Monday, October 2, 2017

रोहिंग्या कौन हैं?


रोहिंग्या समुदाय को अराकानी भारतीय भी कहा जाता है. ये म्यांमार के अराकान या रखाइन इलाके में रहते हैं. इनकी कुल संख्या करीब 10 से 13 लाख के बीच है. इनमें बहुसंख्यक मुसलमान हैं, इसलिए इन्हें रोहिंग्या मुसलमान कहा जाता है. यों इनके बीच एक छोटी संख्या हिंदुओं की भी है. म्यांमार के सन 1982 के राष्ट्रीयता कानून के उपबंधों के कारण ये नागरिकता से वंचित हो गए हैं. हालांकि इनका इतिहास आठवीं सदी से शुरू होता है, पर म्यांमार ने जिन आठ प्रजातियों को अपना मूल निवासी माना है, उनमें इनका नाम नहीं है. म्यांमार सरकार मानती है कि ये लोग बांग्लादेश से आए हैं. वह इन्हें रोहिंग्या नहीं बंगाली कहती है. इन लोगों के खिलाफ 1978, 1991-92, 2012, 2015 और 2016-17 में सैनिक कार्रवाइयाँ भी की गईं.

रोहिंग्या संगठन अराकान रोहिंग्या नेशनल ऑर्गनाइजेशन म्यांमार के भीतर आत्म निर्णय के अधिकार की माँग कर रहा है. म्यांमार सरकार का आरोप है कि रोहिंग्या लोगों को भड़काने के लिए इस्लामी कट्टरपंथियों के अंतरराष्ट्रीय संगठन भी सक्रिय हैं. इनके बीच अराकान रोहिंग्या सॉल्वेशन आर्मी (एआरएसए) नाम से एक संगठन भी बना है, जिसे हरकाह अल-यक़ीन भी कहा जाता है. इस संगठन का नेतृत्व अता उल्ला नाम का रोहिंग्या मूल का व्यक्ति करता है, जिसका जन्म पाकिस्तान के कराची शहर में हुआ था और जो सउदी अरब में पला-बढ़ा. म्यांमार सरकार का आरोप है कि 25 अगस्त 2017 को इस संगठन के लोगों ने राथेदोंग कस्बे में 20 पुलिस चौकियों पर हमला किया, जिसमें सुरक्षा सैनिकों के अलावा दर्जनों मौतें हुईं. इस घटना के बाद से म्यांमार की सेना के अत्याचार और बढ़ गए हैं. अगस्त में शुरू हुई हिंसा के बाद से अब तक करीब 3,79,000 रोहिंग्या शरणार्थी सीमा पार करके बांग्लादेश में शरण ले चुके हैं.

गीला फर्श चमकदार क्यों लगता है?

आप किसी चीज को तभी देखते हैं तब प्रकाश की किरणें उस वस्तु से टकराकर आप तक आती हैं. तब प्रकाश की किरण किसी सतह पर पड़ती है तब वह उसी कोण से परावर्तित भी होती है. इस परावर्तन का नियम कहते हैं. आप जिस सतह को देखते हैं वह कितनी भी चिकनी हो, जब आप उसे बारीकी से देखेंगे तो पाएंगे कि वह खुरदुरी है. उसपर पड़ने वाली प्रकाश की किरणें कई दिशाओं में परावर्तित होती हैं. पर जब सतह पर पानी होता है तो वह चिकनी होती है, क्योंकि पानी की सतह उसके ऊपर आ जाती है. ऐसे में प्रकाश की किरण उसी दिशा में सीधे वापस आती हैं. इससे वह सतह चमकदार लगने लगती है.

कुछ जानवर हमारे दोस्त होते हैं और कुछ नहीं, ऐसा क्यों?

जो जानवर समुदाय, समूह या ग्रुप में रहते हैं उनमें से कुछ को पालना आसान होता है. इस तरह से हम उनके समुदाय के अंग बन जाते हैं. चूंकि हम उन्हें भोजन, पानी के अलावा दोस्ती भी देते हैं, वे बदले में दोस्तों जैसा व्यवहार करते हैं. समुदायों में रहने वाले सभी जानवरों को पाला नहीं जा सकता. जंगली कुत्ते और जंगली घोड़े भी होते हैं. फिर लाखों-करोड़ों साल के विकास के दौरान उनकी प्रवृत्तियाँ भी विकसित होती गईं हैं.

पुराने लोगों की हैंडराइटिंग इतनी सुंदर क्यों होती थी?

टाइपराइटर के आविष्कार के पहले तक हस्तलेख ही एक तरीका था. तब साफ लिखने पर जोर था. साफ लिखने की ट्रेनिंग दी जाती थी. मुझे याद है बचपन में सुलेख हमारा एक विषय होता था. अब हाथ से लिखने का मौका हमें बहुत कम मिलता है, इसलिए हैंडराइटिंग उतनी अच्छी नहीं है.

पुलिस कंट्रोल रूम का नम्बर 100 क्यों होता है?

भारत में पुलिस कंट्रोल रूम का नम्बर 100 होता है. ऐसा नम्बर जो आसानी से याद रहे. यूरोप के कई देशों में यह 112 है. इंग्लैंड में 999 और अमेरिका तथा कनाडा में 911. बांग्लादेश में भी 999 है. जापान, चीन और इंडोनेशिया में 110, पाकिस्तान में 15, श्रीलंका में 119.


2 comments:

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 94वीं पुण्यतिथि : कादम्बिनी गांगुली और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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  2. महत्वपूर्ण जानकारी

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