इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ)में 15 जज होते हैं, जिनमें से प्रत्येक का कार्यकाल 9 साल का होता है। सदन में निरंतरता बनाए रखने के लिए हरेक तीन साल में एक तिहाई सदस्य नए आते हैं। इसके लिए इनका चुनाव होता है। चुनाव संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद मिलकर करती हैं। प्रत्याशी को दोनों सदनों में स्पष्ट बहुमत मिलना चाहिए। कई बार एक बार में पूरा बहुमत नहीं मिलता तो मतदान के कई दौर होते हैं। किसी सदस्य का निधन होने या उनके त्यागपत्र देने के बाद भी सीट खाली होने पर चुनाव होता है। चुनाव न्यूयॉर्क में महासभा का सत्र होने पर होते हैं, जो हर साल शरद में होता है।
हाल में हुए पाँच सीटों के चुनाव में ऐसी स्थिति आ गई जब मामला 11 दौर केस मतदान तक खिंच गया। इस साल पाँच सीटों के लिए चुनाव हुआ। चार जजों का चुनाव होने के बाद पाँचवें स्थान के लिए भारत के दलबीर भंडारी और ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के बीच मतदान की नौबत आ गई। ग्यारह दौर के मतदान के बाद भी फैसला नहीं हो पाया। अंतिम दौर में महासभा में दलबीर भंडारी को बहुमत मिला और सुरक्षा परिषद में ब्रिटिश प्रत्याशी को। अंततः ब्रिटिश सरकार ने अपने प्रत्याशी को चुनाव से हटाने का फैसला किया।
गोलमेज वार्ता क्या होती है?
गोलमेज वार्ता यानी काफी लोगों की बातचीत जो एक-दूसरे के सामने हों।मेज का गोल आकार सबको आमने-सामने आने का मौका देता है। राउंड टेबल कांफ्रेंस में गोल के अलावा मुख्य ध्वनि होती है बैठकर बात करना। किसी प्रश्न को सड़क पर निपटाने के बजाय बैठकर हल करना।12 नवम्बर 1930 को जब ब्रिटिश सरकार ने भारत में राजनीतिक सुधारों पर अनेक पक्षों से बातचीत की तो उसे राउंड टेबल कांफ्रेंस कहा गया। उस बातचीत के कई दौर हुए थे।
पृथ्वी का परिक्रमा पथ क्या पूरी तरह गोलाकार है?
नहीं, यह अंडाकार है। अंतरिक्ष में पूरी तरह वृत्ताकार कक्षा कहीं नहीं मिलती। पूरी तरह वृत्ताकार न तो ग्रह होते हैं और न नक्षत्र। तमाम अंतरिक्षीय पिंड एक-दूसरे की गुरुत्व शक्ति से प्रभावित होते हैं। पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी पूरी परिक्रमा के दौरान घटती-बढ़ती रहती है। दोनों के बीच न्यूनतम दूरी 14 करोड़ 71 लाख66 हजार462 किमी है, जिसे रविनीच या पेरिहेलियोन कहते हैं। अधिकतम दूरी 15,21,71,522 किमी होती है, जिसे अफेलियोन या सूर्योच्च कहते हैं।
मीडियम वेव और शॉर्ट वेव रेडियो तरंगे क्या होती हैं?
रेडियो तरंगें एक प्रकार का इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक रेडिएशन है। ये तरंगें पूरे ब्रह्मांड की यात्रा करती हैं। आप जिन रेडियो तरंगों की बात कर रहे हैं वे कृत्रिम रूप से तैयार की गई तरंगें हैं। इनका इस्तेमाल रेडियो-टीवी प्रसारण, मोबाइल फोन, नेवीगेशन, उपग्रह संचार, कम्प्यूटर नेटवर्क, सर्जरी और अन्य चिकित्सा से लेकर माइक्रोवेव अवन तक में होता है। इन तरंगों को कई तरह की फ्रीक्वेंसी में इस्तेमाल किया जाता है। मीडियम वेव आमतौर पर 526.5 से 1606.5 किलोहर्ट्ज़ की फ्रीक्वेंसी में होती हैं। ये तरंगें धरती की गोलाई के साथ घूम जाती हैं और अयन मंडल से गुज़र सकती हैं। इस लिहाज़ से ये स्थानीय से लेकर एक महाद्वीपीय प्रसारण तक के लिए उपयोगी हैं। शॉर्ट वेव इनसे काफी ऊँची फ्रीक्वेंसी पर काम करती हैं। 3000 से 30000 किलोहर्ट्ज़ तक। मीडियम वेव के मुकाबले ये काफी लम्बी दूरी तक प्रसारण में उपयोगी हैं। लांग वेव प्रसारण भी सम्भव है। अमेरिका और यूरोप में होता भी है। मोटे तौर पर 535 किलोहर्ट्ज़ से नीची फ्रीक्वेंसी प्रसारण को लांग वेव प्रसारण कहते हैं। कई देशों की नौसेनाएं पनडुब्बियों से सम्पर्क के लिए 50 किलोहर्ट्ज़ से नीचे की फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करती हैं।
हाल में हुए पाँच सीटों के चुनाव में ऐसी स्थिति आ गई जब मामला 11 दौर केस मतदान तक खिंच गया। इस साल पाँच सीटों के लिए चुनाव हुआ। चार जजों का चुनाव होने के बाद पाँचवें स्थान के लिए भारत के दलबीर भंडारी और ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के बीच मतदान की नौबत आ गई। ग्यारह दौर के मतदान के बाद भी फैसला नहीं हो पाया। अंतिम दौर में महासभा में दलबीर भंडारी को बहुमत मिला और सुरक्षा परिषद में ब्रिटिश प्रत्याशी को। अंततः ब्रिटिश सरकार ने अपने प्रत्याशी को चुनाव से हटाने का फैसला किया।
गोलमेज वार्ता क्या होती है?
गोलमेज वार्ता यानी काफी लोगों की बातचीत जो एक-दूसरे के सामने हों।मेज का गोल आकार सबको आमने-सामने आने का मौका देता है। राउंड टेबल कांफ्रेंस में गोल के अलावा मुख्य ध्वनि होती है बैठकर बात करना। किसी प्रश्न को सड़क पर निपटाने के बजाय बैठकर हल करना।12 नवम्बर 1930 को जब ब्रिटिश सरकार ने भारत में राजनीतिक सुधारों पर अनेक पक्षों से बातचीत की तो उसे राउंड टेबल कांफ्रेंस कहा गया। उस बातचीत के कई दौर हुए थे।
पृथ्वी का परिक्रमा पथ क्या पूरी तरह गोलाकार है?
नहीं, यह अंडाकार है। अंतरिक्ष में पूरी तरह वृत्ताकार कक्षा कहीं नहीं मिलती। पूरी तरह वृत्ताकार न तो ग्रह होते हैं और न नक्षत्र। तमाम अंतरिक्षीय पिंड एक-दूसरे की गुरुत्व शक्ति से प्रभावित होते हैं। पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी पूरी परिक्रमा के दौरान घटती-बढ़ती रहती है। दोनों के बीच न्यूनतम दूरी 14 करोड़ 71 लाख66 हजार462 किमी है, जिसे रविनीच या पेरिहेलियोन कहते हैं। अधिकतम दूरी 15,21,71,522 किमी होती है, जिसे अफेलियोन या सूर्योच्च कहते हैं।
मीडियम वेव और शॉर्ट वेव रेडियो तरंगे क्या होती हैं?
रेडियो तरंगें एक प्रकार का इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक रेडिएशन है। ये तरंगें पूरे ब्रह्मांड की यात्रा करती हैं। आप जिन रेडियो तरंगों की बात कर रहे हैं वे कृत्रिम रूप से तैयार की गई तरंगें हैं। इनका इस्तेमाल रेडियो-टीवी प्रसारण, मोबाइल फोन, नेवीगेशन, उपग्रह संचार, कम्प्यूटर नेटवर्क, सर्जरी और अन्य चिकित्सा से लेकर माइक्रोवेव अवन तक में होता है। इन तरंगों को कई तरह की फ्रीक्वेंसी में इस्तेमाल किया जाता है। मीडियम वेव आमतौर पर 526.5 से 1606.5 किलोहर्ट्ज़ की फ्रीक्वेंसी में होती हैं। ये तरंगें धरती की गोलाई के साथ घूम जाती हैं और अयन मंडल से गुज़र सकती हैं। इस लिहाज़ से ये स्थानीय से लेकर एक महाद्वीपीय प्रसारण तक के लिए उपयोगी हैं। शॉर्ट वेव इनसे काफी ऊँची फ्रीक्वेंसी पर काम करती हैं। 3000 से 30000 किलोहर्ट्ज़ तक। मीडियम वेव के मुकाबले ये काफी लम्बी दूरी तक प्रसारण में उपयोगी हैं। लांग वेव प्रसारण भी सम्भव है। अमेरिका और यूरोप में होता भी है। मोटे तौर पर 535 किलोहर्ट्ज़ से नीची फ्रीक्वेंसी प्रसारण को लांग वेव प्रसारण कहते हैं। कई देशों की नौसेनाएं पनडुब्बियों से सम्पर्क के लिए 50 किलोहर्ट्ज़ से नीचे की फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करती हैं।
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
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