वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम, जिनीवा स्थित एक गैर-सरकारी संस्था है, जो वैश्विक प्रश्नों पर विचार करती है. हर साल स्विट्ज़रलैंड के दावोस शहर में होने वाली बैठक के कारण यह प्रसिद्ध है. इस बैठक में दुनिया भर के उद्योगपति, राजनैतिक नेता, पत्रकार और बुद्धिजीवी हिस्सा लेते हैं. एक-प्रकार से यह संस्था सरकारों और निजी उद्योग जगत के बीच सेतु का काम भी करती है. इस संस्था की शुरुआत 1971 में क्लॉस मार्टिन शाबे नाम के बिजनेस प्रोफेसर ने जिनीवा में की थी. तब इसका नाम था युरोपियन मैनेजमेंट फोरम. तब यह एक तरह से बिजनेस से जुड़े लोगों की संस्था थी. धीरे-धीरे इसका रूप बदलता गया और 1987 में इसका नाम वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम हो गया.
हम जम्हाई क्यों
लेते हैं?
जम्हाई मनुष्य ही
नहीं जानवर भी लेते हैं. इसके शारीरिक और मानसिक कारणों पर अनुसंधान चल ही रहा है.
पहले यह देखें कि जम्हाई के दौरान होता क्या है. यह एक प्रकार का रिफ्लेक्स है, जिसमें शरीर में खिंचाव आता है. हाथ-पैर से लेकर चेहरे तक
पर इसका असर होता है. मुँह खोलकर व्यक्ति हवा खींचता है. जबड़े से लेकर कान के ड्रम
तक खिंचते हैं. एक क्षण बाद व्यक्ति हवा छोड़ता है और शरीर सामान्य हो जाता है.
आमतौर पर काफी काम करने के बाद, तनाव में, नर्वस होने पर या भूख न लगने या ऊबने पर जम्हाई आती है. एक
विचार है कि मस्तिष्क के तापमान को कम करने के लिए जम्हाई आती है. ब्रेन के
न्यूरोट्रांसमिटर्स के सक्रिय होने पर जम्हाई आती है. बहरहाल इसका भावनाओं, मूड और भूख से सम्बन्ध है. ऐसे में शरीर के जो रसायन सक्रिय
होते हैं उनमें सेरोटोनिन, डोपानाइन, ग्लुटैमिक एसिड और नाइट्रिक एसिड के रिसाव से जम्हाई का
रिश्ता है. जम्हाई शरीर को सजग करती है और नर्वसनेस से लड़ती है. अनुसंधानों से पता
लगता है कि हवाई जहाज से जम्प लगाने के पहले पैराट्रुपर्स जम्हाई लेते हैं.
हमारे यहाँ 220 वोल्ट की बिजली आती है, अमेरिका में 110. ऐसा क्यों?
जिस तरह किसी
पाइप के मार्फत पानी एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाया जाता है उसी तरह बिजली के
सर्किट में इलेक्ट्रॉन और दूसरे चार्ज कैरियर्स को आगे बढ़ाने का काम किया जाता है.
पानी पर जितना ज्यादा प्रेशर होगा उतनी ज्यादा मात्रा में पानी दूसरे बिन्दु पर
पहुँचेगा. जितने हाई वोल्ट पर बिजली सप्लाई होगी उतना लाइन लॉस कम होगा. चूंकि हाई
वोल्टेज में दुर्घटना का खतरा भी है इसलिए एक सुरक्षित सीमा में वोल्टेज रखी जाती
है. दुनिया भर के देशों में वोल्टेज की असमानता है. हाई वोल्टेज को सम्हालने के
लिए केबल की क्षमता भी उसी के अनुरूप होती है. अमेरिका में घरों में सप्लाई 120 वोल्ट में होती है और यूरोप तथा भारत सहित अनेक देशों में 220-230 वोल्ट में. इंग्लैंड,
फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, भारत, पाकिस्तान, नेपाल जैसे देशों में 230
वोल्ट में सप्लाई
होती है. जापान में 100,
मैक्सिको में 127 और कनाडा में 120 वोल्ट.
इंदिरा गांधी को
प्रियदर्शिनी क्यों कहते हैं?
इंदिरा गांधी का
पूरा नाम था इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू. कहते हैं गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने
उन्हें प्रियदर्शिनी नाम दिया था. फीरोज़ गांधी से विवाह के कारण उनके नाम के साथ
गांधी शब्द जुड़ गया.
दवा के साथ दारू और कपड़ा के साथ लत्ता क्यों?
कपड़ा-लत्ता, लत्ता
भी कपड़ा ही है. दवा-दारू में दारू का अर्थ उपचार है, शराब नहीं. सामान-वामान में ध्वनि
की आवृत्ति है. ये बोलचाल के शब्द हैं. वाचिक भाषा में इनसे लालित्य आता है. संवाद
में स्वाभाविकता लाने के लिए इनका इस्तेमाल होता है. ऐसे और शब्द भी हैं. जैसे
फलाना-ढिकाना, आंय-बांय-शांय, अंड-बंड वगैरह.
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित
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