Tuesday, January 20, 2015

भारत में पहली मोबाइल फोन कॉल

कादम्बिनी, ज्ञानकोश, अक्तूबर-2012
भारत में पहली मोबाइल कॉल कौन से सन में हुई तथा किस-किस शहर के बीच हुई?
खुशवीर मोठसरा, गांव व डाकखाना : रावलधी, तहसील : चरखी-दादरी, जिला : भिवानी (हरियाणा)-127306 

भारत में मोबाइल फोन सेवा का गैर-व्यावसायिक तौर पर पहला प्रदर्शन 15 अगस्त 1995 को दिल्ली में किया गया। पर पहली कॉल उसके पहले 31 जुलाई 1995 को कोलकाता में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने की जब मोदी टेलस्ट्रॉ मोबाइल नेट सेवा का प्रदर्शन और उद्घाटन किया गया।

सुनु जननी! सोई सुत बड़भागी।
जो पितु-मातु-वचन-अनुरागी।।
तनय मातु-पितु तोषन हारा।
दूरलभ जननी! सफल संसारा।।
-इन पंक्तियों  का क्या अर्थ है?
अमर परमार, द्वारा श्री सांवरमल योगी, फूलबाग, कॉलोनी, आमेर, जयपुर-302028, राज.

उपरोक्त पंक्तियाँ रामचरित मानस से ली गईं हैं। इनका भावार्थ है कि हे माता-पिता सुनो। वही पुत्र बड़भागी है जो माता-पिता के वचनों का अनुरागी अर्थात पालन करने वाला है। आज्ञा पालन करके माता-पिता को संतुष्ट करने वाला पुत्र हे जननी संसार में दुर्लभ है।

बच्चों में बड़ों की अपेक्षा अधिक हड्डियां क्यों होती हैं?
नितिषा गोयल, 9-एम.आई.जी., ममफोर्डगंज, त्रिपाठी चौराहे के पास, इलाहाबाद-211002 (उ.प्र.)

बच्चों के शरीर की तमाम हड्डियाँ उम्र बढ़ने के साथ एक-दूसरे से जुड़कर एक बन जाती हैं। आपने देखा होगा कि एकदम नन्हे बच्चों के सिर में मुलायम हिस्सा होता है। उस वक्त सिर की हड्डी कई भागों में होती है। बाद में वह एक बन जाती है।

सिक्ससेंस से क्या तात्पर्य है?
अमित पटेरिया, एमएलबी कालेज के पास, अचलेश्वर टॉवर, फ्लैट न. 102, लश्कर, ग्वालियर, म.प्र.-474009
सामान्यत: मनुष्य की पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ मानी जाती हैं। देखना, सुनना, स्पर्श करना, सूँघना और स्वाद लेना। सिक्स्थ सेंस का मतलब है इनसे अलग का अनुभव। इसे अतीन्द्रिय ज्ञान या परामानसिक अनुभव कहते हैं। हमें भीतरी रूप से महसूस होना या अंतर्मन आदि। इसका वैज्ञानिक आधार नहीं है, पर इसके काफी उदाहरण मिलते हैं। मसलन किसी को सपने में कोई बात दिखाई पड़ती है जो सच हो जाती है।

सेंधा नमक फलाहारी माना जाता है इसलिए व्रत में खाया जाता है, जबकि सादा नमक या काला नमक फलाहारी नहीं माना जाता। ऐसा क्यों?
अनुक्षा अग्रवाल, एम-142, जी.के.-2. नई दिल्ली-110048

पुराने ज़माने में समुद्री नमक बोरों में भरकर और उसके क्रिस्टल रूप में बिकता था। शायद इस वज़ह से उसे उतना शुद्ध नहीं माना गया जितना सेंधा या लाहौरी नमक को माना जाता है। सेंधा नमक वस्तुत: नमक की चट्टान है, जिसे पीसकर पाउडर की शक्ल में बनाते हैं। काला नमक मसाले (मूलत: हरड़) मिलाकर बनाया जाता है, इसलिए उसे भी पूरी तरह शुद्ध नमक माना जा सकता।

कमप्यूटर के की-बोर्ड तथा डिक्शनरी में अंग्रेजी के सभी अक्षर छोटे और बड़े होते हैं, परन्तु जेड सिर्फ बड़े अक्षर में ही क्यों होता है?
डॉ. विनोद कुमार, एल.डी.ए.वी. इंटर कॉलेज, अनूपशहर (उ. प्र.)-202390.
दरअसल यह की -बोर्ड का नहीं फॉण्ट का मसला है। फॉण्ट कई आकार प्रकार के होते हैं। जेड या ज़ी ही नहीं कुछ और अक्षर भी समान रूप में छोटे आकार में लोअर केस में आपको मिलंगे। मसलन Cc, Oo, Vv, Ww, Xx और Zz के लोअर केस में सिर्फ आकार का बदलाव होता है। यों ज़ेड या ज़ी का एक छोटा रूप आपको ऐसा भी मिलेगा 3। इसके कई रूप आपको देखने को मिलेंगे।

बादल क्यों और कैसे फटते हैं?
मुनेन्द्र वाष्र्णेय, न्यू कॉलोनी, सुभाष रोड, चन्दौसी-उ.प्र.-202412.

बादल फटने का अर्थ आसमान से अचानक बड़ी जलधार का गिरना है। जब वातावरण में बहुत ज्यादा नमी होती है और भारी पानी के साथ कपासी वर्षी (क्यूम्यूलोनिंबस) बादल ऊपर उठते हैं और उन्हें आगे बढ़ने का रास्ता नहीं मिलता तब सारा पानी वहीं गिर जाता है। कपासी वर्षी मेघ लम्बवत काफी ऊँचे होते हैं। आमतौर पर ऊँचे पहाड़ों से टकराने के बाद वे फटते हैं। बादलों की यह ऊँचाई 15 किलोमीटर या उससे ज्यादा हो सकती है। यह एक तरीके से पानी भरे बैलून का फटना है। उनकी बूँदों का आकार सामान्य बूँदों से कहीं बड़ा होता है। यह बादल फटने की सरल व्याख्या है। इसकी दूसरी स्थितियाँ भी  हो सकती हैं। मसलन सर्द और गर्म हवाएं विपरीत दिशाओं से टकराने से भी बादल फटते हैं। 26 जुलाई 2005 को मुम्बई में इसी तरह बादल फटे थे। 18 जुलाई 2009 को पाकिस्तान के कराची शहर में भी ऐसा ही हुआ। वहाँ दो घंटे में 250 मिमी बारिश हो गई। इस घटना में गरज के साथ ओले भी गिरते हैं। पानी इतना ज्यादा होता है कि कि कुल देर के लिए प्रलय जैसी लगने लगती है। एक घंटे में 75 मिली मीटर तक बारिश हो जाती है।

मुक्केबाजी या कुश्ती में 51 किलोग्राम या 66 किलोग्राम का क्या अर्थ होता है?
विनोद कुमार सिन्हा, म.नं. 88, मान्टेसरी स्कूल लेन, बोरिंग रोड, पटना-800001

मुक्केबाज़ी, कुश्ती और जूडो, कराते और भारोत्तोलन जैसी प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों के शरीर का वज़न भी महत्वपूर्ण होता है। इसलिए इनमें खिलाड़ियों को अलग-अलग वज़न के आधार पर वर्गीकृत करते हैं। उदाहरण के लिए लंदन ओलिम्पिक की पुरुष वर्ग की बॉक्सिंग प्रतियोगिता में दस वर्ग इस प्रकार थे 1.लाइट फ्लाई वेट 49 किलोग्राम तक, 2.फ्लाईवेट 52 किलो तक, 3.बैंटमवेट 56 किलो, 4.लाइट वेट 60 किलो, 5.लाइट वेल्टर 64 किलो, 6.वेल्टर 69 किलो, 7.मिडिल 75 किलो, 8.लाइट हैवी 81 किलो, हैवी 91 और सुपर हैवी 91 किलो से ज्यादा। महिलाओं के वर्ग का वर्गीकरण दूसरा था। इसी तरह कुश्ती का वर्गीकरण महिला और पुरुष वर्ग में अलग-अलग था।

सवाल-क्या कुछ फफूंदियां लाभदायक भी होती हैं?
मुकेश जैन, सी-26, मिडल-सर्कल, कनाट प्लेस, नई दिल्ली-110001.

फफूंद या कवक एक प्रकार के पौधे हैं जो अपना भोजन सड़े-गले मृत कार्बनिक पदार्थों से प्राप्त करते हैं। ये सृष्टि की शुरूआत से ही हैं और इनका मुख्य काम प्रकृति को साफ रखने का है। इसे वनस्पतियों में शामिल किया जाता है, पर ये क्लोरोफिल रुहत होते पर इनमें जड़, तना और पत्तियाँ नहीं होतीं। एक प्रकार से ये वनस्पतियों, प्राणियों और बैक्टीरिया से अलग कोटि के होते हैं। फफूंदी का संक्रमण ज़रूर पीड़ादायक होता है, पर फफूंदी मूल रूप में लाभदायक ही है। खमीर और मशरूम के रूप में आप अपने भोजन में इन्हें पाते हैं। कई तरह की औषधियों में इनका इस्तेमाल होता है।

आकाश में ध्रुवतारा सदा एक ही स्थान पर दिखता है, जबकि अन्य तारे नहीं, क्यों?
राजेश कुमार कनौजिया,74 ए, गली नं. 6, जी-3 ब्लॉक, पार्ट-1, सांई इंक्लेव, मोहन गार्डन, नई दिल्ली-110059.

ध्रुवतारे की स्थिति हमेशा उत्तरी ध्रुव पर रहती है। इसलिए उसका या उनका स्थान नहीं बदलता। यह एक तारा नहीं है, बल्कि तारामंडल है। धरती के अपनी धुरी पर घूमते वक्त यह उत्तरी ध्रुव की सीध में होने के कारण हमेशा उत्तर में दिखाई पड़ता है।  इस वक्त जो ध्रुव तारा है उसका अंग्रेजी में नाम उर्सा माइनर तारामंडल है। जिस स्थान पर ध्रुव तारा है उसके आसपास के तारों की चमक कम है इसलिए यह अपेक्षाकृत ज्यादा चमकता प्रतीत होता है। धरती अपनी धुरी पर पश्चिम से पूर्व की ओर परिक्रमा करती है, इसलिए ज्यादातर तारे र्पूव से पश्चिम की ओर जाते हुए नज़र आते हैं। चूंकि ध्रुव तारा सीध में केवल मामूली झुकाव के साथ उत्तरी ध्रुव के ऊपर है इसलिए उसकी स्थिति हमेशा एक जैसी लगती है। स्थिति बदलती भी है तो वह इतनी कम होती है कि फर्क दिखाई नहीं पड़ता। पर यह स्थिति हमेशा नहीं रहेगी। हजारों साल बाद यह स्थिति बदल जाएगी, क्योंकि मंदाकिनियों के विस्तार और गतिशीलता के कारण और पृथ्वी तथा सौरमंडल की अपनी गति के कारण स्थिति बदलती रहती है। यह बदलाव सौ-दो सौ साल में भी स्पष्ट नहीं होता। आज से तीन हजार साल पहले उत्तरी ध्रुव तारा वही नहीं था जो आज है। उत्तर की तरह दक्षिणी ध्रुव पर भी तारामंडल हैं, पर वे इतने फीके हैं कि सामान्य आँख से नज़र नहीं आते। उत्तरी ध्रुव तारा भूमध्य रेखा के तनिक दक्षिण तक नज़र आता है। उसके बाद नाविकों को दिशाज्ञान के लिए दूसरे तारों की मदद लेनी होती है।


हमारे राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह पर उत्कीर्ण ‘सत्यमेव जयते’ कहां से लिया गया है? पूरा मंत्र क्या है और उसका अर्थ क्या है?
कदम, जमशेदपुर-831005.

‘सत्यमेव जयते’ मूलत: मुण्डक उपनिषद का मंत्र 3.1.6 है। पूरा मंत्र इस प्रकार है:- सत्यमेव जयते नानृतम सत्येन पंथा विततो देवयान:। येनाक्रमंत्यृषयो ह्याप्तकामो यत्र तत् सत्यस्य परमम् निधानम्।। अर्थात आखिरकार सत्य की जीत होती है न कि असत्य की। यही वह राह है जहाँ से होकर आप्तकाम (जिनकी कामनाएं पूर्ण हो चुकी हों) मानव जीवन के परम लक्ष्य को प्राप्त करते हैं। सत्यमेव जयते को स्थापित करने में पं मदनमोहन मालवीय की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

जब केबिल टी.वी. चलता है तो कभी-कभी अंग्रेजी में कुछ संख्याएं एवं अंग्रेजी के अक्षर क्यों आ जाते हैं। इन संख्यांओं एवं अक्षरों के आने का तात्पर्य क्या है?
अनिल कुमार श्रीवास्तव, म.नं. बी-228, संचार विहार, आई.टी.आई. टाउनशिप, मनकापुर-271308.जिला-गोण्डा (उ.प्र.)।

आमतौर पर प्रसारण करने वाले कुछ देर के लिए विशेष कोड का प्रसारण भी करते हैं। उनका उद्देश्य यह देखना होता है कि कार्यक्रम का प्रसारण वैध स्रोत से हो रहा है अथवा नहीं।

 चन्द्रमा  पर ध्वनि क्यों नहीं सुनाई देती है?
नीतू कनौजिया, 43 ए, गली नं. 6 निकट काली माता मंदिर, डिफेंस इंक्लेव, मोहन गार्डन, दिल्ली-59.

ध्वनि की तरंगों को चलने के लिए किसी माध्यम की ज़रूरत होती है। चन्द्रमा पर न तो हवा है और न किसी प्रकार का कोई और माध्यम है। इसलिए आवाज़ सुनाई नहीं पड़ती।

बूझ-बुझौवल
इस बार के सवाल
क्या रावण की लंका वास्तव में ‘सोने’ की थी या सोने के लिए थी? यदि सोने की थी तो इतना सोना गया कहां? 
राम अवतार जैन, एन.एस.एस.ओ., बी.डी.ए. कम्पलेक्स, दूसरी मंजिल, प्रियदर्शिनी नगर, बरेली, (उ. प्र.)-243502.

आमंत्रण और निमंत्रण में क्या अंतर है?
दिलीप भाटिया, 372/201, न्यू मार्केट, रावतभाटा-323307 (राजस्थान)।

साहित्यकार अपने नाम के साथ-साथ एक उपनाम क्यों लगाते हैं? जैसे-सूर्यकान्त त्रिपाठी-निराला।
नौ दो ग्यारह’, चार सौ बीस और दस नम्बरी संख्याएं क्यों मुहावरों में चर्चित या बदनाम हैं?
शशिभूषण बडोनी, चीफ फार्मेसिस्ट, राजकीय संयुक्त चिकित्सालय, प्रेमनगर, देहरादून (उ. प्र.)-248007.

भारत में संस्कृत का समाचार पत्र कहां से निकलता है?
इंदर गांधी, 290/13, अरबन एस्टेट एक्सटेंशन, करनाल।


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