Saturday, April 30, 2011

मोबाइल का आविष्कार कहाँ हुआ और कब हुआ?

शुरूआती मोबाइल फोन के साथ मार्टिन कूपर

मोबाइल का आविष्कार कहाँ हुआ और कब हुआ? भारत में इसका प्रयोग कब से शुरू हुआ?
प्रीति कुमावत, झुँझनु
सोनी एरिकसन का शुरूआती फोन
दुनिया के पहले मोबाइल फोन का प्रदर्शन मोटरोला के डॉ मार्टिन कूपर ने सन 1973 में किया था। इन मोबाइल फोनों के पहले भी रेडियो फोन थे, पर उनमें इस सेल्युलर फोन में अंतर था। वस्तुतः वायरलेस फोन काफी पहले से फौजी इस्तेमाल में आ रहे थे। उनका पहला नागरिक इस्तेमाल 17 जून 1946 को अमेरिका के सेंट लुईंज़, मिज़ूरी में बेल सिस्टम्स मोबाइल टेलीफोन सर्विस के नाम से एक कार से किया गया। इसे कार फोन का नाम दिया गया। इसका वजन था करीब 36 किलोग्राम। दुनिया की पहली ऑटोमेटेड कार फोन सेवा 1960 में स्वीडन में शुरू की गई। इसके उपकरणों का वजन करीब 40 किलो था। इसके बाद 1962 में वैक्यूम ट्यूब्स की जगह जगह ट्रांजिस्टर लगाकर कुछ और आधुनिक फोन सेवा शुरू की गई। 1971 में एमटीडी फोन सेवा शुरू की गई जो 1987 तक चली। पर यह कार फोन था। उस करीके का हैंडसेट नहीं था, जैसा आज हम देखते हैं। मार्टिन कूपर ने 3 अप्रेल 1973 को सबसे पहले अपने प्रतिद्वंदी बैल लैब्स के डॉ जोएल एस एंजेल को फोन करके पहले मोबाइल हैंड सेट का प्रदर्शन किया। दुनिया की पहली कॉमर्शियल सेल्युलर फोन सेवा 1979 में जापान में एनटीटी ने तोक्यो में शुरू की। इसके बाद 1981 में डेनमार्क, फिनलैंड, नॉर्वे और स्वीडन में मोबाइल फोन सेवाएं शुरू हो गईं। इसका नाम था नोर्दिक मोबाइल टेलीफोन (एनएमटी)। 1983 में अमेरिका ने 1-जी टेलीफोन नेटवर्क अमेरिटेक नाम से शिकागो में शुरू किया। भारत में पहली मोबाइल फोन सेवा 15 अगस्त 1995 में दिल्ली में गैर-व्यावसायिक तौर पर शुरू की गई।    



एम्बुलेंस की आवाज़ का आविष्कार किसने किया? इसका रंग लाल और नीला क्यों होता है?
योगेश टिंकर,
आमतौर पर आप एम्बुलेंस की जो आवाज सुनते हैं, वह इलेक्ट्रॉनिक सायरन हैं। एमबुलेंस में सायरन के अलावा फ्लैशिंग लाइट, स्पीकर, रेडियों फोन और अन्य उपकरण होते हैं ताकि सड़क पर उसके लिए लोग रास्ता छोड़ दें। शुरू के सायरन हवा के दबाव से चलते थे। एक दौर में सिर्फ घंटियाँ बजाकर भी काम किया जाता था। आज सबसे प्रसिद्ध ह्वेलेन इलेक्ट्रॉनिक सायरन हैं। एम्बुलेंस को अलग दिखाई पड़ने के लिए चमकदार रंगों से सजाया जाता है। ज़रूरी नहीं कि वह रंग नीला और लाल हो। पीले, हरे, नारंगी और दूसरे रंगों में भी एम्बुलेंस दुनियाभर में पाई जाती हैं। उद्देश्य होता है कि उन्हें लोग जल्द पहचानें और रास्ता छोड़ दें। एम्बुलेंस केवल मोटरगाड़ियों में ही नहीं होतीं। एम्बुलेंस हवाई जहाजों, हेलिकॉप्टरों से लेकर नावों, घोड़ागाड़ियो, मोटर साइकिलों और साइकिलों पर भी होती हैं। एम्बुलेंस में सामने की ओर आपने अक्सर अंग्रेजी के उल्टे अक्षरों में एम्बुलेंस लिखा देखा होगा। इसका उद्देश्य है कि आगे चल रही गाड़ियों के ड्राइवरों को पीछे आती गाड़ी के अक्षर साफ दिखाई पड़ सकें। चूंकि वह दर्पण में उल्टे अक्षर पढ़ पाता है इसलिए उल्टे अक्षर लिखे जाते हैं।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित


10 comments:

  1. दिमाग के कपाट खोलने वाली जानकारी है आभार |

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  2. अविष्कार किसने किया मोबाइल का

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  3. बहुत अच्छी जानकारी है..... शेयर करने के लिए धन्यबाद !!!

    FROM- AapkiSafalta

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  4. Sabse phle India me screen touch mobile
    Kis company ka aaya

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  5. Sabse phle India me screen touch mobile
    Kis company ka aaya

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