Thursday, March 14, 2019

चंद्रयान-2 क्या है?


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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इसे जनवरी और फरवरी के बीच प्रक्षेपित करने की योजना बनाई थी, लेकिन समय की विंडो अब 25 मार्च से अप्रैल के अंत तक की है. इस अभियान के तहत एक लैंडर चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्टलैंड करेगा और मैंजीनस सी  और सिम्पेलियस एन नाम के दो विशाल गड्ढों के बीच के समतल इलाके में एक रोवर विचरण करेगा. छह पहियों पर सौर ऊर्जा के सहारे चलने वाला यह रोवर चन्द्रमा की सतह पर रासायनिक विश्लेषण करेगा और उनका डेटा चन्द्रयान-2 ऑर्बिटर के मार्फत पृथ्वी पर भेजा जाएगा. सरकार ने इसकी स्वीकृति 18 सितम्बर 2008 को हुई कैबिनेट की बैठक में दी थी. ऑर्बिटर और रोवर की जिम्मेदारी इसरो की थी और रूस लैंडर उपलब्ध कराता. जनवरी 2013 में इसके प्रक्षेपण की योजना थी, पर तकनीकी कारणों से उसे 2016 तक के लिए टाल दिया गया. मंगल पर रूसी फोबोस-ग्रंट के फेल हो जाने के बाद उसका अध्ययन करने के लिए रूस ने अपने हाथ इस अभियान से खींच लिए. भारत ने पूरे अभियान की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली. प्रक्षेपण के लिए मार्च 2018 का समय तय किया गया. फिर उसे अप्रैल और फिर अक्तूबर तक टाला गया. अब इसके प्रक्षेपण का समय अप्रैल 2019 तय किया गया है.



चन्द्रयान-1 कब गया था?

इसके पहले चन्द्रयान-1 सन 2008 में भेजा गया था. चन्द्रयान-1 चंद्रमा की तरफ भेजा गया भारत का पहला अंतरिक्ष यान था. इस अभियान के अन्तर्गत एक मानवरहित यान को 22 अक्तूबर, 2008 को भेजा गया. यह चन्द्रमा की कक्षा में 8 नवम्बर 2008 को स्थापित हुआ और इसका इम्पैक्ट प्रोब 14 नवम्बर 2008 को चन्द्रमा की सतह पर गिराया गया. यह मिशन 29 अगस्त, 2009 तक सक्रिय रहा, फिर इसके साथ सम्पर्क समाप्त हो गया. यह यान पोलर सैटेलाइट लांच वेहिकल (पीएसएलवी) के एक परिवर्धित रॉकेट की सहायता से सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से छोड़ा गया था.



चन्द्रमा पर अन्य देश?

हाल में 3 जनवरी को चीन ने चंद्रमा के अनदेखे हिस्से पर अंतरिक्षयान 'चांग इ-4' उतारा. इस साल फरवरी में एक इसरायली मिशन भी चन्द्रमा पर उतारने की योजना है. यदि यह सफल हुआ तो इसरायल चन्द्रमा पर लैंडर को सॉफ्ट लैंड कराने वाला चौथा देश होगा. चीन ने इस साल के अंत में एक और मिशन चन्द्रमा पर भेजने की योजना बनाई है. वास्तविक अर्थ में चन्द्रमा पर उतरने वाला पहला यान था रूसी लूना-9 जो 31 जनवरी 1966 को उतरा था. हालांकि इसके पहले कई यान या तो चन्द्रमा की कक्षा से गुजरे या चन्द्रमा की सतह से टकराए थे. चन्द्रमा की पहली समानव यात्रा 30 मई को अमेरिकी अपोलो-11 ने की. चीन के चांग इ-3 को 1 दिसम्बर 2013 में चन्द्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता मिली. अप्रैल में भारतीय मिशन सफल हुआ तो उसका नाम भी सॉफ्ट लैंडिग करने वाले देशों की सूची में होगा. जापानी और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने भी चन्द्रमा मिशन भेजे हैं.







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