केरोसीन को मिट्टी का तेल कहने
के पीछे
एकमात्र कारण यह समझ
में आता
है कि
यह ज़मीन
के नीचे
से निकाला
जाता है।
यह एक
तरल खनिज
है जिसका
मुख्य उपयोग लैम्प, स्टोव
और ट्रैक्टरों
में जलाने
में होता
है। औषधियों
में घोल
के रूप
में, उद्योग धंधों
में, प्राकृतिक गैस
से पैट्रोल
निकालने में तथा अवशोषक
तेल के
रूप में
भी इसका
व्यवहार होता है। केरोसीन
कच्चे पेट्रोलियम का
ही अंश
है। इसमें
पैराफिन, नैफ्थीन और
सौरभिक हाइड्रोकार्बन रहता
है। इसका
भौतिक और रासायनिक गुण उपस्थित हाइड्रोकार्बनों के
अनुपात, संघटन और
क्वथनांक पर निर्भर करता है। कच्चे
केरोसीन में सौरभिक हाइड्रोकार्बन(40 प्रतिशत तक) ऑक्सीजन, गंधक और
नाइट्रोजन के कुछ यौगिक
रहते हैं।
पुरुषों के मुकाबले क्या स्त्रियों को दिल के दौरे कम पड़ते
हैं?
स्त्रियों का सेक्स हॉरमोन ओस्ट्रोजेन (oestrogen) इसमें सहायक
है। यह हॉरमोन खून के सेल्स को धमनियों की दीवार पर चिपकने से रोकता है।
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि शायद इसी वजह से रजोनिवृत्ति मीनोपॉज़ के बाद
स्त्रियों को दिल के दौरे पड़ने की सम्भावना बढ़ जाती है।
वेंटीलेटर क्या होता है?
वेंटीलेटर कृत्रिम साँस लेने की मशीन है। जब व्यक्ति बीमारी
की हालत में खुद साँस नहीं ले पाता तब उसे साँस देने का काम यह मशीन करती है। नाक
के ऊपर मास्क लगाकर एक टर्बाइन या कॉम्प्रैसर के मार्फत हवा का दबाव बनाया जाता है
ताकि वह कम से कम प्रयास के फेफड़ों में चली जाए।
हिंदी को खड़ी बोली क्यों कहा जाता है?
हिन्दी को खड़ी बोली नहीं कहा जाता, बल्कि कहा यह जाता है कि आज की जो
मानक हिन्दी है वह खड़ी बोली से निकली है। खड़ी बोली पश्चिम रूहेलखंड, गंगा के उत्तरी दोआब तथा अंबाला जिले की उपभाषा है जो ग्रामीण जनता के द्वारा
मातृभाषा के रूप में बोली जाती है। इसे कौरवी भी कहते हैं। कौरवों की बोली। इस
प्रदेश में रामपुर, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, सहारनपुर, देहरादून का मैदानी भाग, अंबाला तथा कलसिया और भूतपूर्व पटियाला रियासत के पूर्वी भाग आते हैं।
मुसलमानी प्रभाव के निकटतम होने के कारण इस बोली में अरबी फारसी के शब्दों का
व्यवहार हिंदी प्रदेश की अन्य उपभाषाओं की अपेक्षा अधिक है। इससे ही उर्दू निकली।
हिन्दी में ब्रज, अवधी, भोजपुरी, राजस्थानी, मागधी वगैरह बोलियाँ हैं। खड़ी बोली अनेक नामों से पुकारी गई है, जैसे हिंदुई, हिंदवी, दक्खिनी, दखनी
या दकनी, रेख्ता, हिंदोस्तानी, हिंदुस्तानी आदि। डा. ग्रियर्सन ने इसे वर्नाक्युलर हिंदुस्तानी तथा डा.
सुनीति कुमार चटर्जी ने इसे जनपदीय हिंदुस्तानी का नाम दिया है। डा. चटर्जी खड़ी
बोली के साहित्यिक रूप को साधु हिंदी या नागरी हिंदी कहते थे और डा. ग्रियर्सन ने
इसे हाई हिंदी का नाम दिया। अनेक विद्वान खड़ी का अर्थ सुस्थित, प्रचलित, सुसंस्कृत, परिष्कृत या परिपक्व मानते हैं।
खड़ी बोली को खरी बोली भी कहा गया है।
भारत रत्न किन महिलाओं को दिया गया है?
अब तक देश में 45 व्यक्तियों को भारत रत्न से अलंकृत किया गया है। इनमें पाँच
महिलाएं हैं जिनके नाम हैं इंदिरा गांधी, मदर टेरेसा, अरुणा आसफ अली, एमएस
सुब्बुलक्ष्मी और लता मंगेशकर।
राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन बाबू जगजीवन राम और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteसुंदर ज्ञान चर्चा !
ReplyDelete