Saturday, October 20, 2012

ओलिम्पिक स्वर्ण पदक में सोने का पानी होता है, ठोस सोना नहीं


एक ओलिम्पिक गोल्ड मेडल में कितना प्योर गोल्ड होता है?
पहले यह बताना बेहतर होगा कि 1896 और 1900 के ओलिम्पिक खेलों में गोल्ड मेडल नहीं दिए गए। उनमें चाँदी और ताँवे के मेडल क्रमशः विजेता और उपविजेता को दिए गए। 1904 में अमेरिका के मिज़ूरी में तीन मेडल का चलन शुरू हुआ। ओलिम्पिक के गोल्ड मेडल का आकार, डिजाइन और वज़न बदलता रहता है। लंदन ओलिम्पिक में काफी बड़े आकार के मेडल दिए गए जो 85 मिमी व्यास के थे। इनकी मोटाई 7 मिमी थी। सोने का मेडल भी चाँदी में ढाला जाता है और उसके ऊपर लगभग 6 ग्राम सोने की प्लेटिंग होती है। चाँदी का मेडल .925 शुद्धता की चाँदी को होता है और कांस्य पदक में ताँबे, टिन और ज़स्ते की मिलावट होती है।
भारत का सर्वश्रेष्ठ खेल कौन सा है? और किस ओलिम्पिक में खेला गया?
मेरे विचार से भारत का सर्वश्रेष्ठ खेल हॉकी है, जिसमें हम आठ स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। दुर्भाग्य है कि इस वक्त हम सर्वश्रेष्ठ नहीं है। शुद्ध भारतीय खेल को देखें तो कबड्डी और खो-खो ऐसे खेल हैं, जो भारत में सबसे ज्यादा खेले जाते हैं। कबड्डी को एशिया खेलों और कॉमनवैल्थ खेलों में शामिल किया जा चुका है। सन 1936 के बर्लिन खेलों में इसे डिमांस्ट्रशन गेम के रूप में प्रदर्शित भी किया गया। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि इसे ओलिम्पिक में भी शामिल किया जाए।
याददाश्त बढ़ाने के लिए क्या किया जा सकता है?
याददाश्त बढ़ाने का सर्वश्रेष्ठ तरीका ध्यान को केन्द्रित करना है। इसके लिए हमारे योगाचार्यों ने ध्यान के जो उपाय बताए हैं वे मददगार होंगे। पर मैं एक तरीका अपनी तरफ से बताता हूँ, शायद उपयोगी हो। हर रात सोने के पहले सुबह से शाम तक की घटनाओं को क्रम से याद करना शुरू करें। शुरूआत में घटनाएं याद नहीं आएंगी, पर धीरे-धीरे अभ्यास करते रहेंगे तो याद आने लगेंगी।
प्रमोद जी आपकी ज़िन्दगी में आपके लिए सबसे प्रभावशाली व्यक्ति कौन है? क्यों है?
दुनिया में महापुरुषों के सभी को प्रेणा मिलती है, पर हमारे व्यक्तिगत जीवन में माता-पिता, गुरू और सामान्यजन सबसे बड़े प्रेरणास्रोत होते हैं। वे लोग जो उपदेश नहीं देते, बल्कि अपने सत्कर्म के हमें उनके बताए रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते हैं। मेरे जीवन में ऐसे ही लोग हैं। इनमें काफी बड़ी संख्या मुझ से उम्र में काफी छोटे लोगों की है।
विदेश में भारतीयों पर हिंसा के क्या कारण हैं?
भारतीयों पर हिंसा की घटनाएं यदा-कदा गलतफहमी के कारण होती हैं। जैसे हाल में अमेरिका के एक गुरद्वारे पर हमले में हुआ। हमलावर के मन में शायद 9/11 की पीड़ा थी। दाढ़ी और पगड़ी के कारण सिखों के बारे में उसने गलत अनुमान लगा लिए। कई बार इसलिए भी होता है कि भारतीय लोग कम वेतन पर भारी काम करने को तैयार हो जाते हैं। या जीवन में आगे बढ़ जाते हैं तो उनके पीछे ईर्ष्या का भाव पैदा हो जाता है।
संगीत का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार कौन सा है? किन लोगों को दिया गया है?
आपका आशय शायद देश के सबसे बड़े पुरस्कार से है। मेरे विचार से भारत रत्न और पद्म पुरस्कार देश के सबसे बड़े पुरस्कार हैं। उनमें संगीतकारों को भी पुरस्कृत किया जाता है। मसलन एमएस सुब्बुलक्ष्मी, पं रविशंकर, लता मंगेशकर, बिस्मिल्ला खां और भीमसेन जोशी को भारत रत्न से अलंकृत किया जा चुका है। इसके बाद संगीत-नाटक अकादमी के पुरस्कार हैं। कर्नाटक संगीत का संगीत कलानिधि पुरस्कार है। इसी तरह फिल्मी संगीत का फिल्मफेयर पुरस्कार है। ऐसे तमाम लोकप्रिय पुरस्कार हैं जिनमें अंतरराष्ट्रीय ग्रैमी पुरस्कार भी शामिल हैं। 
सत्यमेव जयते प्रतीक चिह्न कहाँ से लिया गया? यह क्यों और कहाँ इस्तेमाल होता है?
हमारे देश का प्रतीक चिह्न चार शेरों वाली प्रतिमा है जो अशोक स्तम्भ के शिखर पर लगी थी। इसे ईसवी सन शुरू होने के 250 साल पहले सम्राट अशोक ने बनवाया था। यह स्तम्भ सारनाथ में आज भी खड़ा है और प्रतिमा सारनाथ के संग्रहालय में रखी है। इन चारों शेरों के नीचे एक घेरे में एक हाथी, एक घोड़ा और एक नन्दी है। इसके बीच में धर्मचक्र है। इसके नीचे लिखा है सत्यमेव जयते, जो मुंडक उपनिषद से लिया गया है। इसे हमारे तमाम शासकीय कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है। उसमें स्थित धर्मचक्र हमारे तिरंगे झंडे के बीच में लगाया गया है। हर देश का कोई न कोई प्रतीक चिह्न होता है। हमारा प्रतीक चिह्न हमारे गौरवपूर्ण अतीत की कहानी कहता है।

राजेश खन्ना की आखिरी फिल्म कौन सी थी?
उनकी आखिरी फिल्म सन 2008 में रिलीज़ हुई वफा को माना जा सकता है। पर निधन के पूर्व वे एक और फिल्म की शूटिंग कर चुके थे। यह फिल्म है अशोक त्यागी की रियासत जो इस साल दिसम्बर में रिलीज़ होगी। 
क्या भारत पूरी तरह आज़ाद है?
आज़ादी एक व्यक्तिगत अवधारणा है। राजनीतिक दृष्टि से भारत आज़ाद है। उसका हर नागरिक आज़ाद है, पर यदि हम पर अज्ञान, गरीबी, गैर-बराबरी, बीमारियों और अंधविश्वासों का साया है तो हम कहीं न कहीं से दबाव में हैं। यानी हमारी स्वतंत्रता में कमी है। कहना मुश्किल है कि संसार में पूर्ण स्वतंत्रता कभी सम्भव भी है या नहीं। क्योंकि किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता किसी दूसरे व्यक्ति की स्वतंत्रता में बाधक हो सकती है। इसलिए पूरे समाज की स्वतंत्रता के लिए हमें व्यक्तिगत स्वतंत्रताओं को छोड़ना पड़ता है।
क्या राजेश खन्ना की कोई फिल्म ऑस्कर पुरस्कार के लिए चुनी गई थी?
राजेश खन्ना ने 1966 में चेतन आनन्द की फिल्म आखिरी खत में काम किया था। इस फिल्म को 1967 में चालीसवें ऑस्कर पुरस्कारों के लिए विदेशी भाषाओं की सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए चुना गया था, पर उसका नामांकन नहीं हो पाया।

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