डीएमके शब्द द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम का अंग्रेजी में
संक्षिप्त रूप है. यह पार्टी तमिलनाडु
और पांडिचेरी में सक्रिय है. इस द्रविड़ पार्टी की स्थापना सन 1949 में सीएन
अन्नादुराई ने की थी. इसके पहले द्रविड़ कषगम नाम का दल था, जिससे टूटकर यह पार्टी
बनी. द्रविड़ कषगम भी सन 1944 तक जस्टिस पार्टी के नाम से प्रसिद्ध था, जिसके नेता
ईवी रामासामी नाइकर (पेरियार) थे. जस्टिस पार्टी की स्थापना सन 1916 में साउथ
इंडियन लिबरल फेडरेशन के रूप में मद्रास प्रेसीडेंसी में हुई थी.
इसके जन्मदाता थे टीएम नायर, पी त्यागराय चेट्टी, पीटी राजन और डॉ सी नटेश
मुदलियार आदि नेता थे. मूलतः यह गैर-ब्राह्मण संगठन था, जिसका उद्देश्य सामाजिक
बराबरी स्थापित करना था. सन 1920 में मद्रास प्रेसीडेंसी में हुए पहले चुनाव में
यह संगठन जीतकर सत्तारूढ़ हुआ. ईवी रामासामी नाइकर सन 1919 में कांग्रेस संगठन में
ब्राह्मणों के वर्चस्व को खत्म करने के इरादे से शामिल हुए थे.
पेरियार के नेतृत्व में सन 1926 में वाइकोम सत्याग्रह चला, जो ब्राह्मण-विरोधी
आंदोलन था. सन 1935 में वे कांग्रेस को छोड़कर जस्टिस पार्टी में शामिल हो गए. उधर
1937 के चुनाव में चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के नेतृत्व में कांग्रेस मद्रास का
चुनाव जीती. राजाजी ने स्कूलों में हिंदी भाषा की अनिवार्यता का फैसला किया, जिसके
विरोध में पेरियार ने हिंदी-विरोधी आंदोलन चलाया और लोकप्रियता हासिल की.
सन 1969 में अन्नादुराई के निधन के बाद डीएमके का भी विभाजन हो गया. 17
अक्तूबर 1972 को एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) के नेतृत्व में इससे टूटकर अन्ना द्रमुक
नाम से एक नई पार्टी और बन गई.
‘मेडे कॉल’ क्या होती है?
रेडियो संचार की भाषा में ‘मेडे कॉल’ आपातकालीन संदेश
है. हवाई या समुद्री यात्रा के दौरान जब भी जीवन संकट में पड़ता है तब यह संदेश
जारी किया जाता है. कुछ देशों में पुलिस, दमकल दस्ते और परिवहन संगठन भी इसका
इस्तेमाल करते हैं.
इस संदेश में तीन बार ‘मेडे, मेडे, मेडे’
बोला जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि शोर या व्यवधान के कारण एक बार में कही
गई बात को किसी दूसरे अर्थ में न ले लिया जाए. मेडे प्रक्रिया को सबसे पहले 1923
में लंदन के क्रॉयडॉन एयरपोर्ट के वरिष्ठ रेडियो ऑफिसर फ्रेडरिक स्टैनली मॉकफोर्ड
ने इस्तेमाल किया. चूंकि उस वक्त लंदन और पेरिस के हवाई अड्डों के बीच ट्रैफिक का
संदर्भ था, इसलिए मेडे शब्द फ्रांसीसी ‘मायडर’ से निकला, जो ‘वेनेज
मायडर’ (मेरी मदद करो) का संक्षिप्त रूप था.
पीएसएलवी क्या है?
पोलर सैटेलाइट लांच वेहिकल का संक्षिप्त नाम है
पीएसएलवी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का यह रॉकेट अब तक का सबसे सफल
प्रक्षेपक है. मूल रूप में इसे भारत के दूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग) सैटेलाइट को
सौर समकालिक कक्षा (सन-सिंक्रोनस ऑर्बिट) में प्रक्षेपण के लिए बनाया गया था.
पीएसएलवी अपेक्षाकृत हल्के उपग्रहों को इससे ऊपर की जियो-स्टेशनरी कक्षा में भी
स्थापित कर सकता है. इस रॉकेट को केरल में तिरुवनंतपुर के पास स्थित विक्रम
साराभाई स्पेस सेंटर में नब्बे के दशक में डिजाइन किया गया. इसका पहला प्रक्षेपण
20 सितम्बर 1993 को हुआ. उस प्रक्षेपण में इसके पहले और दूसरे चरण ने ठीक काम किया,
पर दूसरे और तीसरे चरण में खराबी के कारण यह प्रयोग पूरी तरह सफल नहीं हो पाया. इस
शुरुआती धक्के के बाद 1994 में इसका दूसरा प्रक्षेपण सफल हुआ. इसके बाद 1997 में
इसके चौथे प्रक्षेपण में आंशिक खराबी आई. उसके बाद से यह किसी परीक्षण में विफल
नहीं हुआ है. इस प्रकार 7 दिसंबर 2016 तक इसकी 39 उड़ानों में से केवल दो में
बाधाएं आईं है.
राइट टु रिकॉल क्या है?
राइट टु रिकॉल का मतलब है चुने हुए
प्रतिनिधि को वापस बुलाना. प्राचीन काल में एथेंस के नगर लोकतंत्र में यह व्यवस्था
थी. अमेरिका की राज्य क्रांति के मूल तत्वों में नागरिक के इस अधिकार का ज़िक्र भी
है. पर संविधान में इसकी व्यवस्था नहीं है. फिर भी देश के 18 राज्यों में इसकी
व्यवस्था है. सन 2011 में 150 रिकॉल चुनाव हुए, जिनमें 75 पदाधिकारियों
को उनके पद से हटाया गया. ये रिकॉल सिटी काउंसिल, मेयर, स्कूल बोर्ड वगैरह में हुए हैं. कनाडा के ब्रिटिश कोलम्बिया प्रांत में इसकी
व्यवस्था है. स्विट्ज़रलैंड में संघीय स्तर पर तो नहीं, पर छह कैंटनों में
इसकी व्यवस्था है. वेनेजुएला में सन 2004 में राष्ट्रपति ह्यूगो शावेस को हटाने के
लिए जनमत संग्रह हुआ था, जिसमें जनता ने उन्हें अपने पद पर
बने रहने का आदेश दिया. भारत में भी इस अधिकार की माँग की जा रही है.
बंदूक चलाने पर पीछे की तरफ झटका क्यों लगता है?
न्यूटन का गति का तीसरा नियम है कि प्रत्येक क्रिया की सदैव बराबर एवं विपरीत दिशा
में प्रतिक्रिया होती है. जब बंदूक की गोली आगे बढ़ती है तब वह पीछे की ओर भी
धक्का देती है. गोली तभी आगे बढ़ती है जब बंदूक का बोल्ट उसके पीछे से प्रहार करता
है. तोप से गोला दगने पर भी यही होता है. आप किसी हथौड़े से किसी चीज पर वार करें
तो हथौड़े में भी पीछे की ओर झटका लगता है.
नक्षत्र क्या होते हैं?
नक्षत्र यानी स्टार या सितारे जो ऊर्जा पैदा करते हैं. जैसे हमारा सूर्य.
संपूर्ण सूर्य के गोले में 13 लाख पृथ्वी समा सकती हैं. सूर्य की सतह का तापमान
6000 डिग्री सैल्शियस है. उसके केंद्र में तापमान 1.5 करोड़ डिग्री सैल्शियस है.
दुनिया की सबसे बड़ी ऐतिहासिक प्रतिमा
चीन के हेनान प्रांत के लुशान में बनी बुद्ध प्रतिमा, जो 128 मीटर ऊँची है. कुतुब मीनार (72.5) से भी ऊँची.
भारत में सबसे पहली ट्रेन यात्रा
16 अप्रैल 1853 को मुम्बई और ठाणे के बीच पहली ट्रेन चली. ग्रेट इंडियन
पेनिनसुला रेलवे के 14 डिब्बों वाली उस गाड़ी के आगे एक छोटा फॉकलैंड नाम का भाप
इंजन लगा था. पहली ट्रेन ने 34 किलोमीटर का सफर किया.
डीएमके का इतिहास अच्छा लगा
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