Sunday, January 18, 2015

सबसे पुराना शब्दकोश


विश्व का पहला शब्दकोश dictionary किस भाषा में कब और कहां तैयार किया गया?

दुनिया की सबसे पुरानी द्विभाषी शब्द सूचियों के उदाहरण प्राचीन मेसोपोटामिया के अक्कादी साम्राज्य में मिलते हैं। आधुनिक सीरिया के एब्ला क्षेत्र में मिट्टी की पट्टिकाएं मिली हैं, जिनमें सुमेरी और अक्कादी भाषाओं में शब्द लिखे गए हैं। ये पट्टियाँ 2300 वर्ष ईपू की बताई जाती हैं। यों शब्दकोशों के शुरुआती अस्तित्व से अनेक देशों और जातियों के नाम जुड़े हैं। शब्दकोश का मतलब शब्द संग्रह, द्विभाषी कोश और पर्यायवाची कोश होता है। इन सबके विकास का अपना अलग इतिहास है। भारत में सबसे पुराना शब्द संग्रह प्रजापति कश्यप का 'निघंटु' है। उसका रचना काल 700 या 800 साल ईपू है। उसके पूर्व भी 'निघंटु' की परंपरा थी। निघंटु पर महर्षि यास्क की व्याख्या निरुक्त दुनिया के प्राचीनतम शब्दार्थ कोशों (डिक्शनरी) एवं विश्वकोशों (एनसाइक्लोपीडिया) में शामिल है। इस शृंखला की सशक्त कड़ी है छठी या सातवीं सदी में लिखा अमर सिंह कृत नामलिंगानुशासन या त्रिकांड जिसे हम अमरकोश के नाम से जानते हैं। चीन में भी ईसवी सन के हजार साल के पहले से ही कोश बनने लगे थे। उस श्रुति-परंपरा का प्रमाण बहुत बाद में उस पहले चीनी कोश में मिलता है, जिसकी रचना 'शुओ वेन' ने पहली दूसरी सदी ई० के आसपास की थी। कहा जाता है कि हेलेनिस्टिक युग के यूनानियों ने यूरोप में सर्वप्रथम कोश रचना आरंभ की। यूनानियों का महत्व समाप्त कम होने और रोमन साम्राज्य के वैभव काल में तथा मध्यकाल में भी बहुत से लैटिन कोश बने।

दिल्ली में सबसे ज्यादा गहराई वाला मेट्रो स्टेशन कौन सा है?
दिल्ली में सबसे ज्यादा गहराई वाला मेट्रो स्टेशन चावड़ी बाज़ार है, जो 30 मीटर यानी तकरीबन 98 फुट की गहराई पर है। इसके आसपास जामा मस्जिद और लाल किला जैसी ऐतिहासिक इमारतें हैं, उन्हें मेट्रो चलने से किसी प्रकार का नुकसान न हो इसलिए इतनी गहराई रखी गई है।

एम्बुलेंस की आवाज़ का आविष्कार किसने किया? इसका रंग लाल और नीला क्यों होता है?

आमतौर पर आप एम्बुलेंस की जो आवाज सुनते हैं, वह इलेक्ट्रॉनिक सायरन हैं। एमबुलेंस में सायरन के अलावा फ्लैशिंग लाइट, स्पीकर, रेडियों फोन और अन्य उपकरण होते हैं ताकि सड़क पर उसके लिए लोग रास्ता छोड़ दें। शुरू के सायरन हवा के दबाव से चलते थे। एक दौर में सिर्फ घंटियाँ बजाकर भी काम किया जाता था। आज सबसे प्रसिद्ध ह्वेलेन इलेक्ट्रॉनिक सायरन हैं। एम्बुलेंस को अलग दिखाई पड़ने के लिए चमकदार रंगों से सजाया जाता है। ज़रूरी नहीं कि वह रंग नीला और लाल हो। पीले, हरे, नारंगी और दूसरे रंगों में भी एम्बुलेंस दुनियाभर में पाई जाती हैं। उद्देश्य होता है कि उन्हें लोग जल्द पहचानें और रास्ता छोड़ दें। एम्बुलेंस केवल मोटरगाड़ियों में ही नहीं होतीं। एम्बुलेंस हवाई जहाजों, हेलिकॉप्टरों से लेकर नावों, घोड़ागाड़ियो, मोटर साइकिलों और साइकिलों पर भी होती हैं। एम्बुलेंस में सामने की ओर आपने अक्सर अंग्रेजी के उल्टे अक्षरों में एम्बुलेंस लिखा देखा होगा। इसका उद्देश्य है कि आगे चल रही गाड़ियों के ड्राइवरों को पीछे आती गाड़ी के अक्षर साफ दिखाई पड़ सकें। चूंकि वह दर्पण में उल्टे अक्षर पढ़ पाता है इसलिए उल्टे अक्षर लिखे जाते हैं।
राजस्थान पत्रिका के मीनेक्स्ट में 18 जनवरी 2015 को प्रकाशित

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