भारत में रेडियो प्रसारण की शुरूआत 1920 के दशक में हुई। पहला कार्यक्रम 1923 में मुंबई के रेडियो क्लब द्वारा प्रसारित किया गया। इसके बाद 1927 में मुंबई और कोलकाता में निजी स्वामित्व वाले दो ट्रांसमीटरों से प्रसारण सेवा की स्थापना हुई। सन 1930 में सरकार ने इन ट्रांसमीटरों को अपने नियंत्रण में ले लिया और भारतीय प्रसारण सेवा के नाम से उन्हें परिचालित करना आरंभ कर दिया। 1936 में इसका नाम बदलकर ऑल इंडिया रेडियो कर दिया और 1957 में आकाशवाणी के नाम से पुकारा जाने लगा।
टॉर्नेडो क्या होते हैं?
टॉर्नेडो मूलतः वात्याचक्र हैं। यानी घूमती हवा। यह हवा न सिर्फ तेजी से घूमती है बल्कि ऊपर उठती जाती है। इसकी चपेट में जो भी चीजें आती हैं वे भी हवा में ऊपर उठ जाती हैं। इस प्रकार धूल और हवा से बनी काफी ऊँची दीवार या मीनार चलती जाती है और रास्ते में जो चीज़ भी मिलती है उसे तबाह कर देती है। इनके कई रूप हैं। इनके साथ गड़गड़ाहट, आँधी, तूफान और बिजली भी कड़कती है।
क्या सलीम-अनारकली की कहानी सच्ची है?
सलीम-अनारकली की कहानी इतिहास सम्मत नहीं है। अलबत्ता वह इतनी लोकप्रिय है कि लोग उसे ऐतिहासिक मानते हैं। मान्यता है कि अनारकली पंजाब में लाहौर के आसपास की रहने वाली थी। लाहौर में अनारकली की एक मज़ार भी है। लाहौर का अनारकली बाजार शहर का सबसे पुराना बाजार है।
हमारे राष्ट्रीय चिह्न का मतलब क्या है?
सारनाथ में अशोक ने जो स्तम्भ बनवाया था उसके शीर्ष भाग को सिंहचतुर्मुख कहते हैं। इस मूर्ति में चार शेर पीठ-से-पीठ सटाए खड़े हैं। यह सिंहचतुर्मुख स्तम्भ शीर्ष ही भारत के राष्ट्रीय चिह्न के रूप में स्वीकार किया गया है। इसके आधार के मध्य भाग में बने चार सिंह शक्ति, साहस, शौर्य और विश्वास के प्रतीक हैं। आधार पर बने सिंह, हाथी, घोड़ा और वृषभ चार दिशाओं के रक्षक हैं। आधार के बीचों बीच बना धर्मचक्र गतिशीलता का प्रतीक है। उसे भारत के राष्ट्रीय ध्वज में बीच की सफेद पट्टी में रखा गया है।
आकाशीय बिजली से क्या बिजली बन सकती है?
1980 के दशक से कोशिश हो रही है कि आकाशीय बिजली की उसी तरह हार्वेस्टिंग की जाए जैसे बरसात के पानी की हो रही है। चूंकि यह बिजली किसी छोटी सी जगह गिरती है और बहुत कम समय के लिए होती है इसलिए वे तरीके खोजे जा रहे हैं जिनमें इसका इस्तेमाल हो सके। मसलन पानी को गर्म करने या उसमें से हाइड्रोजन गैस को अलग करने में इसकी भूमिका हो सकती है। अमेरिका की एक कम्पनी ऑल्टरनेट इनर्जी होल्डिंग्स इनकॉरपोरेट ने कृत्रिम तड़ित के सहारे 60 वॉट का बल्ब बीस मिनट तक जलाने में कामयाबी हासिल की। पर यह सब प्रयोग के स्तर पर ही है।
दुनिया में कितनी भाषाएं/बोलियाँ हैं?
एथनोलॉग कैटलॉग के अनुसार दुनिया में 7099 जीवंत भाषाओं की जानकारी उनके पास है। इनके बारे में जानकारी यहाँ मिल सकती है https://www।ethnologue।com/
राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित
टॉर्नेडो क्या होते हैं?
टॉर्नेडो मूलतः वात्याचक्र हैं। यानी घूमती हवा। यह हवा न सिर्फ तेजी से घूमती है बल्कि ऊपर उठती जाती है। इसकी चपेट में जो भी चीजें आती हैं वे भी हवा में ऊपर उठ जाती हैं। इस प्रकार धूल और हवा से बनी काफी ऊँची दीवार या मीनार चलती जाती है और रास्ते में जो चीज़ भी मिलती है उसे तबाह कर देती है। इनके कई रूप हैं। इनके साथ गड़गड़ाहट, आँधी, तूफान और बिजली भी कड़कती है।
क्या सलीम-अनारकली की कहानी सच्ची है?
सलीम-अनारकली की कहानी इतिहास सम्मत नहीं है। अलबत्ता वह इतनी लोकप्रिय है कि लोग उसे ऐतिहासिक मानते हैं। मान्यता है कि अनारकली पंजाब में लाहौर के आसपास की रहने वाली थी। लाहौर में अनारकली की एक मज़ार भी है। लाहौर का अनारकली बाजार शहर का सबसे पुराना बाजार है।
हमारे राष्ट्रीय चिह्न का मतलब क्या है?
सारनाथ में अशोक ने जो स्तम्भ बनवाया था उसके शीर्ष भाग को सिंहचतुर्मुख कहते हैं। इस मूर्ति में चार शेर पीठ-से-पीठ सटाए खड़े हैं। यह सिंहचतुर्मुख स्तम्भ शीर्ष ही भारत के राष्ट्रीय चिह्न के रूप में स्वीकार किया गया है। इसके आधार के मध्य भाग में बने चार सिंह शक्ति, साहस, शौर्य और विश्वास के प्रतीक हैं। आधार पर बने सिंह, हाथी, घोड़ा और वृषभ चार दिशाओं के रक्षक हैं। आधार के बीचों बीच बना धर्मचक्र गतिशीलता का प्रतीक है। उसे भारत के राष्ट्रीय ध्वज में बीच की सफेद पट्टी में रखा गया है।
आकाशीय बिजली से क्या बिजली बन सकती है?
1980 के दशक से कोशिश हो रही है कि आकाशीय बिजली की उसी तरह हार्वेस्टिंग की जाए जैसे बरसात के पानी की हो रही है। चूंकि यह बिजली किसी छोटी सी जगह गिरती है और बहुत कम समय के लिए होती है इसलिए वे तरीके खोजे जा रहे हैं जिनमें इसका इस्तेमाल हो सके। मसलन पानी को गर्म करने या उसमें से हाइड्रोजन गैस को अलग करने में इसकी भूमिका हो सकती है। अमेरिका की एक कम्पनी ऑल्टरनेट इनर्जी होल्डिंग्स इनकॉरपोरेट ने कृत्रिम तड़ित के सहारे 60 वॉट का बल्ब बीस मिनट तक जलाने में कामयाबी हासिल की। पर यह सब प्रयोग के स्तर पर ही है।
दुनिया में कितनी भाषाएं/बोलियाँ हैं?
एथनोलॉग कैटलॉग के अनुसार दुनिया में 7099 जीवंत भाषाओं की जानकारी उनके पास है। इनके बारे में जानकारी यहाँ मिल सकती है https://www।ethnologue।com/
राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन फिरोज गाँधी और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
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