Wednesday, December 13, 2017

अंटार्कटिका की खोज किसने और कब की?

अंटार्कटिका के होने की संभावना करीब दो हजार साल पहले से थी।इसे ‘टेरा ऑस्ट्रेलिस’ यानी दक्षिणी प्रदेश के नाम के एक काल्पनिक इलाके के रूप में जानते थे। यह भी माना जाता था कि ऑस्ट्रेलिया का दक्षिणी इलाका दक्षिण अमेरिका से जुड़ा है।यूरोपीय नक्शों में इस काल्पनिक भूमि का दर्शाना लगातार तब तक जारी रहा जब तक कि 1773 में ब्रिटिश अन्वेषक कैप्टेन जेम्स कुक ने अपने दो जहाजों के साथ अंटार्कटिक सर्किल को पार करके उस सम्भावना को खारिज कर दिया। पर जबर्दस्त ठंड के कारण कैप्टेन कुक को अंटार्कटिक के सागर तट से 121 किलोमीटर दूर से वापस लौटना पड़ा। इसके बाद सन 1820 में रूसी नाविकों और ने अंटार्कटिक को पहली बार देखा। उसके बाद कई नाविकों को इस बर्फानी ज़मीन को देखने का मौका मिला।27 जनवरी 1820 को रूसी वॉन फेबियन गॉतिलेब वॉन बेलिंगशॉसेन और मिखाइल पेत्रोविच लजारोवजो दो-पोत अभियान की कप्तानी कर रहे थे, अंटार्कटिका की मुख्य भूमि के अन्दर पानी पर 32 किलोमीटर तक गए थे और उन्होंने वहाँ बर्फीले मैदान देखे थे।प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार अंटार्कटिका की मुख्य भूमि पर पहली बार पश्चिम अंटार्कटिका में अमेरिकी सील शिकारी जॉन डेविस 7 फ़रवरी 1821 को उतरा था, हालांकि कुछ इतिहासकार इस दावे को सही नहीं मानते।

दुनिया में सबसे पहला उपन्यास कब लिखा गया?

यों तो विश्वसाहित्य की शुरुआत किस्सों-कहानियों से हुई और वे महाकाव्यों के युग से आज तक के साहित्य की बुनियाद रही हैं। परउपन्यास आधुनिक युग की देन हैं। साहित्य में गद्य का प्रयोग जीवन के यथार्थ चित्रण की कोशिश है।आमतौर पर गेंजी मोनोगतारी या ‘द टेल ऑफ गेंजी’ को दुनिया का पहला आधुनिक उपन्यास मानते हैं। जापानी लेखिका मुरासाकी शिकिबु ने इसे सन 1000 से सन 1008 के बीच कभी लिखा था। बेशक यह दुनिया के श्रेष्ठतम ग्रंथों में से एक है, पर इस बात पर एकराय नहीं है कि यह पहला उपन्यास था या नहीं।इसमें 54 अध्याय और करीब 1000 पृष्ठ हैं। इसमें प्रेम और विवेक की खोज में निकले एक राजकुमार की कहानी है। अलबत्ता हमें पहले यह समझना चाहिए कि उपन्यास होता क्या है। उपन्यास गद्य में लिखा गया लम्बा आख्यान है, जिसकी एक कथावस्तु होती है और चरित्र-चित्रण होता है। कथावस्तु को देखें तो महाभारत, रामायण और तमाम भाषाओं में महाग्रंथ हैं। पर वे सब प्रायः महाकाव्य हैं। अलबत्ता संस्कृत में दंडी के ‘दशकुमार चरित्र’और वाणभट्ट के ‘कादम्बरी’ को भी दुनिया का पहला उपन्यास माना जा सकता है। यूरोप का प्रथम उपन्यास सेर्वैन्टिस का ‘डॉन क्विक्ज़ोट’ माना जाता है जो स्पेनी भाषा का उपन्यास है। इसे 1605 में लिखा गया था।अनेक विद्वान 1678 में जोन बुन्यान द्वारा लिखे गए “द पिल्ग्रिम्स प्रोग्रेस” को पहला अंग्रेजी उपन्यास मानते हैं। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार ‘परीक्षा गुरु’ हिन्दी का पहला उपन्यास है, जो 1882 में प्रकाशित हुआ। इसके लेखकलाला श्रीनिवास दास हैं।हालांकि इसके पहले सन 1870 में 'देवरानी जेठानी की कहानी' (लेखक -पंडित गौरीदत्त) और श्रद्धाराम फिल्लौरी के‘भाग्यवती’ को भी हिन्दी के प्रथम उपन्यास होने का श्रेय दिया जाता है। पर ये पुस्तकें मुख्यतः शिक्षात्मक और अपरिपक्व हैं।

समुद्र कितना गहरा होता है?

समुद्रों की गहराई अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होती है। सारी दुनिया के सागरों की औसत गहराई 12,100 फुट है। इसकी तुलना सबसे ऊँचे पर्वत शिखर से करें जिसकी ऊँचाई 29,029 फुट है। दुनिया में सबसे गहरा सागर पश्चिमी प्रशांत महासागर के मैरियाना ट्रेंच में है, जिसे चैलेंजर डीप कहा जाता है। इसकी गहराई को सबसे पहले 1875 में ब्रिटिश पोत एचएमएस चैलेंजर के नाविकों ने नापा था। यह गहराई35,755 से लेकर 35,814 फुट (10,898 से लेकर 10,916 मीटर) के बीच है।


राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित

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