Monday, October 30, 2017

आदम और हव्वा की कहानी क्या है?


आदम और हव्वा की कहानी इब्राहीमी धर्मों यानी पैगंबरी मतों से जुड़ी है। इब्राहीमी धर्म वे हैं जो हज़रत इब्राहीम (इब्राहीम अथवा अब्राहम) के पूजित ईश्वर को मानते हैं। इनमें ईसाई, इस्लाम और यहूदी धर्म शामिल हैं। ईडन या ख़ुल्द इब्राहीमी धर्मों की मान्यताओं में वह जगह थी, जहाँ ईश्वर ने पहले पुरुष आदम और पहली स्त्री हव्वा या ईव की सृष्टि के बाद उन्हें रखा था।

बायबिल की कहानी के अनुसार ईश्वर ने ज़मीन से थोड़ी मिट्टी ली, फिर उससे इंसान का शरीर बनाया। उस शरीर में कोई कमी नहीं थी। तब परमेश्वर ने उसकी नाक में साँस फूँकी और आदम ज़िंदा हो गया। इसके बाद परमेश्वर ने आदम से कहा कि वह सब जानवरों के नाम रखे। जब आदम जानवरों के नाम रख रहा था, तो उसने देखा कि सब जानवरों के साथी थे, पर आदम का कोई साथी नहीं था। तब ईश्वर ने आदम की पसली की एक हड्डी निकाली और उससे एक औरत बनाई। वह औरत हव्वा थी।

इन धर्मों की कथाओं में ईडन सौंदर्य और शांति से भरे उद्यान के रूप में दर्शाया जाता है। ईडन के उद्यान में आदम और हव्वा निर्दोष स्थिति में आनंद से बच्चों की पूरी तरह नग्न रहते थे, क्योंकि उन्हें यौन संबंधों का कोई ज्ञान नहीं था और कोई शर्म नहीं होती थी। इसी उद्यान में एक वृक्ष था जिसे ‘ज्ञान का वृक्ष’ (ट्री ऑफ द नॉलेज ऑफ गुड एंड द ईवल) कहा जाता है। उसपर लगे फल का खाना ईश्वर ने आदम को वर्जित किया था। ईसाई मान्यता के अनुसार एक सर्प ने पहले हव्वा को उकसाया और फिर हव्वा ने आदम को ज्ञान का फल खाने के लिए उकसाया। आदम ने आज्ञा का उल्लंघन किया और फल खा लिया। इससे उसकी निष्कपटता ख़त्म हो गई और आदम और हव्वा को एक-दूसरे को देखकर शर्म महसूस होने लगी।

उन्होंने अंजीर के पत्तों के छोटे वस्त्र बनाकर अपने अंग ढकने का प्रयास किया। जब ईश्वर उनसे मिलने आए और यह देखा तो वह समझ गए कि आदम ने ज्ञान का फल खा लिया है। उन्होंने आदम और हव्वा को ईडन से निकाल दिया। ईसाई मान्यताओं में तब से मानव पापी अवस्था में संसार में भटक रहे हैं।

पुलिस कंट्रोल रूम का नम्बर 100 क्यों होता है?
भारत में पुलिस कंट्रोल रूम का नम्बर 100 होता है। ऐसा नम्बर जो आसानी से याद रहे। यूरोप के कई देशों में यह 112 है। इंग्लैंड में 999 और अमेरिका तथा कनाडा में 911। बांग्लादेश में भी 999 है। जापान, चीन और इंडोनेशिया में 110, पाकिस्तान में 15, श्रीलंका में 119।

मंत्रिमंडल को कैबिनेट क्यों कहते हैं?


कैबिनेट एक अनौपचारिक व्यवस्था है, जिसने औपचारिक रूप धारण कर लिया है। संविधान में मंत्रिपरिषद या कौंसिल ऑफ मिनिस्टर्स की व्यवस्था है। कैबिनेट शब्द हमने ब्रिटिश संसदीय प्रणाली से लिया है, जिसमें कुछ वरिष्ठ मंत्री इसके सदस्य होते हैं, जो प्रधानमंत्री के साथ मिलकर नीतिगत निर्णय करते हैं। पुराने जमाने में ये सदस्य जिस कक्ष में बैठकर मंत्रणा करते थे, उसे केबिन कहा जाता था. उससे ही कैबिनेट शब्द बना।

आधी रात में सूरज किस देश में उगता है?


उत्तरी ध्रुव के काफी करीब है नॉर्वे। इस इलाके में गर्मियों में रात के बारह बजे के बाद तक सूरज चमकता है। रातें कुछ घंटे की होती हैं, उस दौरान भी सूरज क्षितिज के करीब होता है इसलिए रातें अंधियारी नहीं होतीं। उसे अर्धरात्रि के सूर्य वाला देश कहते हैं। नॉर्वे के अलावा यूरोप से बहुत से देशों में रात देर से होती है।

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Sunday, October 22, 2017

‘ऑर्गेनिक खेती’ का मतलब क्या है?

ऑर्गेनिक खेती से तात्पर्य खेती में खाद और कीट-सुरक्षा के परम्परागत तरीकों के इस्तेमाल से है। हजारों साल से खेती की जो पद्धति चली आ रही है, उसमें खाद और कीट-सुरक्षा प्राकृतिक साधनों से ही होती है। औद्योगिक क्रांति के खेती के इनॉर्गेनिक तरीकों का प्रचलन बढ़ा। इसमें मुख्यत: रासायनिक उर्वरकों जैसे सुपर फॉस्फेट्स और अमोनिया के  साथ-साथ रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल बढ़ा। ये रसायन सस्ते पड़ते हैं और इनके परिणाम तुरंत मिलते हैं। पर इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती है। दूसरी ओर अनाज और फलों-सब्जियों में कीटनाशकों के जाने का खतरा होता है। तीसरे इकोलॉजिकल प्रक्रिया पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इससे जैव विविधता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। यह जैव विविधता हजारों-लाखों साल की प्राकृतिक प्रयोगशाला में विकसित हुई थी।

ऑर्गेनिक खेती के आधुनिक जनक अंग्रेज वनस्पति विज्ञानी सर अल्बर्ट हावर्ड माने जाते हैं। उन्होंने खेती के उत्तर-आधुनिक विकास को खतरनाक बताया। धीरे-धीरे ऑर्गेनिक खेती का बाकायदा अभियान चला। अब इसके तहत दुनिया भर में तकरीबन 50 अरब डॉलर का कारोबार होता है। अनेक देशों में ऑर्गेनिक खेती के नियमन हैं। ऑर्गेनिक खेती की साख बनाए रखने के लिए यह ज़रूरी है।

सीनियर सिटिजन की परिभाषा क्या है? 

अमेरिका में रिटायरमेंट की उम्र 65 साल है। भारत में सामान्यतः 60 साल के व्यक्ति को सीनियर सिटिजन मानते हैं। भारतीय बैंक 60 साल से ऊपर के व्यक्ति को ज्यादा ब्याज देते हैं। भारतीय रेलवे में महिला वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायत लेने हेतु न्यूनतम आयु 58 वर्ष है और रियायत का तत्व मूल किराए में 50 प्रतिशत है। पुरुष वरिष्ठ नागरिकों के मामले में रियायत के लिए न्यूनतम आयु 60 वर्ष है और रियायत मूल किराए की 40 प्रतिशत है।

कुइज़ीन Cuisine का क्या मतलब होता है?

कुइज़ीन फ्रांसीसी शब्द है, जिसका अर्थ है खाना बनाने की कला। इसके लिए लैटिन शब्द है कोकरे। कुइज़ीन शब्द का इस्तेमाल किसी स्थान विशेष या किसी  विशेष भोजन के लिए किया जाता है। जैसे जापानी व्यंजन, बंगाली, दक्षिण भारतीय, गुजराती वगैरह।

सबसे ज्यादा गाने किस हिन्दी फिल्म में थे?

सन 1932 में बनी फिल्म मदन थिएटर द्वारा निर्मित फिल्म इंदरसभा में 71 गाने थे। यह फिल्म आगा हसन अमानत के उर्दू नाटक इंदरसभा पर आधारित थी। इस नाटक को पहली बार सन 1853 में खेला गया था। यह पूरा नाटक काव्य में है।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है?

सामान्यतः यह मोटर वाहनों के इंश्योरेंस से जुड़ा है। यह वाहन के स्वामी या वाहन का बीमा नहीं है, बल्कि यदि वाहन के कारण किसी तीसरे व्यक्ति को चोट लग जाए या उनकी मृत्यु हो जाए या किसी और तरीके का नुकसान हो जाए उसकी क्षतिपूर्ति का बीमा है। 

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित

यूरोप के अलगाववादी आंदोलन

स्पेन के स्वायत्त क्षेत्र कैटेलोनिया के अलावा यूरोप के दूसरे देशों में भी कुछ हिस्से आजादी की माँग करते रहे हैं. इनमें से कुछ ये हैं:

बास्क कंट्री. स्पेन में कैटेलोनिया का पड़ोसी प्रदेश बास्क कंट्री भी आजादी की मांग उठाता रहा है. यह इकलौता ऐसा इलाका है जो अपनी कर वसूली के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र है. यह स्पेन सरकार को कर राजस्व नहीं देता. इस आंदोलन में पिछले 50 साल के दौरान करीब 800 लोग मारे गए हैं.

स्कॉटलैंड पिछले 300 साल से यूके का हिस्सा है. इसकी अपनी संसद भी है. यहां की स्कॉटिश नेशनल पार्टी आजादी का समर्थन करती है. 2014 में आजादी को लेकर यहां जनमत संग्रह भी हुआ, जो विफल रहा. अगले साल एक बार फिर जनमत संग्रह कराने की कोशिशें हैं.

बेल्जियम में फ्लेमिश भाषियों का फ्लैंडर्स क्षेत्र स्वतंत्र होना चाहता है. ऐसा कभी हुआ है तो बेल्जियम काफी छोटा हो जाएगा. इटली के पडानिया क्षेत्र का अलगाववादी आंदोलन भी आर्थिक हितों के कारण है. यह इलाका इटली का औद्योगिक केंद्र हैं. 1990 के दशक में पडानिया की लीगा नॉर्ड पार्टी ने इटली से अलग होने की मांग उठाई थी. अब आजादी के मुकाबले वित्तीय स्वतंत्रता पर जोर है. इटली क ही दक्षिणी टिरोल में भी अलगाववादी आंदोलन है.

नैनो टेक्नोलॉजी क्या है?

नैनो टेक्नोलॉजी का मतलब है पदार्थ की संरचना के एटॉमिक, मॉलीक्यूलर और सुपर मॉलीक्यूलर जैसे बारीक स्तर पर काम करके मैक्रो यानी बड़े स्तर की संरचनाओं को तैयार करना. यानी कि 1 से 100 नैनोमीटर तक की संरचना पर काम करना. पहले आपको एक नैनोमीटर के आकार को समझना होगा. एक नैनोमीटर एक मीटर का एक अरबवाँ अंश यानी कि 0.000000001 मीटर होता है.

शीशे के एक कंचे या गोली को एक नैनोमीटर मानें तो उसके मुकाबले पृथ्वी एक मीटर होगी. डीएनए की चौड़ाई करीबन 2 nm होती है. जीव जगत की सबसे छोटी कोशिकाओं, मैकोप्लास्मा जीवाणु का आकार करीब 200 nm है. प्रकृति के सूक्ष्मतम परिवेश में जाने के लिए और चिकित्सा, रसायन, भौतिकी और खगोल विज्ञान में आगे बढ़ने के लिए प्रकृति के इतने सूक्ष्म स्वरूप में हस्तक्षेप करने की जरूरत है.

नेल पॉलिश नाखून में लगते ही क्यों सूख जाती है?

यह गुण नेल पॉलिश के तरल सॉल्वेंट का है. जब यह शीशी के भीतर होती है, तब यह सॉल्वेंट बाहरी दबाव के कारण उड़ता नहीं है. नाखून में लगते ही यह सॉल्वेंट उड़ जाता है.

नारियल के भीतर पानी कहाँ से आता है?

आपने देखा होगा कि नारियल के पेड़ सागर तट से कुछ दूर ज्वार-भाटा क्षेत्र के बाहर होते हैं. ऐसे इलाकों में जमीन के नीचे काफी पानी होता है. यह पानी खारा नहीं होता. ऑस्मॉसिस की क्रिया के माध्यम से पेड़ की जड़ों से यह पानी शिखर तक जाता है. पानी में यदि नमक होता भी है तो वह इस प्रक्रिया में फिल्टर हो जाता है. नारियल के फल में पानी पहुँचने की इस प्रक्रिया को भ्रूणपोष (एंडोस्पर्म) कहते हैं. प्रकृति ने यह व्यवस्था हर तरह के फलों में की है.

माँस-पेशियों में खिंचाव का मतलब क्या है?

आपने फुटबॉल, क्रिकेट और हॉकी के मैदान में अकसर खिलाड़ियों को माँस-पेशियों के खिंचाव से परेशान देखा होगा. इसकी वजह है माँस-पेशियों की सहन-सीमा का खत्म होना. यह खिंचाव मसल या उसे हड्डी से जोड़ने वाले टेंडंस में होता है. इसके कई स्तर होते हैं. अक्सर मसल के फाइबर को पहुँची क्षति काफी जल्दी दूर हो जाती है, पर कई बार उसे ठीक होने में कई दिन भी लगते हैं. 

प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

Thursday, October 12, 2017

कैटेलोनिया मामला क्या है?

कैटेलोनिया स्पेन का एक स्वायत्त क्षेत्र है, जहाँ इन दिनों स्पेन से स्वतंत्र होने की माँग की जा रही है. मध्ययुग में यह एक अलग राज्य हुआ करता था. इसकी राजधानी बार्सिलोना है, जो स्पेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. यहाँ हिस्पानी भाषा के अलावा स्थानीय कातलान भाषा बोली जाती है. मोटे तौर पर यह एक पृथक राष्ट्रीयता है, जो स्पेन और फ्रांस में विभाजित है.

द्वितीय विश्वयुद्ध के समय 1936-39 के बीच स्पेन में गृहयुद्ध चला, जिसमें जनरल फ़्रैंको के नेतृत्व में राष्ट्रवादियों की जीत हुई. द्वितीय विश्वयुद्ध में स्पेन औपचारिक रूप से तटस्थ रहा था, पर उसका झुकाव हिटलर के पक्ष में था. इस वजह से विश्वयुद्ध खत्म होने के बाद काफी समय तक वह अलग-थलग रहा और संयुक्त राष्ट्र का सदस्य भी नहीं बना. अंततः वह पश्चिमी खेमे में शामिल हुआ और 1982 में नेटो का सदस्य भी बन गया.

सन 1975 में फ़्रैंको के निधन के बाद यहाँ लोकतांत्रिक सुधार भी हुए हैं. सन 1978 में वहाँ नया संविधान लागू हुआ, जिसके तहत वहाँ राजतंत्रात्मक व्यवस्था है. इस दौरान उसका तेज औद्योगिक विकास हुआ. पर सन 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी की चपेट में स्पेन भी आ गया. कैटेलोनिया स्पेन का इंडस्ट्रियल हब है. विशेषज्ञ मानते हैं कि आर्थिक संकट के बाद पैदा हुई बेरोजगारी और कर्ज वृद्धि के लिए कैटेलोनिया के लोग मैड्रिड को जिम्मेदार मानते हैं.

आजादी का समर्थन करने वाले मानते हैं कि कैटेलोनिया का इस्तेमाल स्पेन देश के गरीब क्षेत्रों को उबारने के लिए कर रहा है. बहरहाल कैटेलोनिया में गत 1 अक्तूबर को इस मसले पर एक जनमत संग्रह हुआ जिसमें करीब 90 फीसदी लोगों ने स्वतंत्रता के पक्ष में मत दिया. स्पेन की केंद्रीय सरकार और राष्ट्रीय अदालत ने इस रायशुमारी को गैरकानूनी घोषित किया है.

गांधी जी के तीन बंदरों की कहानी क्या है?

वर्ष 1617 में जापान के निक्को में बनी तोगोशु की समाधि पर ये तीन बंदर बने हैं. माना जाता है कि यह बंदर जिन सिद्धांतों की ओर इशारा करते हैंवे बुरा न देखोबुरा न सुनोबुरा न बोलो को दर्शाते हैं. मूलतः यह शिक्षा ईसा पूर्व के चीनी दार्शनिक कन्फ्यूशियस की थी. यह युनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल है. जापानी में इन बंदरों के नाम हैं मिज़ारूकिकाज़ारू और इवाज़ारू. महात्मा गांधी ने इन तीन बंदरों के मार्फत नैतिकता की शिक्षा दीइसलिए कुछ लोग इन्हें गांधी जी के बंदर भी कहते हैं.

भारतीय सिनेमा में पहला डबल रोल किसने किया?

भारतीय सिनेमा में डबल रोल वाली फिल्म थी सन 1917 में बनी दादा साहेब फाल्के की लंका दहन. इसे इस साल सौ साल पूरे हो गए हैं. अन्ना सालुंके ने इस फिल्म में राम और सीता दोनों के रोल किए थे. दादा साहेब फ़िल्म में सीता के किरदार के लिए किसी महिला कलाकार की तलाश कर रहे थे, लेकिन उस ज़माने में महिलाओं का फ़िल्मों में काम करना बुरा समझा जाता था. सालुंके इससे पहले उनकी फिल्म राजा हरिश्चंद्र में तारामती का किरदार निभा चुके थे. उस किरदार से उनकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई थी कि फाल्के साहब को उन्हें सीता के रूप में कास्ट करना ही पड़ा.

पहिया सबसे पहले कब और कहां बना ?

पहिए का विवरण मेसोपोटामिया, उत्तरी कॉकेशस, मध्य यूरोप, मिस्र से लेकर सिंध घाटी तक हर जगह मिलता है. यह कहना मुश्किल है कि सबसे पहले यह कहाँ बना. ऐसा लगता है कि मनुष्य ने सबसे पहले लकड़ी के लट्ठों को लुढ़का कर उनके सहारे भारी चीजें खिसकाना सीखा. बाद में यही लट्ठा छोटा होकर पहिया बना. 
प्रभात खबर अवसर में 12 अक्टूबर 2017 को प्रकाशित

Monday, October 9, 2017

बॉडी लैंग्वेज क्या होती है?

बॉडी लैंग्वेज या कहें आपके हाव-भाव, एक तरह की शारीरिक भाषा है, जिसमें शब्द भले न हों, लेकिन यह बहुत कुछ कहती है। यह आपके दिल-दिमाग में क्या चल रहा है, बता देती है। मसलन, किसी वक्त आपके अंदर गुस्सा, उदासी, मनोरंजन, खुशी जैसे भावों यह बॉडी लैंग्वेज आसानी से बता सकती है। सबसे महत्वपूर्ण है चेहरे का अध्ययन। चेहरे पर आए भाव नाराजगी, खुशी, जलन, चिंता और चंचलता को सामने ला देते हैं। कुछ पसंद नहीं आ रहा हो तो नाक सिकोड़ते हैं, मुंह फुला लेते हैं। आँखों को बॉडी लैंग्वेज समझने का सबसे अहम हिस्सा कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। अगर आप संतुलित व सीधी अवस्था में हैं, तो यह आपके आत्मविश्वास को दर्शाती है। अगर आप सिर उठाते समय मुस्कराते हैं, तो यह आपके चंचल मन होने की निशानी है। एक अनुमान के अनुसार इंसान चेहरे पर 2,50,000 हाव-भाव उत्पन्न कर सकता है।

अगस्त क्रांति के अलावा 9 अगस्त की तारीख किस बात के लिए मशहूर है?

9 अगस्त काकोरी कांड का स्मृति दिवस भी है। काकोरी कांड भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों द्वारा ब्रिटिश राज के विरुद्ध युद्ध छेड़ने की मंशा से हथियार खरीदने के लिए ब्रिटिश सरकार का खजाना लूट लेने की एक ऐतिहासिक घटना थी जो 9 अगस्त 1925 को घटी। हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के दस सदस्यों ने इस पूरी घटना को अंजाम दिया था। योजनानुसार दल के एक प्रमुख सदस्य राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी ने 9 अगस्त 1925 को लखनऊ जिले के काकोरी रेलवे स्टेशन से छूटी ‘आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन’ को चेन खींच कर रोका और राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में अशफाक उल्ला खाँ, चंद्रशेखर आज़ाद व 6 अन्य सहयोगियों की मदद से समूची ट्रेन पर धावा बोलते हुए सरकारी खजाना लूट लिया। बाद में अंग्रेजी हुकूमत ने उनकी पार्टी हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के कुल 40 लोगों पर सशस्त्र युद्ध छेड़ने, सरकारी खजाना लूटने व मुसाफिरों की हत्या करने का मुकदमा चलाया जिसमें राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ तथा रोशन सिंह को फाँसी की सजा सुनाई गई। इस मुकदमे में 16 अन्य क्रांतिकारियों को कम से कम 4 वर्ष की सजा से लेकर अधिकतम काला पानी (आजीवन कारावास) तक का दण्ड दिया गया था।

वायदा बाज़ार क्या होता है?

ऐसा बाज़ार जो भविष्य के किसी वायदे पर चलता हो उसे वायदा बाज़ार कहते हैं। बाज़ार दो तरह के होते हैं। एक वह जिसमें आप जिस समय कोई सौदा करते हैं उसी समय उसकी रक़म अदा करके माल ले लेते हैं। दूसरा वह जिसमें ख़रीदार और विक्रेता भविष्य की किसी तारीख़ के लिए निश्चित राशि पर सौदा तय करते हैं। इससे उत्पादकों और उपभोक्ताओं को भावी योजना बनाने में सहूलियत होती है और वे भविष्य में दाम बढ़ने या घटने के ख़तरे से बच जाते हैं। हमारे देश में जिंस बाजार में अब वायदा कारोबार भी होता है।

श्रीलंका कब स्वतंत्र हुआ?

श्रीलंका में 1930 के दशक में अंग्रेजी राज के खिलाफ स्वाधीनता आंदोलन तेज हुआ। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 4 फरवरी 1948 को देश को संयुक्त राजशाही से पूर्ण स्वतंत्रता मिली। सन 1972 तक इस देश का नाम सीलोन था।

स्विट्ज़रलैंड में कौन सी भाषा बोली जाती है?


स्विट्ज़रलैंड चार भाषाओं का घर है। यहाँ जर्मन, फ्रेंच, इटैलियन और रोमांच। रोमांच रोमन साम्राज्य की बोली जाने लैटिन की वारिस है। यह स्विट्ज़रलैंड के दक्षिणी कैंटन की राजभाषा भी है। चारों भाषाओं में स्विट्ज़रलैंड को अलग-अलग तरीके से लिखा जाता है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 27 अगस्त 2017 को प्रकाशित

आजाद हिंद फौज का राष्ट्रगान क्या था?

सन 1943 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जर्मनी और जापान के समर्थन से दक्षिण पूर्व एशिया में ‘आर्ज़ी हुकूमत-ए-आज़ाद हिंद’ यानी स्वतंत्र भारत की कार्यवाहक सरकार की स्थापना की थी। इस सरकार का राष्ट्रगान भी रवीन्द्रनाथ ठाकुर के जन,गण मन की ध्वनि पर आधारित, पर हिंदी में था। इसे ‘शुभ सुख चैन’ गान कहा जाता है। इसे कैप्टेन आबिद अली ने लिखा था और इसकी संगीत रचना राम सिंह ने की थी। इसका पहला छंद इस प्रकार था:-
शुभ सुख चैन की बरखा बरसे , भारत भाग है जागा/पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा, द्राविड़ उत्कल बंगा/चंचल सागर, विंध्य, हिमालय, नीला जमुना गंगा/तेरे नित गुण गाएँ, तुझसे जीवन पाएँ/हर तन पाए आशा/सूरज बन कर जग पर चमके, भारत नाम सुभागा/जय हो! जय हो! जय हो! जय जय जय जय हो!


विश्व जनसंख्या दिवस कब मनाया जाता है?

विश्व जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य जनसंख्या सम्बंधित समस्याओं पर वैश्विक चेतना जगाना है। यह 1987 से मनाया जा रहा है। 11 जुलाई, 1987 को विश्व की जनसंख्या 5 अरब को पार कर गई थी। तब संयुक्त राष्ट्र ने जनसंख्या वृद्धि को लेकर दुनिया भर में जागरूकता फैलाने का निश्चय किया। पहला विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई 1990 को 90 देशों में मनाया गया। इसके बाद दिसंबर 1990 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव 45/216  पास करके हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का फैसला किया।

ओलिंपिक खेलों में भाग लेने के लिए क्या कोई आयु सीमा भी है?


ओलिंपिक चार्टर के अनुसार कोई आयु सीमा नहीं है। अलबत्ता अलग-अलग खेल संघों ने अपनी तरफ से आयु सीमाएं तय कर रखी हैं। मसलन जिम्नास्टिक्स में 16 साल के कम आयु के प्रतियोगी भाग नहीं ले सकते। सन 2016 के रियो ओलिंपिक में नेपाल की तैराक गौरिका सिंह ने 13 वर्ष की आयु में ओलिंपिक प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लिया। वे रियो में सबसे कम उम्र की खिलाड़ी थीं। ओलिंपिक खेलों के इतिहास में सबसे उम्रदराज प्रतिस्पर्धी थे स्वीडन के ऑस्कर स्वॉन, जिन्होंने 1920 की शूटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया। उस वक्त उनकी उम्र थी 72 साल 281 दिन। रियो ओलिंपिक में उज्बेकिस्तान जिम्नास्ट ओक्साना चुसोवितीना सबसे बुजुर्ग खिलाड़ी थीं। उनकी उम्र थी 41 वर्ष। वे सन 1992 के ओलिंपिक से लगातार भाग ले रहीं थीं।


अगस्त क्रांति का मतलब क्या है?

सन 1942 के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ को हम अगस्त क्रांति के नाम से जानते हैं। अगस्त क्रांति आंदोलन की शुरूआत 9 अगस्त 1942 को हुई थी।  द्वितीय विश्व युद्ध में समर्थन लेने के बावजूद जब अंग्रेज़ भारत को स्वतंत्र करने को तैयार नहीं हुए तो महात्मा गांधी ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के रूप में आजादी की अंतिम जंग का ऐलान कर दिया। इसकी शुरूआत 8 अगस्त को ही मुम्बई के ग्वालिया टैंक मैदान में हो गई थी, जहाँ गांधी जी ने अंग्रेजो भारत छोड़ो का ऐलान कर दिया था। उसी रात गांधी समेत तमाम बड़े नेताओं की गिरफ्तारी हो गई। अगले दिन 9 अगस्त को देशभर में आंदोलन शुरू हो गया। 9 अगस्त को ही मुम्बई के उसी मैदान में अरुणा आसफ अली ने तिरंगा फहराया, इसलिए 9 अगस्त के दिन को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में जाना जाता है। बाद में मुम्बई के ग्वालिया टैंक मैदान का नाम अगस्त क्रांति मैदान रख दिया गया।

राष्ट्रपति भवन कब बना था?
नई दिल्ली को राजधानी बनाने का फैसला 1911 में होने के बाद नए निर्माण कार्य शुरू हुए। नए वायसरॉय भवन का काम सन1912 में शुरू हुआ और वह 1929 में बनकर तैयार हुआ। यही वायसरॉय भवन 1947 के बाद राष्ट्रपति भवन कहलाया।



राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर के 13 अगस्त 2017 के अंक में प्रकाशित

रेलवे की छोटी और बड़ी लाइन में क्या अंतर होता है?

भारतीय रेलवे में तीन तरह की पटरियां बिछी हुई हैं, ये हैं- बड़ी लाइन (Broad guage) 1.67 मीटर 5 फुट 6 इंच। छोटी लाइन (Metre guage) 1.00 मीटर 3 फुट सवा तीन इंच, संकरी लाइन (Narrow guage)76.2 सेमी दो फुट 6 इंच। 61 सेमी दो फुट। इनमें से बड़ी लाइन की पटरियों का संजाल भारत के अधिकांश हिस्सों में फैला हुआ है। अधिकतर गा‍ड़ियां इसी पटरी पर चलती हैं। छोटी लाइन की पटरियां अब धीरे-धीरे कम होती जा रही हैं। शिमला, ऊटी, कांगड़ा, माथेरान में नैरो गेज गाड़ियाँ चलतीं हैं।

पॉलिथीन की शुरूआत कैसे हुई?

पॉलिथायलीन या पॉलिथीन दुनिया का सबसे लोकप्रिय प्लास्टिक है। पॉलिथीन सबसे पहले जर्मन केमिस्ट हैंस वॉन पैचमान ने सन 1898 में अचानक खोज लिया था। उन्होंने प्रयोग करते वक्त सफेद रंग के मोम जैसे पदार्थ को बनते देखा और उसका नाम पॉलिथीन रखा। औद्योगिक रूप पॉलिथीन का आविष्कार 1933 में नॉर्थविच इंग्लैंड एरिक फॉसेट और रेगिनाल्ड गिबसन से एक एक्सीडेंट में हो गया। इस एक्सीडेंट रूपी प्रयोग को दुबारा करना मुश्किल था, पर 1935 में इसे भलीभांति कर लिया गया। दरअसल एथिलीन और बेंजलडिहाइड के मिश्रण पर बहुत भारी प्रेशर डालना था, जिससे यह पदार्थ बनता था। आज यह तकनीक सामान्य हो गई है।

दो शहरों को जोड़ने वाली सड़कों को हाइवे क्यों कहते हैं?

हाइवे शब्द प्राचीन रोमन साम्राज्य की देन है। रोमन बादशाहों ने देश के 200 शहरों को सड़कों से जोड़ा था। ऐसी सड़कें पक्की होती थीं और इतनी अच्छी बनाई जाती थीं कि उनपर से होकर सेना के घुड़सवार दस्ते और रथ वगैरह आसानी से गुजर सकें। इन्हें जमीन की सामान्य सतह से कुछ ऊँचा बनाया जाता था ताकि दूर से दिखाई पड़ें और यदि कोई शत्रु हमला करना चाहता है तो वह दिखाई पड़े। बारिश के बाद इनमें पानी भी नहीं भरता था। इनकी ऊँचाई की वजह से इन्हें हाइवे कहा गया। बाद में सारी दुनिया में शहरों को जोड़ने वाली सड़कों को हाइवे कहा जाने लगा।

तेनालीराम कौन थे?

तेनाली रामकृष्ण, तेनाली रामलिंगम या तेनाली राम तमिल, तेलुगु और कन्नड़ लोककथाओं का एक पात्र है। सोलहवीं सदी में दक्षिण भारत के विजयनगर राज्य में राजा कृष्णदेव राय हुआ करते थे। तेनालीराम उनके दरबार के कवि थे और वे अपनी समझ-बूझ और हास-परिहास के लिए प्रसिद्ध थे। उनकी खासियत थी कि गम्भीर से गम्भीर विषय को भी वह हंसते-हंसते हल कर देते थे। उनकी गिनती राजा कृष्णदेव राय के आठ दिग्गजों में होती थी।
मोमबत्ती का आविष्कार कैसे हुआ?

मोमबत्ती पुरानी मशालों का सुधरा रूप है। पुराने राजमहलों में शैंडलेयर कैंडल लगाने के लिए ही थे। सबसे पुरानी मोमबत्ती का उल्लेख ईसा से 200 साल पहले चीन में मिलता है। तबतक मोम का आविष्कार नहीं हुआ था। चीन में मछली की चर्बी से प्रकाश-बत्ती बनती थी। यूरोप में चर्बी, जैतून के तेल और प्राकृतिक मोम को मिलाकर कैंडल बनाई गईं। पैराफिन वैक्स जिसे आज हम मोम कहते हैं 1830 में खोजा गया।

क्षेत्रफल में दुनिया का सबसे बड़ा देश

श्रेणी में रूस सबसे बड़ा देश है। रूस का कुल क्षेत्र 1 करोड़ 70 लाख 98 हजार 242 वर्ग किलोमीटर है। दूसरे स्थान पर कनाडा है जिसका क्षेत्रफल 99 लाख, 46 हजार 670 वर्ग किलोमीटर है। पहले सात देशों की सूची इस प्रकार है:

1.रूस 1,70,98,242, 2.कनाडा 99,84,670, 3.संरा अमेरिका 96, 29, 091, 4.चीन 95,96,961, 5.ब्राजील 85,14,877, 6.ऑस्ट्रेलिया 76,92,024, 7.भारत 32,87,263।


राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 6 अगस्त 2017 को प्रकाशित

आईएसबीएन (ISBN) नम्बर क्या है?

आईएसबीएन (ISBN) नम्बर किताबों की पहचान का नम्बर है। इसे इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बुक नम्बर कहते हैं। हर प्रकाशित पुस्तक का एक खास नम्बर होता है। यह प्रकाशकों, पुस्तकालयों और वितरकों के लिए उपयोगी है। सन 1966 में पुस्तक विक्रेता डब्ल्यूएच एच स्मिथ ने ट्रिनिटी कॉलेज, डबलिन के प्रोफेसर गॉर्डन फॉस्टर से 9 डिजिट का नम्बर तैयार कराया था। इसके बाद इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर स्टैंडर्डाइजेशन ने सारी दुनिया के प्रकाशकों के लिए यूनीक नम्बर की ज़रूरत महसूस की। 1970 से 10 डिजिट का अंतरराष्ट्रीय नम्बर शुरू हो गया। जनवरी 2007 से 13 डिजिट का आईएसबीएन शुरू किया गया, जो आजकल प्रचलन में है। आपको 10 डिजिट के और 13 डिजिट के दोनों नम्बर इस्तेमाल में मिलेंगे। दुनिया के सारे प्रकाशक अभी इसे ढंग से लागू कर भी नहीं रहे हैं।

कंप्यूटर में विंडोज़ का मतलब क्या है?

माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ (जिसे आमतौर पर विंडोज़ कहा जाता है) ग्रैफिकल ऑपरेटिंग सिस्टम है, जो मूलतः आईबीएम के पीसी के में इस्तेमाल के लिए बना था। अब विंडोज़ परिवार में पीसी के अलावा विंडोज़ फोन भी है, जो स्मार्टफोन पर काम करता है। शुरुआती दौर में पीसी पर काम माइक्रोसॉफ्ट डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम या डॉस पर होता था। सन 1984 में एपल ने मैकिंटॉश ऑपरेटिंग सिस्टम जारी करके काम को कापी आसान कर दिया। इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट ने 20 नवम्बर 1985 को विंडोज़ को जारी किया। इसपर मैकिंटॉश ने आपत्ति की। अंततः कानूनी लड़ाई में माइक्रोसॉफ्ट की जीत हुई। इस वक्त पीसी, टैबलेट्स और स्मार्टफोन पर सबसे ज्यादा ऑपरेटिंग सिस्टम्स विंडोज़ 10 हैं। पर स्मार्टफोन के मामले में सबसे ज्यादा एंड्रॉयड चलता है। एपल के हार्डवेयर पर उनका अपना ऑपरेटिंग सिस्टम काम करता है।

मार्शमैलो क्या होता है?

एंड्रॉयड मार्शमैलो या ‘एम’ मोबाइल फोन का ऑपरेटिंग सिस्टम है, जो 28 मई 2015 को जारी किया गया था। मूल रूप से यह फिंगरप्रिंट पहचान का समर्थन प्रदान करता है जिससे स्मार्टफोन को लॉक-अनलॉक किया जा सके और प्ले स्टोर पर सत्यापन के लिए उंगलियों के निशान के उपयोग से अनुमति दी जा सके। मूलतः मार्शमैलो भी एक प्रकार की मिठाई है। एंड्रॉयड के हर वर्ज़न का नाम मिठाई पर होता है। और यह भी कि यह नाम अल्फाबैटिक ऑर्डर में आगे बढ़ रहा है। कपकेक, डोनट, एक्लेयर, फ्रॉयो, जिंजरब्रैड, हनीकॉम्ब, आइसक्रीम सैंडविच, जैलीबीन और किटकैट से होते हुए यह मार्शमैलो को बाद यह सिलसिला नूगट तक जा पहुँचा है, जो मेवों और चीनी के मेल से बनती है। इसका अगला वर्ज़न ‘ओ’ होगा। क्या मिठाई बनेगी इस ‘ओ’ से, इसके बारे में सोचें। गूगल ने कभी यह स्पष्ट नहीं किया कि नामों का यह मिठास क्यों है।

क्या कोई ऐसा देश भी है जहाँ जेल नहीं हैं?

वैटिकन सिटी में जेल नहीं है। वहाँ पुलिस व्यवस्था है और न्याय व्यवस्था भी। यहाँ किसी व्यक्ति को सजा होती भी है तो उसे इटली की जेलों में रखा जाता है। वैटिकन सिटी को सम्प्रभुता सम्पन्न राज्य की मान्य परिभाषाओं में रखा जा सकता है, पर वह संयुक्त राष्ट्र का सदस्य नहीं केवल स्थायी पर्यवेक्षक है। इस देश की अपनी सेना नहीं है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 23 जुलाई को प्रकाशित

पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आई एस आई का पूरा नाम क्या है?


पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आई एस आई का पूरा रूप है इन्टर सर्विसेज इन्टैलिजेन्स. इसकी नींव एक ब्रिटिश सेना अधिकारी मेजर जनरल आर कॉथोम ने 1948 में रखी थी जो उस समय पाकिस्तानी सेना के डिप्टी चीफ़ ऑफ़ स्टाफ थे. पाकिस्तान के राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अयूब ख़ान ने 1950 के दशक में इस एजेंसी की भूमिका बढ़ाई. इसका काम है विदेशी और घरेलू ख़ुफ़िया जानकारी जुटाना, सेना की तीनों शाखाओं के बीच समन्वय रखना, प्रसार माध्यमों, दूरसंचार, पाकिस्तानी राजनेताओं, विदेशी और पाकिस्तानी राजनयिकों पर नज़र रखना और गुप्त रूप से आक्रामक अभियान चलाना आदि.

पानी की पाइप लाइन में जमा सफेद पदार्थ क्या है?

इसे चूना जमा हो जाना (लाइम-स्केल या लाइम डिपॉजिट) कहते हैं। केवल पाइपों में ही नहीं बाथरूम की टोंटियों, बॉयलरों, पानी गरम करने वाली केतलियों, गीजर और पानी गरम करने वाले ऐसे ही दूसरे उपकरणों में आप चॉक जैसा जो पदार्थ देखते हैं, वह पानी की कठोरता को बताता है। पानी जितना हार्ड होगा यह जमाव उतना ही ज्यादा नजर आएगा। इस पदार्थ में मुख्यतः कैल्शियम कार्बोनेट होता है। खारे या कठोर पानी में प्रायः कैल्शियम (और मैग्नीशियम) बाइकार्बोनेट या ऐसे ही आयन होते हैं। 

धातु पर जमा इस चूने को हटाने के लिए आमतौर पर तेजाबों का इस्तेमाल किया जाता है, जो क्षारीय कार्बोनेट के साथ प्रतिक्रिया करके उन्हें हटाने में मददगार होते हैं। एसिटिक अम्ल एक सरलतम कार्बोक्जीलिक अम्ल है। घरों में इसके तरल विलयन का उपयोग डी-स्केलिंग एजेंट के तौर पर किया जाता है। पानी को मृदु बनाने वाली तकनीकों का इस्तेमाल करके स्केलिंग को रोका जा सकता है।

अखबार के हाशिए पर रंगीन गोले क्यों बने होते हैं?

ये गोले चार रंग के होते हैं। ये रंग हैं नीला(सायना), लाल(मजेंटा), पीला(यलो) और काला(की या ब्लैक)। इन्हें संक्षेप में सीएमवाईके कहते हैं। अखबारों में छपाई के लिए इन चार रंगों की स्याही इस्तेमाल की जाती है। इन चारों रंगों के संयोग से ही तस्वीरों और अक्षरों के सारे रंग बनते हैं। चारों रंग की प्लेटें ठीक से लगी हैं या नहीं। रंगों का यह मिलान गोलों, क्रॉस के निशानों या ऐसे ही दूसरे निशानों की मदद से किया जाता है। इन गोलों या लकीरों में जब चारों रंग सही जगह पर आ जाते हैं तब माना जाता है कि सभी रंग ठीक जगह हैं। इसे रजिस्ट्रेशन कहने हैं।

कंप्यूटर के हर बटन पर एक अक्षर होता है, लेकिन स्पेस बार पर नहीं। ऐसा क्यों?

कम्प्यूटर की-बोर्ड मूलतः टाइपराइटर के की-बोर्ड पर आधारित है। पर उसके फंक्शन ज्यादा हैं और उनके लिए अलग से निशान हैं। टाइपराइटर में भी स्पेसबार सबसे नीचे होता था और ब्लैंक स्पेस को बढ़ाने का काम करता था। चूंकि शब्दों के बीच ब्लैंक यानी खाली स्पेस के लिए उसका इस्तेमाल होता था, इसलिए उसपर कुछ भी लिखने की जरूरत नहीं थी। खाली यानी खाली स्पेस। शुरुआती मशीनों में यह बार काफी लम्बा होता था, पूरे की-बोर्ड की चौड़ाई वाला। इसका एक लाभ यह था कि किसी भी उँगली से इसे दबाया जा सकता था। अब कंप्यूटर में सबसे नीचे कंट्रोल, फंक्शन, ऑल्ट और विंडोज़ के अलावा नेवीगेशन एरोज़ भी आ गए हैं, इसलिए स्पेसबार छोटा होता जा रहा है।   

मिर्च से मुँह क्यों जलता है?
वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके तीखेपन के पीछे ‘कैपसाईपिनोइड’ पदार्थ है जो मिर्च को फफूंद से बचाता है। इसका तीखापन हमारे स्वाद का हिस्सा बन गया है। अलबत्ता मिर्च स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी है। इसमें अमीनो एसिड, एस्कॉर्बिक एसिड, फॉलिक एसिड, सिट्रिक एसिड, ग्लीसरिक एसिड, मैलिक एसिड जैसे कई तत्व होते है जो हमारे स्वास्थ्य के साथ–साथ शरीर की त्वचा के लिए भी फायदेमंद होते हैं।



Sunday, October 8, 2017

दुनिया में कितने सक्रिय ज्वालामुखी हैं?

दुनिया में सक्रिय ज्वालामुखियों की नवीनतम संख्या 1,343 है। इनमें वे ज्वालामुखी भी शामिल हैं, जो समुद्र में पानी के भीतर हैं। इंडोनेशिया में जहाँ 13,600 द्वीप हैं, 76 सक्रिय ज्वालामुखी हैं। अलबत्ता इंडोनेशिया के ज्ञात इतिहास में 1,171 ज्वालामुखियों के फूटने और जापान में 1,274 ज्वालामुखी फूटने का विवरण मिलता है।

पहिया सबसे पहले कब और कहां बना ?

पहिए का विवरण मेसोपोटामिया, उत्तरी कॉकेशस, मध्य यूरोप, मिस्र से लेकर सिंध घाटी तक हर जगह मिलता है। इसलिए यह कहना मुश्किल है कि सबसे पहले यह कहाँ बना। ऐसा लगता है कि मनुष्य ने सबसे पहले लकड़ी के लट्ठों को लुढ़का कर उनके सहारे भारी चीजें खिसकाना सीखा। बाद में यही लट्ठा छोटा होकर पहिया बना।

दूर की बड़ी वस्तु की तुलना में निकट की छोटी वस्तु भी बड़ी क्यों नज़र आती है?

चित्रकला में इसे पर्सपेक्टिव कहा जाता है। जब आप किसी दृश्य का चित्रांकन करना चाहते हैं तो दूर की चीजों का आकार छोटा होता जाता है। समांतर रहने वाली रेल पटरियाँ भी कहीं आपस में मिलती नज़र आती हैं। किसी लम्बे गलियारे का फोटोग्राफ आप देखें तो दूर वाला हिस्सा छोटा होता जाता है। इसका सम्बन्ध हमारी दृष्टि और प्रकाश की किरणों से है। ज्यामितीय गणित में इस विषय का अध्ययन भी किया जाता है।

जीडीपी क्या है?

जीडीपी है ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट अर्थात सकल घरेलू उत्पाद। पूरे देश की आर्थिक गतिविधियों को एक साथ जोड़कर एक जगह रखें तो जो हिसाब बनेगा वह है जीडीपी। आर्थिक गतिविधियों में उत्पादन और सेवाएं दोनों शामिल हैं। उत्पादन में उद्योगों, खेती और तमाम छोटे धंधों का काम शामिल है। सेवाएं मुख्यत: चिकित्सा, शिक्षा, हॉस्पिटैलिटी यानी होटल और टेलीफोन आदि की हैं। देश के निजी और सरकारी उपभोग, पूँजी निवेश और सभी गतिविधियों का वास्तविक मूल्य जोड़कर प्राप्त राशि को देश की जनसंख्या से भाग देने पर जो राशि प्राप्त होती है वह औसत प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद है। इसमें होने वाली वृद्धि के प्रतिशत के आधार पर हम अपनी प्रगति को आँकते हैं।

फल और सब्जी में अंतर क्या होता है?

यदि आपसे पूछा जाए कि आम फल है या सब्जी, तो आप आसानी से जवाब दे देंगे कि फल है। और पूछें कि लौकी के बारे में पूछें तो बता देंगे कि सब्जी। पर टमाटर, कद्दू या पके कटहल को लेकर संदेह होता है। वनस्पति विज्ञान के लिहाज से तीनों फल हैं। बल्कि इस सूची में काफी चीजें ऐसी हैं, जिन्हें हम सब्जी मानते हैं, वे फल हैं। 

सामान्यतः खाद्य वनस्पति जिसमें बीज होते हैं फल है और जिसमें बीज नहीं होते सब्जी है। इस परिभाषा से तमाम फलियाँ, मटर और खीरा तक फल हैं। वनस्पति विज्ञान के अनुसार बादाम, अखरोट, मूँगफली यानी नट भी फल हैं। अनाज भी, क्योंकि सब बीज हैं।

सवाल है कि तब सब्जी क्या है? पौधे में फल के अलावा जो कुछ खाद्य है वह सब्जी है। मसलन जड़ जैसे गाजर, मूली, पत्ते जैसे पालक, मेथी तना जैसे अदरक, फूल जैसे फूलगोभी और कंद जैसे आलू। तब फिर हम बहुत से फलों को सब्जी क्यों कहते हैं? यह परंपराओं की वजह से है। हमने स्वाद के आधार पर फल तय किए हैं। कटहल (जैकफ्रूट) की सब्जी भी बनती है और उसे पके फल की तरह भी खाते हैं। केले और पपीते का इस्तेमाल भी सब्जी की तरह होता है। 
राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम क्या है?

व‌र्ल्ड इकोनॉमिक फोरम, जिनीवा स्थित एक गैर-सरकारी संस्था है, जो वैश्विक प्रश्नों पर विचार करती है. हर साल स्विट्ज़रलैंड के दावोस शहर में होने वाली बैठक के कारण यह प्रसिद्ध है. इस बैठक में दुनिया भर के उद्योगपति, राजनैतिक नेता, पत्रकार और बुद्धिजीवी हिस्सा लेते हैं. एक-प्रकार से यह संस्था सरकारों और निजी उद्योग जगत के बीच सेतु का काम भी करती है. इस संस्था की शुरुआत 1971 में क्लॉस मार्टिन शाबे नाम के बिजनेस प्रोफेसर ने जिनीवा में की थी. तब इसका नाम था युरोपियन मैनेजमेंट फोरम. तब यह एक तरह से बिजनेस से जुड़े लोगों की संस्था थी. धीरे-धीरे इसका रूप बदलता गया और 1987 में इसका नाम वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम हो गया.

हम जम्हाई क्यों लेते हैं?

जम्हाई मनुष्य ही नहीं जानवर भी लेते हैं. इसके शारीरिक और मानसिक कारणों पर अनुसंधान चल ही रहा है. पहले यह देखें कि जम्हाई के दौरान होता क्या है. यह एक प्रकार का रिफ्लेक्स है, जिसमें शरीर में खिंचाव आता है. हाथ-पैर से लेकर चेहरे तक पर इसका असर होता है. मुँह खोलकर व्यक्ति हवा खींचता है. जबड़े से लेकर कान के ड्रम तक खिंचते हैं. एक क्षण बाद व्यक्ति हवा छोड़ता है और शरीर सामान्य हो जाता है. आमतौर पर काफी काम करने के बाद, तनाव में, नर्वस होने पर या भूख न लगने या ऊबने पर जम्हाई आती है. एक विचार है कि मस्तिष्क के तापमान को कम करने के लिए जम्हाई आती है. ब्रेन के न्यूरोट्रांसमिटर्स के सक्रिय होने पर जम्हाई आती है. बहरहाल इसका भावनाओं, मूड और भूख से सम्बन्ध है. ऐसे में शरीर के जो रसायन सक्रिय होते हैं उनमें सेरोटोनिन, डोपानाइन, ग्लुटैमिक एसिड और नाइट्रिक एसिड के रिसाव से जम्हाई का रिश्ता है. जम्हाई शरीर को सजग करती है और नर्वसनेस से लड़ती है. अनुसंधानों से पता लगता है कि हवाई जहाज से जम्प लगाने के पहले पैराट्रुपर्स जम्हाई लेते हैं.

हमारे यहाँ 220 वोल्ट की बिजली आती है, अमेरिका में 110. ऐसा क्यों?

जिस तरह किसी पाइप के मार्फत पानी एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाया जाता है उसी तरह बिजली के सर्किट में इलेक्ट्रॉन और दूसरे चार्ज कैरियर्स को आगे बढ़ाने का काम किया जाता है. पानी पर जितना ज्यादा प्रेशर होगा उतनी ज्यादा मात्रा में पानी दूसरे बिन्दु पर पहुँचेगा. जितने हाई वोल्ट पर बिजली सप्लाई होगी उतना लाइन लॉस कम होगा. चूंकि हाई वोल्टेज में दुर्घटना का खतरा भी है इसलिए एक सुरक्षित सीमा में वोल्टेज रखी जाती है. दुनिया भर के देशों में वोल्टेज की असमानता है. हाई वोल्टेज को सम्हालने के लिए केबल की क्षमता भी उसी के अनुरूप होती है. अमेरिका में घरों में सप्लाई 120 वोल्ट में होती है और यूरोप तथा भारत सहित अनेक देशों में 220-230 वोल्ट में. इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, भारत, पाकिस्तान, नेपाल जैसे देशों में 230 वोल्ट में सप्लाई होती है. जापान में 100, मैक्सिको में 127 और कनाडा में 120 वोल्ट.

इंदिरा गांधी को प्रियदर्शिनी क्यों कहते हैं?

इंदिरा गांधी का पूरा नाम था इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू. कहते हैं गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने उन्हें प्रियदर्शिनी नाम दिया था. फीरोज़ गांधी से विवाह के कारण उनके नाम के साथ गांधी शब्द जुड़ गया.

दवा के साथ दारू और कपड़ा के साथ लत्ता क्यों?

कपड़ा-लत्ता, लत्ता भी कपड़ा ही है. दवा-दारू में दारू का अर्थ उपचार है, शराब नहीं. सामान-वामान में ध्वनि की आवृत्ति है. ये बोलचाल के शब्द हैं. वाचिक भाषा में इनसे लालित्य आता है. संवाद में स्वाभाविकता लाने के लिए इनका इस्तेमाल होता है. ऐसे और शब्द भी हैं. जैसे फलाना-ढिकाना, आंय-बांय-शांय, अंड-बंड वगैरह. 
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

Monday, October 2, 2017

'इंडो-चायना' कहाँ है?


इंडो-चायना या हिन्द-चीन प्रायद्वीप दक्षिण पूर्व एशिया का एक उप क्षेत्र है। यह इलाक़ा चीन के दक्षिण-पश्चिम और भारत के पूर्व में पड़ता है। इसके अंतर्गत कम्बोडिया, लाओस और वियतनाम को रखा जाता है, पर वृहत् अर्थ में म्यांमार, थाईलैंड, मलय प्रायद्वीप और सिंगापुर को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। यह नाम जहाँ भौगोलिक उपस्थिति को बताता है, वहीं इस इलाके की सांस्कृतिक संरचना को भी दर्शाता है। अतीत में इस नाम का ज्यादातर इस्तेमाल इस इलाके के फ्रांसीसी उपनिवेश इंडो-चाइना (वियतनाम, कम्बोडिया और लाओस) के लिए हुआ।
इस इलाके में बड़ी संख्या में चीन से आए लोग रहते हैं, पर सांस्कृतिक रूप से भारत का यहाँ जबर्दस्त प्रभाव है। प्राचीनतम संपर्क के प्रमाण म्यांमार की पहली सदी की प्‍यू बस्तियों के उत्खनन में देखे जा सकते हैं। प्‍यू वास्तुकला, सिक्कों, हिंदू देवी-देवताओं और बुद्ध की मूर्तियों और पुरालेख में देखे जा सकते हैं। अंगकोरवाट एवं ता प्रोह्म जैसे कंबोडिया के विख्यात मंदिरों के अलावा मध्‍य थाईलैंड का द्वारावती साम्राज्य छठी सदी से लेकर 13 वीं सदी फला-फूला। गुप्त काल में, जो चौथी से छठी सदी ईसवी तक फला-फूला, मलय प्रायद्वीप, वियतनाम और थाईलैंड के समुद्र-तटों के साथ सामुद्रिक संबंध थे। ओडिशा में ताम्रलिप्ति से मलक्का जलडमरूमध्य के माध्यम से दक्षिण पूर्व तक व्यापार नेटवर्क था।
गुप्त वंश ने दक्षिण पूर्व एशिया के शासकों के लिए राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक एकीकरण का एक मॉडल उपलब्ध कराया। इस इलाके में भारतीय प्रतिमा-कला, संस्कृत भाषा और धार्मिक परिपाटियों का प्रभाव था। इस इलाके में रामकथा आज भी रंगमंच पर खेली जाती है। थाईलैंड के खोराट पठार में छठी सदी के संस्कृत शिलालेख हैं। उसी समयावधि के शिलालेख कंबोडिया के साथ-साथ ट्रुओंग साने रेंज में वियतनाम के समुद्र-तट के साथ-साथ भी पाए जाते हैं। सम्राट अशोक ने म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया, वियतनाम के साथ-साथ मलय प्रायद्वीप तक बौद्ध भिक्षुओं को भेजा।
हालांकि, हिंदू धर्म ने प्रमुख धर्म के रूप में इधर जड़ें नहीं जमाईं पर हिंदू ग्रंथ पूरे दक्षिण पूर्व एशिया की संस्कृति का हिस्सा बने। थाई महाकाव्य, रामाकिएन रामायण पर आधारित है, और अयोत्‍थाया का शहर अयोध्या के नाम पर रखा गया। लाओस में, रामायण के लोकप्रिय संस्करण को फा लाक फा लाम कहा जाता है। कम्बोडिया का प्राचीन मंदिर अंगकोर वाट दुनिया का सबसे विशाल हिंदू मंदिर है। यह कम्बोडिया की राजधानी नोम पेन्ह के उत्तर पश्चिम में स्थित है। अंगकोर वाट की स्थापना सूर्यवर्मन द्वितीय ने 1131 में की थी।
इंडो-चायना नाम का श्रेय डेनिश-फ्रेंच भूगोलवेत्ता कोनराड माल्ट-ब्रन को दिया जाता है, जिन्होंने सन 1804 में इस इलाके को इंडो-चिनॉय कहा। उनके बाद 1808 में स्कॉटिश भाषा विज्ञानी जॉन लेडेन ने इस इलाके को इंडो-चायनीस कहा। 

क्या सफेद बाघ की तरह सफेद हाथी भी होते हैं?
दक्षिण पूर्व एशिया के थाईलैंड, म्यांमार, लाओस और कम्बोडिया आदि में सफेद हाथी भी मिलते हैं। इनकी संख्या कम होने के कारण इन्हें महत्वपूर्ण माना जाता है। राजा महाराजा ही इन्हें रखते हैं। हिन्दू परम्परा में सफेद हाथी ऐरावत है इन्द्र की सवारी। पवित्र होने के नाते इस इलाके में सफेद हाथियों से काम भी नहीं कराते। हाथी रखना यों भी खर्चीला काम है, इसलिए सफेद हाथी एक मुहावरा बन गया है।


ज़मीन, हवा और पानी में सबसे तेज रफ्तार वाले जीव कौन हैं ?

सबसे तेज रफ्तार वाला जीव तो इंसान ही है, पर वह अपनी टेक्नोलॉजी की बदौलत। बहरहाल जमीन पर चीता (100 किमी), हवा में पेरेग्राइन फैल्कन या बाज (322 किमी) और पानी में सेलफिश (110 किमी) सबसे तेज रफ्तार वाले जीव हैं।

जब भाषाएं नहीं थीं तब इंसान कैसे बात करते थे?
आप इस चीज़ को छोटे बच्चों में देखने की कोशिश करें। वे भाषा को नहीं जानते, पर अपनी बात कह लेते हैं। मनुष्य की मूल प्रवृत्ति संचार की है। भाषा का विकास अपने आप होता गया और हो रहा है। जब भाषाएं नहीं बनीं थीं तब भी आवाजों, इशारों की भाषा थी।



राजस्थान पत्रिका के 25 जून 2017 के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित



रोहिंग्या कौन हैं?


रोहिंग्या समुदाय को अराकानी भारतीय भी कहा जाता है. ये म्यांमार के अराकान या रखाइन इलाके में रहते हैं. इनकी कुल संख्या करीब 10 से 13 लाख के बीच है. इनमें बहुसंख्यक मुसलमान हैं, इसलिए इन्हें रोहिंग्या मुसलमान कहा जाता है. यों इनके बीच एक छोटी संख्या हिंदुओं की भी है. म्यांमार के सन 1982 के राष्ट्रीयता कानून के उपबंधों के कारण ये नागरिकता से वंचित हो गए हैं. हालांकि इनका इतिहास आठवीं सदी से शुरू होता है, पर म्यांमार ने जिन आठ प्रजातियों को अपना मूल निवासी माना है, उनमें इनका नाम नहीं है. म्यांमार सरकार मानती है कि ये लोग बांग्लादेश से आए हैं. वह इन्हें रोहिंग्या नहीं बंगाली कहती है. इन लोगों के खिलाफ 1978, 1991-92, 2012, 2015 और 2016-17 में सैनिक कार्रवाइयाँ भी की गईं.

रोहिंग्या संगठन अराकान रोहिंग्या नेशनल ऑर्गनाइजेशन म्यांमार के भीतर आत्म निर्णय के अधिकार की माँग कर रहा है. म्यांमार सरकार का आरोप है कि रोहिंग्या लोगों को भड़काने के लिए इस्लामी कट्टरपंथियों के अंतरराष्ट्रीय संगठन भी सक्रिय हैं. इनके बीच अराकान रोहिंग्या सॉल्वेशन आर्मी (एआरएसए) नाम से एक संगठन भी बना है, जिसे हरकाह अल-यक़ीन भी कहा जाता है. इस संगठन का नेतृत्व अता उल्ला नाम का रोहिंग्या मूल का व्यक्ति करता है, जिसका जन्म पाकिस्तान के कराची शहर में हुआ था और जो सउदी अरब में पला-बढ़ा. म्यांमार सरकार का आरोप है कि 25 अगस्त 2017 को इस संगठन के लोगों ने राथेदोंग कस्बे में 20 पुलिस चौकियों पर हमला किया, जिसमें सुरक्षा सैनिकों के अलावा दर्जनों मौतें हुईं. इस घटना के बाद से म्यांमार की सेना के अत्याचार और बढ़ गए हैं. अगस्त में शुरू हुई हिंसा के बाद से अब तक करीब 3,79,000 रोहिंग्या शरणार्थी सीमा पार करके बांग्लादेश में शरण ले चुके हैं.

गीला फर्श चमकदार क्यों लगता है?

आप किसी चीज को तभी देखते हैं तब प्रकाश की किरणें उस वस्तु से टकराकर आप तक आती हैं. तब प्रकाश की किरण किसी सतह पर पड़ती है तब वह उसी कोण से परावर्तित भी होती है. इस परावर्तन का नियम कहते हैं. आप जिस सतह को देखते हैं वह कितनी भी चिकनी हो, जब आप उसे बारीकी से देखेंगे तो पाएंगे कि वह खुरदुरी है. उसपर पड़ने वाली प्रकाश की किरणें कई दिशाओं में परावर्तित होती हैं. पर जब सतह पर पानी होता है तो वह चिकनी होती है, क्योंकि पानी की सतह उसके ऊपर आ जाती है. ऐसे में प्रकाश की किरण उसी दिशा में सीधे वापस आती हैं. इससे वह सतह चमकदार लगने लगती है.

कुछ जानवर हमारे दोस्त होते हैं और कुछ नहीं, ऐसा क्यों?

जो जानवर समुदाय, समूह या ग्रुप में रहते हैं उनमें से कुछ को पालना आसान होता है. इस तरह से हम उनके समुदाय के अंग बन जाते हैं. चूंकि हम उन्हें भोजन, पानी के अलावा दोस्ती भी देते हैं, वे बदले में दोस्तों जैसा व्यवहार करते हैं. समुदायों में रहने वाले सभी जानवरों को पाला नहीं जा सकता. जंगली कुत्ते और जंगली घोड़े भी होते हैं. फिर लाखों-करोड़ों साल के विकास के दौरान उनकी प्रवृत्तियाँ भी विकसित होती गईं हैं.

पुराने लोगों की हैंडराइटिंग इतनी सुंदर क्यों होती थी?

टाइपराइटर के आविष्कार के पहले तक हस्तलेख ही एक तरीका था. तब साफ लिखने पर जोर था. साफ लिखने की ट्रेनिंग दी जाती थी. मुझे याद है बचपन में सुलेख हमारा एक विषय होता था. अब हाथ से लिखने का मौका हमें बहुत कम मिलता है, इसलिए हैंडराइटिंग उतनी अच्छी नहीं है.

पुलिस कंट्रोल रूम का नम्बर 100 क्यों होता है?

भारत में पुलिस कंट्रोल रूम का नम्बर 100 होता है. ऐसा नम्बर जो आसानी से याद रहे. यूरोप के कई देशों में यह 112 है. इंग्लैंड में 999 और अमेरिका तथा कनाडा में 911. बांग्लादेश में भी 999 है. जापान, चीन और इंडोनेशिया में 110, पाकिस्तान में 15, श्रीलंका में 119.


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