। यह विष मूलत: एक प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था है।
जहर को हम मौत के साथ
जोड़ते हैं। हत्या, आत्म हत्या या
मृत्यु दंड से। जहर का प्याला जो सुकरात को पिलाया गया या जहर का इंजेक्शन जो कई
देशों में सजा-ए-मौत के काम आता है। गैस चैम्बर, जिसमें जहरीली गैस मौत देती है। कीट नाशक, दीमक समाप्त करने वाली दवाएं। दरअसल
वैज्ञानिकों के लिए जहर अपने कुछ गुणों के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे उनके इस्तेमाल
को ज्यादा महत्वपूर्ण मानते हैं। हम जिन्हें एंटी बायोटिक दवाएं कहते हैं, वे भी एक प्रकार का जहर हैं। वे शरीर में रोग
फैलाने वाले विषाणुओं को मारते हैं। पैरासिटॉमाल हमारे लिए उपयोगी है, पर कुत्ते-बिल्लियों के लिए खतरनाक जहर है।
आधुनिक विष विज्ञान के जनक पैरासेल्सस ने लिखा है हर चीज़ जहर है, हर चीज़ में ज़हर है। सिर्फ मात्रा से तय होता है
कि विष क्या है और औषधि क्या है।
शब्दकोश का
आविष्कार किसने, कब किया?
शब्दकोश, पर्यायवाची कोश, संदर्भ कोश, ज्ञानकोश और किसी
एक विषय की जानकारी देने वाले कोश बनाने का उद्देश्य एक ही स्थान पर तमाम सूचनाएं
एकत्र करके देना है। शब्दकोश में शब्द की व्युत्पत्ति, उसके एक से अधिक अर्थ, समान अर्थ वाले दूसरे शब्दों से उसका भेद, उच्चारण, सामासिक रूप, प्रयोग आदि विवरण भी होता है। दुनिया में सबसे
पहले शब्दकोश कहाँ बना अबी यह कह पाना मुश्किल है। हाँ भारत दुनिया की प्राचीनतम
सभ्यताओं में से एक है। शब्दकोश के सृजन में भी हमारे पूर्वजों का योगदान है।
हिन्दी विकीपीडिया के
अनुसार सबसे पहले शब्द संकलन भारत में बने। शब्दकोश की पूर्ववर्ती शब्दावली यानी
ग्लॉसरी है। अबतक प्राप्त शब्दावलियों में सुमेरियन से अक्कादियन भाषा का कोश
मिट्टी की पट्टिकाओं के रूप में मिला है, जो ईसा से 2300 साल पुराना
बताया जाता है। हित्ती भाषा की शब्दावली भी हैं जो ईसा से एक हजार साल पुरानी हैं।
भारत में सबसे पुरानी शब्दावली निघंटु के रूप में मिलती है। जब वैदिक संस्कृत
लोगों के लिए दुरूह होने लगी तब शब्दों के संग्रह किए गए जिन्हें निघंटु कहा गया।
आज जो निघंटु उपलब्ध है वह यास्क का है। माना जाता है कि यास्क के समय में
चार-पाँच निघंटु और थे। यास्क का समय आठवीं सदी ईपू है। यह भी माना जाता है कि
महर्षि कश्यप का निघंटु दुनिया का पहला शब्दकोश था। चीनी भाषा के प्राचीनतम
शब्दकोश की प्रति तीसरी शताब्दी ईपू की है। अरबी और फारसी के शब्दकोश भी ईपू के
हैं।
संस्कृत के शब्दकोशों की परम्परा में अमर सिंह
कृत लिंगानुशासन है जिसे आमतौर पर अमरकोश कहा जाता है। संस्कृत में कोशों की लम्बी
श्रृंखला है। मुसलमानों के आगमन के बाद भी यह परम्परा चलती रही। खालिकबारी नाम के
प्रसिद्ध ग्रंथ में हिंदी, फारसी और तुर्की
के शब्द हैं। शिवाजी ने भी फारसी-संस्कृत शब्दावली बनाई। अंग्रेजों के आने के बाद
हिन्दी के अपने शब्दकोश बने। इनमें पहला जे फरगुसन का ए डिक्शनरी ऑफ हिन्दुस्तानी
लैंग्वेज है, जो 1773 में लंदन में छपा था।
आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।
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