खर्राटे क्यों आते हैं? क्या यह कोई बीमारी है या उसका कोई लक्षण है? तथा इनसे किस प्रकार बचा जा सकता है?
सोते समय गले का पिछला हिस्सा थोड़ा सँकरा हो जाता है।
साँस जब सँकरी जगह से जाती है तो आसपास के टिशुओं में स्पंदन होता है, जिससे आवाज
आती है। यही हैं खर्राटे। यह सँकरापन नाक एवं मुँह में सूजन के कारण भी हो सकता
है। यह सूजन एलर्जी, संक्रमण, धूम्रपान, शराब पीने या किसी दूसरे कारण से हो सकती
है। इससे फेफड़ों को कम आक्सीजन मिलती है, जिससे
मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर ज्यादा ऑक्सीजन माँगने लगते हैं। ऐसे में नाक एवं
मुँह ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं, जिससे खर्राटे की आवाज आने
लगती है। बच्चों में एडीनॉयड ग्रंथि में सूजन एवं टांसिल से भी खर्राटे आते हैं।
मोटापे के कारण भी गले की नली में सूजन से रास्ता संकरा हो जाता है, और सांस लेने में आवाज आने लगती है। जीभ का बढ़ा आकार भी खर्राटे का बड़ा
कारण है। ब्राज़ील में हुए एक शोध के अनुसार भोजन में नमक की अधिकता शरीर में ऐसे
फ्लूइड का निर्माण करती है जिससे नाक के छिद्र में व्यवधान होता है।
बहरहाल खर्राटे या तो खुद बीमारी हैं या बीमारी का लक्षण
हैं। खर्राटे से अचानक हृदय गति रुकने का खतरा रहता है। मधुमेह एवं मोटापे की
बीमारी के कारण खर्राटे के रोगी तेजी से बढ़ रहे हैं। खर्राटे के दौरान शरीर में
रक्त संचार अनियमित हो जाता है, जो दिल के दौरे
का बड़ा कारण है। दिमाग में रक्त की कम आपूर्ति से पक्षाघात तक हो सकता है। इससे
फेफड़ों पर भी दबाव पड़ता है। खर्राटे के रोगियों को पॉलीसोमनोग्राफी टेस्ट करवाना
चाहिए। यह टेस्ट व्यक्ति के सोते समय की शारीरिक स्थितियों की जानकारी देता है।
दाढ़ी के बाल सिर्फ पुरुषों के ही
क्यों होते हैं, महिलाओं के क्यों नहीं?
जन्म के समय बच्चे के शरीर में लेता
है तो उसके शरीर पर केवल रोएं जैसे बाल होते हैं। ग्यारह से तेरह की उम्र से लड़के
और लड़कियों के शरीर में केश वृद्धि शुरू होती है. यही वह उम्र होती है जब सेक्स
ग्रन्थियों का तेजी से विकास होता है। स्त्रियों और पुरुषों के शरीर में ग्रंथियाँ
विशेष प्रकार के हारमोंस पैदा करती हैं जिन्हें एंड्रोजेंस कहते हैं। पुरुषों में एंड्रोजेंस
की मौजूदगी के कारण ही दाढ़ी-मूँछें विकसित होती हैं। स्त्री में दूसरी सेक्स ग्रंथियां
होती हैं जो दूसरे प्रकार के हारमोंस के पैदा करती हैं जिन्हें एस्ट्रोजेंस कहते हैं। पुरुष में बनने वाले
हारमोंस आवाज़ में भारीपन और केश वृद्धि आदि को नियमित करते हैं। स्त्री में बनने
वाले एस्ट्रोजेंस उसके सेक्स लक्षणों को पैदा करते हैं। इन्हीं हारमोंस के कारण स्त्री
व पुरुष में शारीरिक भिन्नताएं होती हैं। औरतों का जिस्म कोमल, नरम व नाज़ुक रहता है वहीं पुरुषों का जिस्म सख्त व मजबूत होता है।
साधारण
पेय पदार्थों की बोतलों पर लिखा एफ पी ओ क्या होता है ?
केवल पेय ही
नहीं वल्कि किसी भी प्रसंस्करित खाद्य या पेय सामग्री को पैक करके बेचने के लिए
भारत में इसे लगाना जरुरी होता है । FPO का मतलब यह होता है कि इन पदार्थों को तैयार करते
वक्त खाद्य सुरक्षा व मानक नियम 2006 के अंतर्गत
निर्धारित मानकों का पालन किया गया है । भारत में प्रसंस्करित खाद्य तैयार करने के
लिए FPO लाइसेंस लेना जरुरी है । एफपीओ का फुलफॉर्म है फूड प्रोसेस ऑर्डर।
दाढ़ी के बाल सिर्फ पुरुषों के ही क्यों होते हैं, महिलाओं के क्यों नहीं?
ReplyDeleteबढ़िया लिखा है जी ! जानकारी अच्छी लगी
बहुत अच्छी उपयोगी जानकारी ,खर्राटे काफी खतरनाक हो सकते हैं ,इसलिए इनका इलाज जरुरी है ,कुछ लोगों के खुर्राटों की वजह से तो कई बार दुसरे लोगों का सोना भी हराम हो जाता है
ReplyDelete