फास्टैग भारत का
इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है. दुनिया के अलग-अलग देशों में टोल कलेक्शन की
इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियाँ हैं. फास्टैग का संचालन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण
(एनएचएआई) करता है. यह सिस्टम इस साल 15 दिसंबर से पूरे देश में लागू हो गया है. इस
प्रकार एनएचएआई के अधीन काम करने वाले सभी 560 टोल प्लाजा इसके अंतर्गत आ गए हैं. इसकी
शुरुआत 4 नवम्बर 2014 में अहमदाबाद और मुम्बई के बीच स्वर्ण चतुर्भुज राजमार्ग पर
हुई थी. जुलाई 2015 में चेन्नई-बेंगलुरु राजमार्ग के टोल प्लाजा इसके सहारे भुगतान
को स्वीकार करने लगे. इसके कारण अब राजमार्गों पर बने टोल प्लाजा काउंटरों के
सामने लाइनें लगना बंद हो जाएगा. सरकार ने सभी वाहन स्वामियों के लिए फास्टैग
अनिवार्य कर दिया है. फास्टैग को अमेज़न डॉट इन के अलावा बैंकों से खरीदा जा सकता
है. पिछले कुछ समय से देश में बिकने वाले नए वाहनों में फास्टैग पहले से लगा होता
है. शुरुआत में टोल प्लाजा पर एक लेन ऐसी भी होगी, जिसमें नकद भुगतान स्वीकार किया
जा सकेगा. फास्टैग वाहन पर नहीं लगाएंगे, तो ऐसे वाहनों को टोल प्लाजा पर सिर्फ एक
लेन से गुजरने की अनुमति मिलेगी और उन्हें जाम से जूझना पड़ सकता है.
यह कैसे काम करता
है?
यह रेडियो फ्रीक्वेंसी
आइडैंटिफ़िकेशन (आरएफआईडी) तकनीक पर काम करने वाली प्रणाली है. यह वैसी ही प्रणाली
है, जो मेट्रो ट्रेन के स्मार्ट यात्रा-कार्ड में होती है. यह ऐसी व्यवस्था है, जिसमें वाहन स्वामी टोल
प्लाजा पर या तो अपने किसी प्रीपेड या सेविंग्स बैंक खाते से भुगतान करता है. यह
वाहन के विंड स्क्रीन पर लगा होता है, जिसके कारण टोल प्लाजा पर उसे रुककर भुगतान
नहीं करना होता है और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान हो जाता है. जनवरी 2019 में इंडियन ऑयल,
भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी कंपनियों ने पेट्रोल पम्पों पर
फास्टैग के मार्फत पेट्रोल खरीदने की व्यवस्था भी कर दी थी.
पैसा कहाँ से
आएगा?
फास्टैग पेटीएम
या ऐसे ही किसी वॉलेट से या डैबिट/क्रेडिट कार्ड से जुड़ा
होता है. वाहन के स्वामी को रिचार्ज या टॉप अप करना पड़ता है. यदि यह एकाउंट किसी
बचत खाते से जुड़ा है, तो उसके खाते से पैसा खुद ब खुद कट जाएगा, पर खाते में इतना
पैसा होना चाहिए कि वह कम न पड़े. जैसे ही वाहन टोल प्लाजा पर करेगा वाहन स्वामी
के पास पैसा कटने का एसएमएस आएगा. बैंकों के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण
की ओर से जारी फास्टैग भी उपलब्ध हैं. शुरुआती दिनों में फास्टैग कई तरह के कैशबैक
और छूट भी दे रहे हैं. फास्टैग खरीदने के लिए वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की
एक कॉपी और वाहन स्वामी के पासपोर्ट साइज के फोटो की जरूरत होती है. इसके अलावा
केवाईसी दस्तावेज के रूप में आईडी और एड्रेस प्रूफ की जरूरत होगी. इसके लिए पैन
कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर आईडी, आधार काम करेंगे.
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(20 -12 -2019) को "कैसे जान बचाऊँ मैं"(चर्चा अंक-3555) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता लागुरी 'अनु '
जानकारी युक्त पोस्ट।
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